Mumbai. महाराष्ट्र में विधवा प्रथा अब बंद हो जाएगी। महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए ये कदम उठाया गया है। महाराष्ट्र में अब महिला के विधवा होने पर चूड़ी तोड़ने, सिंदूर पोंछने और मंगलसूत्र को नहीं निकाला जाएगा। इसे लेकर सरकार ने सर्कुलर जारी करदिया है। दरअसल, कोल्हापुर जिले में हेरवाड़ ग्राम पंचायत के विधवा प्रथा को रोकने के निर्णय को महाराष्ट्र सरकार ने पूरे राज्य में लागू करने का फैसला किया है। हेरवाड़ ग्राम पंचायत के विचार के अनुसार काम करने के लिए एक सरकारी परिपत्र जारी किया गया है। ऐसे में अब सभी ग्राम पंचायत इसे लागू किया जाएगा।
सबसे पहले एक ग्राम पंचायत में लागू किया
आपको बता दें कि, महिलाओं के विधवा होने पर उनकी मांग का सिंदूर पोछ दिया जाता है। चूड़ियां तोड़ दी जाती है और मंगलसूत्र से लेकर पांव के पायल भी निकाल दिए जाते हैं। इसी के खिलाफ कोल्हापुर जिले के हेरवाड ग्राम पंचायत के सरपंच सुरगोंडा पाटिल और ग्राम विकास अधिकारी पल्लवी कोलेकर ने बीते 4 मई को इसकी पहल की और ग्रामसभा ने इस प्रस्ताव पेश किया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसकी ठाकरे सरकार ने जमकर तारीफ की, और इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया।
सभी पंचायतों में किया लागू
सरकार ने इस आदेश को सभी ग्राम पंचायतों को जारी किया है। इसका पालन कराने की जिम्मेदारी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपा गया है। हांलाकि अभी इस नियम में किसी भी तरह की सजा का कोई एलान नहीं किया गया है। इस आदेश का पालन कराने के लिए सरकार ने जागरुकता अभियान चलाने को कहा है। इस आदेश की पूरे देश में तारीफ हो रही है।