अहमदाबाद : स्कूली बच्चों को लग रही मादक पदार्थ की लत! ऐसे खुला राज

अहमदाबाद में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां दो किशोरों की जांच की गई तो उनके यूरिन में कोकीन पाया गया। अब यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर उन्हें यह ड्रग कहां से मिली, किशोरों को कौन दे रहा था।

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Raj Singh
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आज की युवा पीढ़ी में नशा तेजी से फैल रहा है। नशे की हालत में पढ़ा-लिखा युवा अपना करियर से लेकर परिवार तक सब बर्बाद कर रहा है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां किशोर नशे के दलदल में फंसे पाए गए। दरअसल, गुजरात के अहमदाबाद में किशोरों में नशे की लत का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह मामला 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले दो किशोरों का है, जिनके यूरिन टेस्ट में कोकीन का अंश पाया गया है। अब यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर उन्हें यह नशा कहां से मिला, किशोरों को कौन दे रहा था। 

जानकारी के मुताबिक, दोनों छात्र जब ट्यूशन से आते थे तो बेसुध होकर सो जाते थे। कुछ दिनों से दोनों अजीब तरह के व्यवहार कर रहे थे। साथ ही उनका चिड़चिड़ापन भी बढ़ गया था। इसके बाद उनके माता-पिता ने डॉक्टर से संपर्क किया तो कोकीन का पता चला। तो चलिए बताते हैं पूरा मामला...

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कैसे खुला राज?

दोनों किशोरों को जब डॉक्टर के पास ले जाया गया तो चौंकाने वाली घटना सामने आई। गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें मनोवैज्ञानिक के पास भेजा। जहां पता चला कि बच्चे ट्यूशन क्लास से निकलने के बाद कॉफी पीने के लिए कॉफी बार में जाते थे। इसके बाद ही बच्चों के साथ ऐसा होने लगा। अधिक जानकारी के लिए मनोवैज्ञानिक ने बच्चों का यूरिन टेस्ट करवाया। रिपोर्ट आने के बाद माता-पिता के साथ बच्चे भी हैरान रह गए। मनोवैज्ञानिक ने रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताया कि उनके यूरिन में कोकीन के अंश पाए गए थे। इसके कारण उनके स्वभाव और व्यवहार में बदलाव देखा गया। 

इस संबंध में मनोवैज्ञानिक ने बताया कि परिजनों ने इलाज के लिए मुझसे संपर्क किया। सबसे पहले मैंने बच्चों की हिस्ट्री को ध्यान में रखते हुए जहां से भी दवा उपलब्ध हुई, उसका इंतजाम किया। समय पर और तुरंत इलाज मिलने से एंटी डिप्रेशन की दवाएं और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की गई। दवाओं का असर शुरुआती स्टेज में होने से बच्चे 3 हफ्ते में ही स्वस्थ हो गए।

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क्या करना चाहिए?

  • अगर आपके बच्चे भी जाने-अनजाने में नशे के शिकार हो जाते हैं, तो माता-पिता को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए।
  • बच्चों और उनके आस-पास के माहौल के प्रति जागरूक रहें।
  • नशे की लत और लत के शुरुआती लक्षणों के बारे में जानें।
  • साथ ही जानें कि ऐसी स्थिति में कौन आपकी मदद कर सकता है।
  • युवाओं में जागरूकता का माहौल बनाने के लिए स्कूल-कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • सरकार ने हाल ही में नशा मुक्ति केंद्र शुरू किए हैं, आप उनसे संपर्क कर सकते हैं, जहां से काउंसलिंग और मदद मिल सकती है। 
  • बच्चों से नियमित रूप से बात करते रहें। उनकी दिनचर्या जानें।

क्या कहती है रिपोर्ट?

नेशनल सर्वे ऑन एक्सटेंट एंड पैटर्न ऑफ सब्सटेंट इन इंडिया (2019) की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 10 से 75 साल के 16 करोड़ (14.6 प्रतिशत) लोग एल्कोहल का सेवन करते हैं। इसमें से 5.2% को इसकी लत है। 3.1 करोड़ लोगों को चरस, भांग और गांजे की लत है। इनमें से 72 लाख लत के शिकार को इलाज की जरूरत पड़ती है। 1.18 करोड़ लोगों को कई कफ सीरप और नींद की गोली के नशे की लत है। 8.5 लाख इंजेक्शन से ड्रग्स लेने के साथ-साथ जाने-अनजाने में हेरोइन का नशा करते हैं।

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