अहमदाबाद विमान हादसा : एअर इंडिया ड्रीमलाइनर का ब्लैक बॉक्स भेजा अमेरिका

एअर इंडिया ड्रीमलाइनर का ब्लैक बॉक्स 13 जून को अहमदाबाद हादसे से बरामद हुआ। ब्लैक बॉक्स से डेटा रिकवरी देश में मुमकिन नहीं, इसलिए इसे अमेरिका भेजा जाएगा। इस हादसे में 270 लोग मारे गए थे।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान क्रैश हो गया। इस हादसे में 270 लोग मारे गए, जिनमें 241 यात्री और 29 क्रू मेंबर्स शामिल थे। 13 जून को ब्लैक बॉक्स मेडिकल हॉस्टल की छत से बरामद किया गया। अब इसे अमेरिका भेजा जाएगा, क्योंकि भारत में डेटा रिकवरी संभव नहीं है।

ब्लैक बॉक्स की भूमिका और महत्व

ब्लैक बॉक्स (Black Box) का काम विमान में हुई दुर्घटनाओं की जांच में महत्वपूर्ण डेटा को संग्रहित करना है। इसमें दो प्रमुख हिस्से होते हैं-

  1. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): इसमें कॉकपिट के अंदर की आवाजें रिकॉर्ड होती हैं, जिसमें पायलट और क्रू के बीच की बातचीत शामिल होती है।
  2. फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): यह विमान के उड़ान के सभी महत्वपूर्ण आंकड़ों को रिकॉर्ड करता है, जैसे विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, और अन्य तकनीकी जानकारी।

अहमदाबाद हादसे में विमान में आग लगने के कारण ब्लैक बॉक्स के इन दोनों हिस्सों को काफी नुकसान हुआ है। इससे डेटा रिकवर करना काफी मुश्किल हो गया है। इसलिए, अब इन दोनों हिस्सों को अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) की लैब में भेजने का निर्णय लिया गया है। इस लैब में यह जांच की जाएगी कि क्या ब्लैक बॉक्स से कुछ डेटा रिकवर किया जा सकता है।

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ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना में 270 लोग मारे गए

12 जून 2025 को, एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के बाद क्रैश हो गई। इसमें कुल 270 लोग सवार थे, जिनमें से 241 लोग मारे गए। हादसे में एक यात्री को बचाया गया, लेकिन बाकी सभी यात्रियों की मौत हो गई। इस दुर्घटना के बाद विमान की जांच शुरू की गई, और ब्लैक बॉक्स बरामद किया गया।

अमेरिका भेजे जाने की प्रक्रिया

ब्लैक बॉक्स के दो प्रमुख हिस्सों को अमेरिका भेजने का फैसला लिया गया है। इसका कारण यह है कि भारतीय जांच एजेंसियों के पास ऐसी कोई लैब नहीं है, जो ब्लैक बॉक्स से डेटा की रिकवरी कर सके। इसलिए, इसे नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के पास भेजा जाएगा, जो विमान दुर्घटनाओं की जांच करने वाली प्रमुख अमेरिकी एजेंसी है।

इस प्रक्रिया के दौरान, भारतीय सरकारी अधिकारी भी अमेरिका जाएंगे ताकि सुरक्षा और गोपनीयता बनी रहे। भारतीय अधिकारियों की निगरानी में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी, ताकि डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और कोई भी संवेदनशील जानकारी लीक न हो।
ब्लैक बॉक्स क्यों कहते हैं?

"ब्लैक बॉक्स" नाम को लेकर कई मान्यताएं हैं। एक के अनुसार, पहले इसके अंदर का हिस्सा काला होता था, इसलिए इसे "ब्लैक बॉक्स" कहा गया। दूसरी मान्यता यह है कि जब विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है और ब्लैक बॉक्स आग से जलकर काला हो जाता है, तब इसे इस नाम से जाना जाता है। हालांकि, यह किसी भी रंग का हो सकता है, लेकिन दुर्घटनाओं में यह काले रंग का ही दिखता है।

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सरकार का कदम और आगे की दिशा

यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि विमान दुर्घटनाओं की जांच में ब्लैक बॉक्स से मिले डेटा से कई अहम तथ्य सामने आ सकते हैं। इससे न केवल दुर्घटना की वजह पता चलेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी सुधार भी किए जा सकते हैं।
भारत सरकार ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है और यह सुनिश्चित किया है कि जांच पूरी पारदर्शिता से की जाए। अधिकारियों का कहना है कि जांच का परिणाम आने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि दुर्घटना के कारण क्या थे और भविष्य में कैसे सुधार किया जा सकता है।

अहमदाबाद विमान हादसा | ब्लैक बॉक्स मिला | एयर इंडिया

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