अमेरिकी अखबार ने ''बीजेपी को दुनिया की सबसे अहम पार्टी बताया''; लिखा- भारत के बिना अमेरिका चीन की बढ़ती शक्ति को नहीं रोक पाएगा

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Jitendra Shrivastava
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अमेरिकी अखबार ने ''बीजेपी को दुनिया की सबसे अहम पार्टी बताया''; लिखा- भारत के बिना अमेरिका चीन की बढ़ती शक्ति को नहीं रोक पाएगा

इंटरनेशनल डेस्क. अमेरिका के प्रमुख अखबार, वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक ऑपिनियन लेख में भारतीय जनता पार्टी को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण पार्टी बताया है। अमेरिका के प्रमुख शिक्षाविद् वाल्टर रसेल मीड के इस लेख में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रीय हितों के नजरिए से, बीजेपी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण विदेशी राजनीतिक पार्टी है। मीड ने लिखा है कि बीजेपी लगातार तीसरी बार साल 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की तरफ बढ़ रही है और आने वाले समय में बीजेपी एक ऐसे देश में अपना दबदबा बना लेगी जिसकी मदद के बिना अमेरिका चीन की बढ़ती शक्ति को नहीं रोक पाएगा। मीड ने लिखा, 'अमेरिक के राष्ट्रीय हितों के नजरिए से, भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे महत्वपूर्ण विदेशी पार्टी है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बीजेपी जो 2014 में सत्ता में आई थी, 2019 में भी सत्ता में आई और 2024 में फिर से जीत की ओर बढ़ रही है।'



भारत के बिना चीन को नहीं रोक पाएगा अमेरिका



लेखक आगे लिखते हैं, 'बीजेपी ऐसे समय में भारतीय राजनीति के शीर्ष पर है जब भारत एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है और जापान के साथ इंडो पैसिफिक में उसकी भूमिका अमेरिकी रणनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। निकट भविष्य में भाजपा एक ऐसे देश में निर्णायक भूमिका निभाएगी जिसकी मदद के बिना चीन की बढ़ती शक्ति को संतुलित करने के अमेरिकी प्रयास विफल हो सकते हैं।' मीड का कहना है कि चूंकि, बीजेपी का राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास बहुत से विदेशियों के लिए बिल्कुल अपरिचित है इसलिए इसे ठीक तरह से समझा नहीं गया है। उनका कहना है कि चुनावों में बीजेपी का प्रभुत्व राष्ट्रीय नवीनीकरण के सामाजिक आंदोलन की सफलता को दिखाता है।



बीजेपी पश्चिमी उदारवाद के कई विचारों को खारिज करती है



वो लिखते हैं, 'मुस्लिम ब्रदरहुड की तरह, बीजेपी पश्चिमी उदारवाद के कई विचारों और प्राथमिकताओं को खारिज करती है, साथ ही यह आधुनिकता की प्रमुख विशेषताओं को भी अपनाती है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की तरह, बीजेपी एक अरब से अधिक लोगों के साथ एक वैश्विक महाशक्ति बनने के लिए एक राष्ट्र का नेतृत्व करने की उम्मीद करती है। इजरायल के लिकुड पार्टी की तरह, बीजेपी लोकलुभावन बयानबाजी और पारंपरिक मूल्यों के साथ मूल रूप से बाजार समर्थक आर्थिक रुख अपनाती है। साथ ही यह उन लोगों को अपने साथ जोड़ती है जिन्होंने महानगरों में रहने वाले पश्चिमी-केंद्रित सांस्कृतिक और राजनीतिक अभिजात वर्ग द्वारा बहिष्कृत और तिरस्कृत महसूस किया है।'



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RSS की शक्ति का डर



मीड ने लिखा है कि अमेरिका विश्लेषक, खासतौर पर जो लेफ्ट-लिबरल विचारधारा वाले हैं, वो अक्सर मोदी पर सवाल उठाते हैं। उनकी चिंताए पूरी तरह गलत भी नहीं है। जो पत्रकार भारत की सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करते हैं, उन्हें उत्पीड़न और इससे भी बदतर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। मीड ने अपने लेख में लिखा कि भारतीय अल्पसंख्यक, जो हिंदूत्ववादी विचारधारा के खिलाफ हैं, उन्हें भीड़ की हिंसा और धर्मांतरण विरोधी कानूनों का सामना करना पड़ता है। अमेरिकी अखबार के लेख में लिखा गया कि बहुत से लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस की शक्ति से डरते हैं, जो एक राष्ट्रव्यापी हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है, जिसका बीजेपी से घनिष्ठ संबंध है। हालांकि, मीड का मानना ​​है कि भारत एक जटिल जगह है, और यहां की अन्य बातें भी गौर करने लायक है।



मीड ने की RSS की प्रशंसा



मीड ने कहा है कि भाजपा को भारत के पूर्वोत्तर में ईसाई बहुल राज्यों में उल्लेखनीय राजनीतिक जीत मिली है। उन्होंने लिखा, 'लगभग 20 करोड़ की आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को शिया मुसलमानों का मजबूत समर्थन प्राप्त है। आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने जातिगत भेदभाव से लड़ने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।'



सीएम योगी और मोहन भागवत से मुलाकात का जिक्र



मीड ने अपने लेख में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात का जिक्र किया है। मीड ने लिखा, 'बीजेपी और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं और उनके कुछ आलोचकों के साथ गहन बैठकों के बाद, मैं यह पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अमेरिकियों और पश्चिमी लोगों को एक जटिल और शक्तिशाली आंदोलन के साथ और अधिक गहराई से जुड़ने की जरूरत है। हाशिए पर छोड़े गए बुद्धिजीवियों और धार्मिक उत्साही लोगों से मिलकर आरएसएस शायद दुनिया का सबसे शक्तिशाली नागरिक-समाज संगठन बन गया है।'



योगी को पीएम मोदी का उत्तराधिकारी भी समझा जाता है



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत के साथ अपनी मुलाकात को याद करते हुए, मीड लिखते हैं, 'ऐसा लगता है कि आंदोलन एक चौराहे पर पहुंच गया है। जब मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सेवारत एक हिंदू भिक्षु योगी आदित्यनाथ से मिला, जिन्हें इस आंदोलन के सबसे कट्टरपंथी आवाजों में से एक माना जाता है, और कभी-कभी 72 वर्षीय पीएम मोदी के उत्तराधिकारी भी समझा जाता है, उनसे मेरी बातचीत उत्तर प्रदेश में निवेश और विकास लाने के बारे में थी।'



अमेरिका को आर्थिक और राजनीतिक साझेदार के रूप में भारत की जरूरत 



वो आगे लिखते हैं, 'इसी तरह, आरएसएस के आध्यात्मिक नेता मोहन भागवत ने मुझसे भारत के आर्थिक विकास में तेजी लाने की आवश्यकता के बारे में बात की, और इस विचार को खारिज कर दिया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को देश में भेदभाव या मानवाधिकार हनन का सामना करना चाहिए।' अपने लेख के अंत में मीड लिखते हैं, 'भाजपा और आरएसएस के साथ जुड़ने का निमंत्रण ऐसा है जिसे अमेरिकी अस्वीकार नहीं कर सकते। जैसे-जैसे चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है, अमेरिका को आर्थिक और राजनीतिक साझेदार के रूप में भारत की जरूरत है।' 


अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल praise of Yogi RSS chief in Wall Street Journal America will not be able to stop China without India BJP is the most important party in the world American newspaper Wall Street Journal वॉल स्ट्रीट जर्नल में योगी RSS प्रमुख की तारीफ भारत के बिना अमेरिका चीन को नहीं रोक पाएगा बीजेपी दुनिया की सबसे अहम पार्टी