उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बड़ी खबर सामने आ रही है। राजधानी के इंदिरा नगर क्षेत्र में रविवार सुबह कुछ बांग्लादेशी नागरिकों ने नगर निगम के कर्मचारियों पर हमला कर दिया। बांग्लादेशियों ने निगमकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, उनके पर्स और मोबाइल लूट लिए, और एक महिला सुपरवाइजर को पकड़कर उनके कपड़े तक फाड़ दिए। इस बवाल से नगर निगम कर्मचारियों को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।
मेयर सुषमा खर्कवाल का तीखा बयान
इस घटना की जानकारी मिलते ही लखनऊ की मेयर, सुषमा खर्कवाल, मौके पर पहुंचीं। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि अगर बांग्लादेशी नगर निगम के कर्मचारियों को पीटेंगे और पार्षद प्रतिनिधि पर हमला होगा तो मेरे मेयर रहने का क्या मतलब? इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए, नहीं तो मैं धरने पर बैठ जाऊंगी। मेयर ने कमिश्नर और डीएम से भी इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की।
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नगर निगम की प्रतिक्रिया और कार्रवाई
वहीं घटना के बाद नगर निगम की टीम ने इंदिरा नगर थाने के पीछे मौजूद 50 झुग्गियों को 2 घंटे के भीतर तोड़ दिया। इस दौरान इन झुग्गियों में रहने वाले लोग अपना सामान निकालकर गाड़ियों से लेकर चले गए। बवाल को रोकने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
अवैध ठेले हटाने को लेकर विवाद
इससे पहले, नगर निगम की टीम अवैध ठेले हटाने के लिए इंदिरा नगर में स्थित मंदिर के पास पहुंची थी। जब टीम ने ठेले हटाने की कोशिश की तो अचानक 200 से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए और निगमकर्मियों पर हमला कर दिया। इस हमले में एक पार्षद प्रतिनिधि को भी डंडों से पीटा गया।
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पुलिस का हस्तक्षेप और कानूनी कार्रवाई
घटना के बाद मेयर ने लखनऊ के कमिश्नर और डीएम से मामले की जानकारी दी और पुलिस बल भेजने का आग्रह किया। नगर निगम ने रविवार शाम को इंदिरा नगर थाने में इस घटना के संबंध में केस दर्ज कराया।
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