NEW DELHI. यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह ( Brijbhushan Singh ) का टिकट बीजेपी ने काट दिया है। बृजभूषण की जगह उनके छोटे बेटे करण भूषण को बीजेपी ने कैसरगंज सीट से टिकट दिया है। बीजेपी ने गुरुवार, 2 अप्रैल को इसकी घोषणा कर दी। करण भूषण यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। वह भारतीय कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष भी थे, लेकिन पिता के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद इन्होंने भी पद छोड़ दिया था। करण भूषण शुक्रवार, 3 अप्रैल को अपना नामांकन करेंगे।
बृजभूषण ने कहा, होइहि सोइ जो राम रचि राखा
बृजभूषण ने अपने टिकट कटने के सवाल पर कहा कि होइहि सोइ जो राम रचि राखा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार सुबह बृजभूषण शरण सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह से बात की थी। शाह ने करण भूषण सिंह के नामांकन की तैयारी करने को कहा था। बता दें महिला पहलवानों की ओर से बृजभूषण सिंह पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश में कुश्ती संघ का चुनाव हुआ था। 12 फरवरी को हुए इस चुनाव में करण को सर्वसम्मति से यूपी कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था। करण भूषण का जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ। करण को एक बेटा और एक बेटी है। वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्होंने गोंडा में अपने पिता के नंदिनी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। अभी वे उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं।
इन 3 कारणों से बृजभूषण की टिकट करण को मिली
- बीजेपी ने आखिरी समय पर कैसरगंज सीट पर फैसला लिया। पार्टी को आशंका थी कि बृजभूषण का टिकट कटने से ठाकुर बिरादरी नाराज हो सकती है। कैसरगंज के अलावा, बृजभूषण सिंह का आसपास की 6 सीटों पर प्रभाव है। UP में राजपूत (ठाकुर) वोटर 6-7% हैं। बृजभूषण की छवि बड़े ठाकुर नेता की है।
- बीजेपी ने यूपी में अधिकांश सीटों पर सिटिंग सांसदों को दौबारा टिकट दिया है। गाजियाबाद से वीके सिंह के टिकट कटने और वेस्ट यूपी की 27 लोकसभा सीटों पर सिर्फ एक ठाकुर नेता को टिकट मिलने से ठाकुर बिरादरी नाराज है। सहारनपुर से लेकर गाजियाबाद तक ठाकुर नेताओं ने महापंचायत कर बीजेपी के विरोध का ऐलान भी किया। जातीय संतुलन के लिए पार्टी ने करण भूषण को टिकट दिया।
- बृजभूषण के बेटे करण भूषण पर कोई आरोप नहीं है। विदेश से पढ़ाई की है। कुश्ती संघ से 5 साल से जुड़े हैं। इसलिए युवाओं में खासकर यादवों और ठाकुरों के बीच अच्छी पैठ है। गोंडा, बहराइच में इनके 50 स्कूल-कॉलेजों की चेन हैं। करण इनके जरिए भी युवाओं से काफी कनेक्ट रहे हैं।
साक्षी मलिक ने कहा- सत्ता तो ब्रजभूषण के हाथों में
ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ महिला रेसलर्स के यौन उत्पीड़न को लेकर आवाज उठाने वाली साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने कहा कि बृजभूषण के बेटे को लोकसभा टिकट देना लोगों को गुमराह करने जैसा है। असली राज तो वही करेगा। अगर ब्रजभूषण के बेटे को टिकट देना ही था तो केंद्र सरकार पहले बृजभूषण को गिरफ्तार करती और फिर उनके बेटे को प्रत्याशी घोषित करती। या ब्रजभूषण के किसी नजदीकी की जगह अन्य उम्मीदवार को मैदान में उतारती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
इधर... दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से और
आखिरकार बीजेपी ने गुरुवार शाम को यूपी की वीवीआईपी सीट रायबरेली से उम्मीदवार की घोषणा कर दी। यहां से बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है। रायबरेली में बीजेपी ने अपने पुराने चेहरे पर ही दांव लगाया है। दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी से विधान परिषद के सदस्य हैं और 2019 का लोकसभा चुनाव भी सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ चुके हैं।