लोकसभा चुनाव 2024 ( Lok Sabha Election 2024 ) में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में खासा नुकसान हुआ। बीजेपी की सीटें 2019 में 62 से 2024 में 33 पर सिमट गई। इसके बाद से ही लगातार समीक्षाओं और आकलन का दौर जारी है। अब उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी की हार के कारणों का आकलन किया है।
हार के कारणों की रिपोर्ट सौंपी
भूपेंद्र चौधरी ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर बीजेपी के प्रदर्शन का आकलन किया। इसके लिए उन्होंने करीब 40 हजार कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। इस आधार पर बनाई गई 15 पन्नों की रिपोर्ट को बीजेपी आलाकमान के हवाले कर दिया गया है।
भूपेंद्र चौधरी पिछले दो दिनों में बीजेपी के आला नेताओं से मिले हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर हार के कारणों पर बनाई रिपोर्ट सौंप दी है। साथ ही हार की जिम्मेदारी भी ली है।
कार्यकर्ताओं की नाराजगी
भूपेंद्र चौधरी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत कर यूपी में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर रिपोर्ट बनाई है। इसमें हार के कई कारण चिन्हित किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कार्यकर्ताओं के असंतोष ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा लोगों के बीच प्रशासन के प्रति भी नाराजगी देखने को मिली। सरकारी नौकरियां न निकलने से लोगों में काफी नाराजगी है।
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अधिकारियों ने दिया विपक्ष का साथ
सूत्रों के मुताबिक भूपेंद्र चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कई जगह प्रशासनिक अधिकारियों ने विपक्ष का साथ दिया। ऐसे मामलों को भी रिपोर्ट में चिन्हित किया गया है। इसके अलावा सरकारी नौकरियों के पेपर लीक, संविधान और आरक्षण जैसे मुद्दों ने भी उत्तर प्रदेश की जनता को प्रभावित किया।
वोटर लिस्ट से हटाए बीजेपी समर्थकों के नाम
भूपेंद्र चौधरी की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के कोर वोटर्स का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया। रिपोर्ट के अनुसार पार्टी के करीब 30 हजार से 40 हजार वोटर्स कम कर दिए गए। इससे पार्टी को भारी नुकसान हुआ।
इसके अलावा पार्टी को मिलने वाला गैर ओबीसी वोट बैंक घटा है। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का कोर वोटर 10 परसेंट से कम हुआ है। ये वोटर्स समाजवादी पार्टी के खाते में गए है जिससे बीजेपी को प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है।
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कम हुआ वोट प्रतिशत
लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी की सीटें 303 से कम होकर 240 में ही सिमट गई। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान पार्टी को उत्तर प्रदेश में हुआ है जहां बीजेपी की सीटें लगभग आधी हो गई।
उत्तर प्रदेश के सभी 6 क्षेत्रों- पश्चिमी यूपी, ब्रज, कानपुर-बुंदेलखंड, अवध, गोरखपुर और काशी क्षेत्र में पार्टी का 8 परसेंट वोट शेयर कम हुआ है। सबसे खराब प्रदर्शन काक्षी और पश्चिम क्षेत्र में रहा। यहां की कुल 28 सीटों में से पार्टी के खाते में सिर्फ 8 सीटें गई। गोरखपुर में पार्टी को 13 में से 6 सीटों पर जीत मिली। ब्रज में 13 में से 8, अवध में 16 में से 7 और कानपुर-बुंदेलखंड की 10 में से 4 सीटें ही बीजेपी अपने नाम कर पाई।
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प्रदेश की कमान में बदलाव की सुगबुगाहट ?
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के अलावा, बीजेपी आलाकमान उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं से खराब प्रदर्शन के कारणों पर समीक्षा करेगा। इसके लिए भूपेंद्र चौधरी के अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी दिल्ली पहुंचे थे। ऐसे में चर्चा है कि मौर्या को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि पार्टी आलाकमान अभी और सीनियर नेताओं से बात कर निर्णय लेगी। साथ ही उत्तर प्रदेश में स्थिति मजबूत करने कार्ययोजना बनाएगी।
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