MUMBAI. करण जौहर का नाम बॉलीवुड के टॉप फिल्म मेकर्स में लिया जाता है। उनके पिता यश जौहर भी एक मशहूर फिल्म प्रोड्यूसर थे। उन्हें एक ब्रांड कहना भी गलत नहीं होगा, आज के वक्त में वह बॉलीवुड इंडस्ट्री के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक हैं। करण ने अपने करियर में कई सुपरहिट और ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाई हैं। उन्होंने दो दशक से भी ज्यादा का समय इस इंडस्ट्री को दिया है।
मेहनत और त्याग से पाई सफलता
साल 1998 में रिलीज हुई उनकी फिल्म 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' के बाद से उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा है। भारतीय सिनेमा में करण जौहर का प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शन ने अपनी पहचान बखूबी बनाई है। इस प्रोडक्शन हाउस की नींव उनके पिता यश जौहर ने साल 1979 में रखी थी। हालांकि, उनकी इस सफलता के पीछे उनकी काफी मेहनत और त्याग हैं, जिसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है।
फिल्में फ्लॉप होने पर बेचनी पढ़ी थी प्रॉपर्टी
धर्मा प्रोडक्शनंस के बैनर तले कई सितारों का करियर बनाया हैं। उनकी बनाई कई फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुई हैं। हालांकि, उन्हें इंडस्ट्री में अपनी पहुंच का फायदा उठाने या भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने को लेकर ट्रोल किया जाता है। हालांकि, कुछ समय बाद धर्मा प्रोडक्शन्स के अंतर्गत बनी फिल्में फ्लॉप भी होने लगीं। काफी भारी नुकसान भी झेलना पड़ा। यहां तक यश जौहर द्वारा खरीदी प्रॉपर्टीज बेचने की भी नौबत तक आ गई।
पापा की लगातार 5 फिल्में फ्लॉप हुईं
हाल ही में एक इंटरव्यू में करण जौहर ने इस बारे में खुलकर बात की। करण ने कहा कि 'दोस्ताना' के बाद पापा की लगातार 5 फिल्में फ्लॉप हुईं, उनके एक छोटा सा एक्स्पोर्ट बिजनेस था जो वो चाहते थे कि मैं संभालूं, उस दौरान पापा, फिल्में फाइनेंस कर रहे थे।
फाइनेंसर्स हमें पैसे देते थे और हम जब उन्हें वापस करते थे तो उसपर इंट्रस्ट देते थे। जब पहली फिल्म फेल हुई तो मेरी मम्मी हीरू जौहर ने नानी का घर बेचा। और जब दूसरी फिल्म फ्लॉप हुई तो उन्होंने अपने जेवर बेचे। दिल्ली में मेरे पिता की प्रॉपर्टी थी जो उन्हें बाद में वो भी बेचनी पड़ी। ये सभी कहानियां मैंने सुनी हैं और अपनी आंखों से ऐसा घर में होते देखा भी है, हमारे पास पैसा नहीं था, हम लोग मिडिल क्लास लोग थे। धीरे-धीरे अपर मिडिल क्लास हुए और अब जाकर अमीर हुए हैं।
करण ने किया बीते वक्त का जिक्र
उन्होंने बीते वक्त का जिक्र करते हुए बताया कि हमारी टेबल पर रोज खाना होता था, मैं अच्छे स्कूल से पढ़ा हूं, मेरे पापा अच्छी गाड़ी चलाते थे, पर हम कभी देश से बाहर घूमने नहीं गए, क्योंकि हम अफॉर्ड नहीं कर सकते थे। पापा मुझे हमेशा एक प्रिंस की तरह फील कराते थे। मेरी पॉकेट मनी 25 रुपए थी, पर मुझे वो 50 रुपये देते थे। मेरा वजन भी पापा की वजह से बढ़ा, क्योंकि उन्होंने मुझे बिगाड़ा हुआ था। सबकुछ दिया था उन्होंने मुझे। फिर धर्मा प्रोडक्शन की तीसरी, चौथी और पांचवी फिल्म ने अच्छा पैसा कमाया। तभी पापा इस दुनिया को अलविदा कह गए।
पिता के जाने के बाद संभाला धर्मा प्रोडक्शनंस
पिता के देहांत के बाद करण जौहर ने धर्मा प्रोडक्शनंस को संभाला। इसे लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह अपने पिता के सपने को जी सके। उन्होंने आगे कहा, मैंने इसके लिए बहुत मेहनत की। कई बार ऐसा हुआ है जब मैंने दिन में 18 घंटे काम किया है। मैं वीकेंड और राष्ट्रीय छुट्टियों के दौरान भी काम करता हूं। मैं हर दिन काम करता हूं और लगभग 16 से 20 घंटे काम करता हूं। मैं केवल पांच घंटे सोता हूं। मैंने जो पैसा कमाया है, उसके लिए बहुत मेहनत की है और मैं इसके लिए कभी क्षमाप्रार्थी नहीं रहूंगा।" बताते चलें कि बतौर निर्माता उनकी फिल्म किल बीते 5 जुलाई को रिलीज हुई है, जिसे दर्शकों से काफी सराहाना भी मिल रही है।
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