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आगामी बजट 2025-26 में किसानों के लिए एक खास तोहफा मिलने की संभावना है। बता दें सरकार किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की लिमिट में इजाफा कर 5 लाख रुपए तक करने की तैयारी कर रही है। मौजूदा समय में किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मैक्सिमम लोन 3 लाख रुपए तक है। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव को बजट में शामिल किया जा सकता है। इसे 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम
साल 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत हुई थी। इस स्कीम का उद्देश्य किसानों को फसल उत्पादन और खेती से जुड़ी चीजों के लिए किफायती दर पर लोन उपलब्ध कराना है। इस समय किसान क्रेडिट कार्ड पर 9 फीसदी दर पर ब्याज लागू है। इस पर सरकार ब्याज पर 2 फीसदी की दर से सब्सिडी प्रदान करती है। वहीं समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को एक्स्ट्रा 3 फीसदी की छूट प्राप्त होती है। इस प्रकार किसान सिर्फ 4 फीसदी की ब्याज दर पर लोन प्राप्त कर सकते हैं।
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उधारी सीमा बढ़ाने की आवश्यकता क्यों?
हाल के वर्षों में कृषि लागत में लगातार वृद्धि हो रही है, जबकि किसान क्रेडिट कार्ड (Budget 2025) के तहत उधारी सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और किसानों की इनकम में वृद्धि करने के उद्देश्य से इस सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है।
उधारी सीमा बढ़ाने से होने वाले संभावित लाभ
फिनटेक कंपनी एडवारिस्क के सीईओ विशाल शर्मा का कहना है कि कृषि लागत में वृद्धि को देखते हुए उधारी सीमा में यह बदलाव बेहद आवश्यक है। इससे किसानों को उन्नत उपकरण, उच्च गुणवत्ता वाले बीज और नई कृषि प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
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नाबार्ड के चेयरमैन शाजी केवी
नाबार्ड के चेयरमैन शाजी केवी ने इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ बड़े किसानों के लिए नहीं, बल्कि छोटे और मध्यम जोत वाले किसानों, साथ ही पशुपालकों और मत्स्यपालकों के लिए भी फायदेमंद होगी। कृषि केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों का भी उतना ही महत्व है।
वर्तमान स्थिति और आंकड़े
नाबार्ड के आंकड़ों के अनुसार, 30 जून 2023 तक किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 7.4 करोड़ से अधिक सक्रिय खाते थे, जिन पर 8.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था। अक्टूबर 2024 तक, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए थे, जिनकी कुल क्रेडिट सीमा 1.73 लाख करोड़ रुपये थी। इनमें डेयरी किसानों के लिए 10,453.71 करोड़ रुपये और मत्स्यपालकों के लिए 341.70 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा शामिल थी।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार
इसके अलावा, सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी सुधार करने पर विचार कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि मुआवजे की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका को सीमित किया जा सकता है।
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