कनाडा में पढ़ाई करने गए 10 हजार से अधिक भारतीय छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। कनाडा सरकार के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप कनाडा (IRCC) डिपार्टमेंट ने खुलासा किया है कि 2024 में 5 लाख से अधिक स्टूडेंट वीजा एप्लिकेशन की जांच के दौरान 10 हजार फर्जी एडमिशन ऑफर लेटर पाए गए। इस फर्जीवाड़े में भारी संख्या में पंजाब, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली के विद्यार्थी शामिल हैं। यह मामला तब उजागर हुआ जब कनाडा सरकार ने एडमिशन लेटर की सख्ती से जांच शुरू की।
फर्जी एजेंटों का नेटवर्क
जालंधर के एक एजेंट बृजेश मिश्रा ने 700 विद्यार्थियों को फर्जी लेटर के आधार पर कनाडा भेजा। इन छात्रों का वर्क परमिट जारी होने के दौरान गड़बड़ी का खुलासा हुआ। अब कनाडा सरकार ने नए नियम लागू किए हैं, जिसमें सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को एडमिशन लेटर की पुष्टि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से करनी होगी।
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छात्रों की मुश्किलें
इन छात्रों में अधिकतर को यह नहीं पता था कि उनके एडमिशन लेटर फर्जी हैं। कई छात्रों को कनाडा में डिपोर्टेशन का सामना करना पड़ा। पंजाब पुलिस के रिटायर्ड आईजी एसके कालिया ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि फर्जी एजेंटों और लापरवाह कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
कनाडा में बड़ा फ्रॉड
एसोसिएशन ऑफ ओवरसीज कंसल्टेंट के पूर्व अध्यक्ष सुकांत ने बताया कि एजेंटों ने वीजा हासिल करने के लिए बड़े कॉलेजों के फर्जी लेटर तैयार किए। वीजा जारी होने के बाद छात्रों को अन्य कॉलेज में एडमिशन दिया गया।
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भारत और कनाडा की सरकारें सतर्क
पंजाब और केंद्र सरकार कनाडा सरकार से बातचीत कर रही है। एजेंटों की जालसाजी का शिकार हुए छात्रों को मदद देने पर जोर दिया जा रहा है।
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