Supreme Court में केस, सुनवाई के अपडेट अब WhatsApp पर

सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की संविधान पीठ के एक अहम मामले पर सुनवाई शुरू करने से पहले सीजेआई ने घोषणा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी जानकारियां अब वॉट्सएप पर भी उपलब्ध होंगी। वकीलों को उनके मामले से जुड़ी अपडेट्स वॉट्सएप पर मिलेंगी...

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Jitendra Shrivastava
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Supreme Court Updates On WhatsApp

NEW DELHI. देश की सबसे बड़ी अदालत अब वॉट्सएप पर जानकारी उपलब्ध कराएगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार, 25 अप्रैल को इसकी घोषणा की। सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट, केस फाइलिंग और केस लिस्टिंग से जुड़ी जानकारियां वकीलों और याचिकाकर्ताओं को वॉट्सऐप पर भेजी जाएंगी। 

सीजेआई ने वकीलों से नंबर भी शेयर किया

CJI चंद्रचूड़ के मुताबिक इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी (ICT) सेवाओं को वॉट्सएप से इंटीग्रेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट वॉट्सऐप मेसेजिंग का ICT सेवाओं के साथ इंटीग्रेशन की घोषणा करता है। एडवोकेट्स को मुकदमों की फाइलिंग से जुड़े ऑटोमेटेड मेसेज मिलेंगे। बार के सभी सदस्यों को कॉज लिस्ट पब्लिश होते ही मिल जाएगी। कॉज लिस्ट में उन मामलों की सूची होती है जिन पर अदालत उस दिन सुनवाई करने वाली होती है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों से सुप्रीम कोर्ट का आधिकारिक वॉट्सएप नंबर भी शेयर किया।

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सुप्रीम कोर्ट का WhatsApp नंबर

सीजेआई चंद्रचूड़ ने सभी को सुप्रीम कोर्ट का ऑफिशियल WhatsApp नंबर भी बताया। उच्चतम न्यायालय का आधिकारिक वॉट्सऐप नंबर 8767687676 है। सीजेआई ने कहा कि इस नंबर पर कोई मेसेज या कॉल नहीं किया जा सकेगा। यह सिर्फ वन-वे कम्युनिकेशन के लिए यूज होगा मतलब सिर्फ अदालत की ओर से जानकारी भेजी जा सकेगी।

कागज बचाने में खासी मदद मिलेगी

सीजेआई ने कहा कि Whatsapp मेसेंजर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। उन्होंने कहा कि इससे हमारी वर्किंग हैबिट में बड़ा बदलाव आएगा और कागज बचाने में खासी मदद मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की संविधान पीठ के एक अहम मामले पर सुनवाई शुरू करने से पहले सीजेआई ने यह घोषणा की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पहल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि माननीय जजों ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने मजाकिया लहजे में कहा कि चीफ जस्टिस कहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा डिजिटल डिवाइस यूज करने से आप और जवान लगने लगते हैं।

सभी अदालतें की जा सकती हैं ऑनलाइन

सीजेआई ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट की सभी सेवाएं मेघराज क्लाउड 2.0 पर माइग्रेट की जा रही हैं। इसे नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने बनाया है। सीजेआई ने कहा कि अब सभी अदालतें ऑनलाइन हो सकती हैं। सारा डेटा भारत के सर्वरों पर रहेगा। सीजेआई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने तेजी से अदालतों के डिजिटलाइजेशन की ओर कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 7,000 करोड़ रुपए अलॉट किए हैं।

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