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सीबीआई ने साइबर ठगी के मामलों पर कार्रवाई की है। 'ऑपरेशन चक्र-V' के तहत 8 राज्यों के 42 स्थानों पर छापेमारी की गई। इस अभियान में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया। आरोपी साइबर अपराधियों को अवैध सिम कार्ड और म्यूल बैंक खाते मुहैया करा रहे थे। इनका इस्तेमाल करोड़ों रुपये की साइबर ठगी में किया गया।
ठगी के खुलासे
CBI ने यह कार्रवाई इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की शिकायतों पर की। जांच में सामने आया कि साइबर अपराधी वेबसाइट, WhatsApp और Telegram का उपयोग कर लोगों को झांसे में फंसा रहे थे। वे इन्वेस्टमेंट, पार्ट-टाइम जॉब्स और टास्क-बेस्ड स्कीम्स का झांसा दे रहे थे।
एक मामले में 160 करोड़ की ठगी फर्जी मोबाइल ऐप्स के जरिए की गई। इन ऐप्स ने कंपनियों के शेयर सस्ते में बेचने का दावा किया था। 117 करोड़ की ठगी डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ी पाई गई।
एक अन्य मामले में साल 2023 में 1 जनवरी से 17 अक्टूबर के बीच 3,903 शिकायतों में 640 करोड़ की साइबर ठगी सामने आई। तीनों को मिलाकर देखा जाए तो ये 960 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।
क्या होते है म्यूल बैंक खाते ?
म्यूल अकाउंट्स वे बैंक खाते होते हैं जो फर्जी या चोरी किए गए KYC दस्तावेजों से खोले जाते हैं। इनका उपयोग साइबर ठग धोखाधड़ी से प्राप्त रकम को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं। ठगी से मिली रकम इन खातों में ट्रांसफर कर आगे भेजी जाती है।
पैसे विदेशों में एटीएम से निकाले जाते हैं, क्रिप्टोकरेंसी में बदले जाते हैं या फिनटेक ऐप्स जैसे PayPal में भेजे जाते हैं। CBI की जांच में खुलासा हुआ है कि 700 से अधिक बैंक शाखाओं में लगभग 8.5 लाख म्यूल अकाउंट्स चल रहे थे।
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फर्जी सिम कार्ड और गिरोह का भंडाफोड़
CBI ने 1,100 से अधिक "घोस्ट सिम कार्ड" का पता लगाया। ये सिम कार्ड 39 अलग-अलग PoS एजेंटों ने यूपी, महाराष्ट्र, बंगाल और असम जैसे राज्यों में बेचे थे। इन सिम कार्ड्स को फर्जी e-KYC से एक्टिवेट किया गया था। इनका इस्तेमाल डिजिटल ठगी, फर्जी गिरफ्तारी और म्यूल अकाउंट खोलने के लिए किया गया।
क्या-क्या बरामद हुआ?
CBI ने छापेमारी में मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, KYC दस्तावेज और अपराध से अर्जित संपत्तियां जब्त की। गिरफ्तार आरोपियों में मुंबई के कल्याण से प्रतीक टनपुरे भी शामिल हैं। वह पहले से एक्टिवेटेड सिम कार्ड और म्यूल अकाउंट साइबर गैंग को सप्लाई करता था।
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सरकार की कार्रवाई और फ्रॉड का स्केल
अब तक सरकार ने लगभग 4.5 लाख म्यूल अकाउंट्स फ्रीज़ कर दिए हैं। इनमें सबसे ज्यादा SBI (40,000) और PNB (10,000) से जुड़े हैं। RBI और वित्त मंत्रालय ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने स्टाफ की भूमिका की जांच करें और KYC प्रणाली को सख्त करें।
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