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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज लोकतंत्र की रक्षा में अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा समर्पित करने वाले लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित ‘आपातकाल स्मृति दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें प्रेरणा का स्रोत बताया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है। उन्होंने 1975 में लगे आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताया और कहा कि उस दौर में नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लिए गए थे। उन्होंने याद करते हुए बताया कि उनके स्वर्गीय पिता नरहरि प्रसाद साय भी 19 महीने तक जेल में बंद रहे थे और उन्होंने जो यातनाएं झेली थीं, वो आज भी झकझोर देती हैं।
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सम्मान और स्मृति का आयोजन
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया और श्री सच्चिदानंद उपासने द्वारा लिखित पुस्तक ‘वो 21 महीने: आपातकाल’ का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि इन सेनानियों के त्याग और संघर्ष की गाथा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना आवश्यक है, जिससे लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा हो सके।
नई घोषणाएं
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों के लिए:
सम्मान राशि योजना पुनः शुरू की है, जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दिया था।
पिछले 5 वर्षों की बकाया राशि का भुगतान भी किया गया है।
अब से लोकतंत्र सेनानियों की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी।
परिजनों को ₹25,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
एक विधायी अधिनियम पारित कर यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी सरकार इस योजना को भविष्य में बंद न कर सके।
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विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह का संबोधन
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आपातकाल की भयावहता और उसके प्रभावों को याद करते हुए कहा कि उस समय देश को एक विशाल जेल में बदल दिया गया था। न्यायपालिका, मीडिया और विधायिका सभी को निष्क्रिय कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि इस संघर्ष और बलिदान की गाथा हर नागरिक तक पहुंचे।
अन्य वक्ताओं की बातें
श्री पवन साय, श्री सच्चिदानंद उपासने, और लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने सरकार के कदमों की सराहना की और लोकतंत्र की मजबूती के लिए सतत प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।
विशिष्ट उपस्थिति
कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, विधायक मोतीलाल साहू, सीजीएमएससी अध्यक्ष दीपक म्हस्के, नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, रायपुर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष नंदकुमार साहू समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
इस आयोजन ने न केवल लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष को नई पीढ़ी के सामने लाने का प्रयास किया, बल्कि सरकार द्वारा उनके सम्मान में लिए गए निर्णय यह भी साबित करते हैं कि लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने वाले सच्चे नायक कभी भुलाए नहीं जा सकते।
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