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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वाराणसी में आयोजित होने वाली मध्य क्षेत्रीय परिषद की महत्वपूर्ण बैठक से पहले काशी के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में दर्शन किए। उनके साथ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप भी मौजूद थे। ‘काशी के कोतवाल’ के नाम से विख्यात भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना कर तीनों नेताओं ने छत्तीसगढ़ के साथ-साथ राष्ट्र की सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
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सीएम ने X पर डाला‘कालभैरवाष्टक’ का प्रथम श्लोक
मुख्यमंत्री साय ने मंदिर दर्शन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ‘कालभैरवाष्टक’ का प्रथम श्लोक साझा किया। इस श्लोक में भगवान काल भैरव की महिमा का वर्णन है, जिनके चरणों की सेवा देवराज इंद्र करते हैं, जो सर्प को यज्ञोपवीत के रूप में धारण करते हैं, जिनके मस्तक पर चंद्रमा शोभायमान है, और जो अत्यंत दयालु, नारद जैसे योगियों द्वारा वंदित, दिगंबर और काशी के स्वामी हैं। इस पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने अपनी आध्यात्मिक आस्था को व्यक्त करते हुए भगवान काल भैरव के प्रति श्रद्धा प्रकट की।
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दर्शन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर की साझा
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप ने भी काल भैरव मंदिर में दर्शन के बाद सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें साझा कीं। दोनों नेताओं ने अपने पोस्ट में छत्तीसगढ़वासियों के लिए सुख, शांति और कल्याण की कामना की। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने लिखा, “काशी के कोतवाल के दर्शन कर मन को असीम शांति मिली। छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रार्थना की।” वहीं, वन मंत्री कश्यप ने भी प्रदेश की खुशहाली के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगा।
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मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा
काल भैरव मंदिर दर्शन के बाद मुख्यमंत्री साय वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जिसमें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। यह बैठक क्षेत्रीय समस्याओं और विकास के लिए सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। मुख्यमंत्री साय इस बैठक में छत्तीसगढ़ के हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने की तैयारी में हैं।
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इनमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति देना, सीमावर्ती जिलों की बुनियादी ढांचागत समस्याओं का समाधान, औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना और सड़क, रेल जैसे बुनियादी ढांचे के सुधार शामिल हैं। साय केंद्र सरकार और अन्य राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर इन मुद्दों पर सहयोग की अपेक्षा करेंगे। विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास के लिए केंद्र से विशेष पैकेज और सहायता की मांग की जा सकती है।
काशी के कोतवाल का महत्व
काल भैरव मंदिर काशी में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। मान्यता है कि भगवान काल भैरव काशी के रक्षक हैं, और बिना उनकी अनुमति के कोई भी काशी में प्रवेश या निवास नहीं कर सकता। यही कारण है कि काशी आने वाले श्रद्धालु और गणमान्य व्यक्ति सबसे पहले काल भैरव के दर्शन करते हैं। मुख्यमंत्री साय और उनकी टीम का मंदिर दर्शन इस बात का प्रतीक है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को निभाने से पहले आध्यात्मिक आशीर्वाद लेना चाहते हैं। इस दौरे और बैठक के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार न केवल अपने राज्य के विकास को गति देने की दिशा में कदम उठा रही है, बल्कि काशी की पवित्र भूमि से आध्यात्मिक शक्ति भी प्राप्त कर रही है।
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