NEW DELHI. बच्चे के एडमिशन की बात आती है तो पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। इसके लिए वह अपने बच्चे का एडमिशन अच्छे से अच्छे स्कूल में करना चाहते हैं, लेकिन कई बार पेरेंट्स कंफ्यूज्ड रहते हैं कि आखिर वो अपने बच्चे का एडमिशन किस बोर्ड में कराएं ? सीबीएसई या सीआईएससीई... तो आइए आपको बताते हैं कि सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड में क्या अंतर है...
सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड काफी लोकप्रिय हैं। इन दोनों ही बोर्ड से संबद्ध स्कूल देशभर में हैं। लेकिन दोनों बोर्ड के सिलेबस और स्टडी फॉर्मेट में काफी अंतर है। स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाने से पहले आपको इन दोनों बोर्ड के बारे में जरूर पता होना चाहिए। तो आइए जानते हैं क्या है सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड...
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सीबीएसई बोर्ड
सीबीएसई ( CBSE Board ) का फुल फॉर्म केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( Central Board of Secondary Education ) है। देशभर के ज्यादातर निजी व सरकारी स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं। इसका मैनजमेंट केंद्र सरकार करती है। केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे टॉप सरकारी स्कूल इसी से संबद्ध हैं। सीबीएसई बोर्ड का मुख्य फोकस बच्चे की ओवरऑल पर्सनालिटी और इंटेलेक्ट के विकास पर रहता है। जेईई, नीट, सीयूईटी जैसी परीक्षाओं का सिलेबस सीबीएसई बोर्ड पर आधारित होता है। सीबीएसई बोर्ड सिलेबस NCERT द्वारा बनाया जाता है।
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सीआईएससीई बोर्ड
सीआईएससीई बोर्ड ( CISCE Board ) परीक्षा को 2 भागों में बांटा गया है- आईसीएसई (10वीं ) और आईएससी ( 12वीं )। ICSE का फुल फॉर्म इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ( Indian Certificate of Secondary Education ) है। इस प्राइवेट बोर्ड की स्थापना भारतीय बच्चों को हाई क्वॉलिटी शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। आईसीएसई बोर्ड सिलेबस में भाषा, आर्ट्स और साइंस को समान प्राथमिकता दी जाती है और प्रैक्टिकल्स पर ज्यादा फोकस किया जाता है। इस बोर्ड के सभी स्कूलों में इंग्लिश में पढ़ाई होने से IELTS व TOEFL की तैयारी करने में मदद मिलती है.
सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड में अंतर
सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में अंतर उनके सिलेबस का है। सीबीएसई साइंस और मैथ्स पर ज्यादा फोकस करता है, जबकि आईसीएसई में भाषा, आर्ट्स और साइंस पर बराबर फोकस रखा जाता है। आईसीएसई का सिलेबस ज्यादा विस्तृत होता है। वहीं, सीबीएसई सिलेबस बच्चों को जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के हिसाब से बनाया जाता है।
1. दोनों के सिलेबस में अंतर
सीबीएसई सिलेबस ( CBSE Syllabus ) में गणित और विज्ञान पर ज्यादा फोकस किया जाता है। इससे बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलती है। वहीं, आईसीएसई ( CISCE Syllabus ) में इंग्लिश भाषा पर पकड़ और एनालिटिकल स्किल्स पर फोकस रहता है। इनका सिलेबस काफी विस्तृत होता है। यह इंटरनेशनल एजुकेशन स्टैंडर्ड को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। सीबीएसई सिलेबस NCERT पर आधारित होता है, जिससे नीट और जेईई परीक्षा में अच्छे मार्क्स स्कोर करने में मदद मिलती है।
2. भाषा के मामले में कौन है बेहतर?
आईसीएसई में बच्चों को अंग्रेजी भाषा की ट्रेनिंग दी जाती है. आईसीएसई व आईएससी बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों में मोड ऑफ कम्युनिकेशन सिर्फ इंग्लिश रहता है। वहीं, सीबीएसई बोर्ड के स्कूल इस मामले में काफी फ्लेक्सिबल हैं। यहां हिंदी व इंग्लिश, दोनों भाषाओं में पढ़ाई होती है। सीआईसीएसई बोर्ड की इंग्लिश सभी भारतीय बोर्ड्स की तुलना में सबसे कठिन होती है।
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3. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कौन है बेहतर?
जेईई, नीट, सीयूईटी जैसी परीक्षाओं का सिलेबस सीबीएसई बोर्ड पर आधारित होता है। इसलिए इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स सीबीएसई बोर्ड में एडमिशन को प्राथमिकता देते हैं। वहीं सीआईसीएसई बोर्ड के सभी स्कूलों में इंग्लिश में पढ़ाई होने से IELTS व TOEFL की तैयारी करने में मदद मिलती है। सीआईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स को इन परीक्षाओं के लिए एक्सट्रा मेहनत करनी पड़ती है।
4. किस बोर्ड से संबद्ध स्कूल की फीस ज्यादा है ?
सीआईएससीई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की फीस ( School Fees ) ज्यादा होती है। ये सभी प्राइवेट स्कूल होते हैं और इनके खर्च पर सरकार का खास नियंत्रण नहीं होता है। वहीं, सीबीएसई बोर्ड में सरकारी व प्राइवेट, दोनों स्कूल होते हैं। ऐसे में इनकी फीस आईसीएसई बोर्ड की तुलना में कम होती है।