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republic day festival
26 जनवरी भारत का गणतंत्र दिवस, हमारे संविधान की स्थापना और लोकतांत्रिक गणराज्य (democratic republic) बनने का प्रतीक है। यह दिन न केवल भारतीय सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन है, बल्कि अनेक रोचक परंपराओं और आयोजनों से जुड़ा है।
इन परंपराओं के पीछे भारतीय इतिहास, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना छिपी है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक है और हमारे लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है। आइए, गणतंत्र दिवस से जुड़ी कुछ खास और रोचक परंपराओं को विस्तार से जानते हैं।
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राजपथ पर परेड
परेड भारत की सबसे भव्य और प्रमुख परंपरा है, जो हर साल नई दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर आयोजित होती है।
इसका मुख्य आकर्षण
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परेड का आयोजन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना अपनी सैन्य शक्ति और आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करती हैं।
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राज्यों की झांकियां: प्रत्येक राज्य अपनी संस्कृति, इतिहास और उपलब्धियों को झांकियों के माध्यम से प्रस्तुत करता है।
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लोक नृत्य और संगीत: विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य और संगीत परेड में रंग भरते हैं। यह परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इंडिया गेट तक जाती है।
तिरंगा फहराना और 21 तोपों की सलामी
- इस दिन राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं, जो भारत के संविधान का संरक्षक है।
- 21 तोपों की सलामी: यह भारतीय सेना द्वारा दी जाती है और राष्ट्र के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह सलामी विशेष रूप से राष्ट्रगान "जन गण मन" के दौरान दी जाती है।
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मुख्य अतिथि का स्वागत
इस दिन हर साल एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या प्रमुख को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। यह परंपरा भारत की कूटनीतिक नीति का हिस्सा है।
- पहला मुख्य अतिथि (1950): इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो।
- 2023: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी।
- यह परंपरा भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और मित्रता को मजबूत करने का माध्यम है।
वीरता पुरस्कारों का वितरण
इस दिन देश के वीर पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया जाता है।
कुछ प्रमुख पुरस्कार:
- परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र: सैन्य बहादुरी के लिए।
- अशोक चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र: अद्वितीय वीरता के लिए।
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार (बच्चों के लिए): बहादुर बच्चों को राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार दिया जाता है।
- इन पुरस्कारों से जुड़ी कहानियां देशवासियों को प्रेरणा देती हैं।
राष्ट्रपति का 'एट होम' समारोह
- इस दिन राष्ट्रपति द्वारा 'एट होम' (At Home) समारोह का आयोजन किया जाता है।
- इसमें प्रमुख राजनीतिक, सैन्य और सामाजिक हस्तियां आमंत्रित होती हैं।
- यह समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित होता है।
फ्लाईपास्ट (Flypast)
- परेड का समापन भारतीय वायुसेना के भव्य फ्लाईपास्ट से होता है।
- वायुसेना के विमानों का यह प्रदर्शन उनकी शक्ति और तकनीकी क्षमता को दर्शाता है।
- सुर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम और राफेल जैसे विमानों का प्रदर्शन विशेष आकर्षण होता है।
- फ्लाईपास्ट का अंत तिरंगे के तीन रंगों के धुएं के साथ होता है।
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इंडिया गेट पर शहीदों को श्रद्धांजलि
- प्रधानमंत्री इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्पचक्र अर्पित करते हैं।
- यह परंपरा भारतीय सेना के उन जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए है जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर किए।
- इस परंपरा से राष्ट्र के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट होती है।
बीटिंग रिट्रीट समारोह
- समारोह का समापन 29 जनवरी को आयोजित बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat) के साथ होता है।
- यह राष्ट्रपति भवन के पास विजय चौक पर आयोजित होता है।
- भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के बैंड देशभक्ति गीतों की धुन बजाते हैं।
- इस दौरान 'सारे जहां से अच्छा' और 'अभिनव धुन' जैसी धुनें विशेष आकर्षण होती हैं।
- अंत में राष्ट्रगान के साथ झंडा उतारा जाता है।
स्कूलों और कॉलेजों में आयोजन
- देशभर के स्कूल और कॉलेज भी गणतंत्र दिवस को पूरे उत्साह से मनाते हैं।
- ध्वजारोहण और देशभक्ति के कार्यक्रम: तिरंगा फहराने के बाद छात्र देशभक्ति गीत और नृत्य प्रस्तुत करते हैं।
- प्रतियोगिताएं और निबंध लेखन: भाषण, निबंध और पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं।
- झांकियां और परेड: बच्चों द्वारा झांकियां और परेड प्रस्तुत की जाती हैं।
लोकल और डिजिटल उत्सव
- आज के डिजिटल युग में, गणतंत्र दिवस की परंपराएं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी देखी जाती हैं।
- लोग परेड और फ्लाईपास्ट को लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देखते हैं।
- सोशल मीडिया पर देशभक्ति से जुड़े पोस्ट और वीडियो शेयर किए जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय भारतीय समुदाय का उत्सव
- विदेशों में बसे भारतीय समुदाय भी इस दिन को गर्व के साथ मनाते हैं।
- भारतीय दूतावासों में तिरंगा फहराया जाता है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए भारत की विविधता को प्रदर्शित किया जाता है।
एकता और गर्व का प्रतीक
ये दिन केवल परेड और झांकियों का दिन नहीं है। यह दिन भारतीय संविधान, हमारी स्वतंत्रता और एकता का उत्सव है। इन परंपराओं के माध्यम से न केवल देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता को दिखाया जाता है, बल्कि यह हर भारतीय को अपने कर्तव्यों और अधिकारों की याद भी दिलाता है।
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