केंद्र सरकार ने केंद्रीय जन शिकायत पोर्टल ( Central Public Grievance Portal ) पर दर्ज शिकायतों के निपटारे की समय सीमा को 30 दिनों से घटाकर 21 दिन कर दिया है ( Complaint Resolution )। साथ ही सरकार ने अधिकारियों की नियुक्ति के लिए भी दिशा- निर्देश जारी किए हैं, ताकि शिकायतों का समाधान तेजी से हो सके।
शिकायत ट्रांसफर की नई व्यवस्था
प्रशासनिक सुधार औजीर जन-शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब कोई भी मंत्रालय, विभाग या कार्यालय यह कहकर शिकायत को बंद नहीं कर सकेगा कि वह उनसे संबंधित नहीं है। इसके बजाय उन्हें शिकायत को सही विभाग में ट्रांसफर करने का प्रयास करना होगा।
लंबित शिकायतों के लिए अंतरिम जवाब
शिकायतों के निपटारे के लिए अधिकतम 30 दिनों का समय दिया गया है। अगर किसी शिकायत को हल करने में अधिक समय लगता है, तो शिकायतकर्ता को इसका कारण बताते हुए अंतरिम जवाब में संभावित समयसीमा की जानकारी दी जाएगी।
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अपील तंत्र का प्रावधान
नए दिशा- निर्देशों में अपील तंत्र का भी प्रावधान किया गया है। अपीलीय प्राधिकारी स्वतंत्र रूप से अपील पर विचार करेगा और अधिकतम 30 दिनों के भीतर इसका निपटारा करेगा।
शिकायत प्रकोष्ठ की स्थापना
प्रत्येक मंत्रालय में एक शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा, जिसमें पर्याप्त संसाधन होंगे। शिकायत का निवारण होने पर नागरिक को उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
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फीडबैक और अपील के नए विकल्प
यदि नागरिक समाधान से असंतुष्ट होता है, तो वह पोर्टल पर फीडबैक दे सकता है और अपील भी कर सकता है। इसके लिए व्हाट्सएप, चैटबॉट आदि जैसे माध्यमों का भी उपयोग किया जा सकता है।
एआई टूल्स का उपयोग और झूठी शिकायतें
डीएआरपीजी ने सरकारी विभागों को शिकायतों के गहन विश्लेषण के लिए दो एआई टूल्स का उपयोग करने का निर्देश दिया है। अगर कोई शिकायत झूठी, दुर्भावनापूर्ण, या बार-बार जानबूझकर की गई है, तो ऐसे शिकायतकर्ताओं को चिह्नित करके ब्लॉक किया जाएगा।
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