लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्म बदलवाने वाले एक बड़े गिरोह के मुखिया छांगुर बाबा को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। उसके साथ महिला साथी नीतू उर्फ नसरीन भी पकड़ी गई है। दोनों को 5 जुलाई 2025 को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
छांगुर बाबा का असली नाम जलालुद्दीन शाह है। वह बलरामपुर के रेहरा माफी गांव का रहने वाला है। बाबा कई सालों से फरार चल रहा था पुलिस ने उसपर 50 हजार का इनाम रखा था।
साइकिल से अंगूठी बेचने से करोड़ों तक फैलाया साम्राज्य
2010 से पहले छांगुर गांव में साइकिल पर अंगूठी और टोने-टोटके का सामान बेचता था। धीरे-धीरे उसने झाड़-फूंक और चमत्कार के नाम पर लोगों को इलाज देना शुरू किया। 2015 में वह ग्राम प्रधान बन गया और फिर मधुपुर गांव में अपना अड्डा बना लिया। वहीं से उसने लोगों को चमत्कारी उपायों से बहलाकर धर्म बदलवाना शुरू कर दिया।
शादी, नौकरी का लालच देकर कराता था धर्म परिवर्तन
पुलिस की जांच में पता चला है कि छांगुर और उसका गिरोह गरीब, मजदूर और विधवा महिलाओं को शादी, नौकरी और इलाज के बहाने बहकाता था। झाड़-फूंक और चमत्कार के नाम पर पहले भरोसा दिलाया जाता था।
फिर धीरे-धीरे लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाता था। कुछ मामलों में लोगों को जबरन या धमकी देकर भी धर्म बदलवाया गया।
पहले बेटे की गिरफ्तारी, अब बाबा की गिरफ्तारी
इस गिरोह के मामले में पहले छांगुर के बेटे महबूब और उसके साथी नवीन उर्फ जमालुद्दीन को भी एटीएस ने 10 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया था। अब बाबा और महिला साथी की गिरफ्तारी के बाद इस नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
इस केस में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में केस दर्ज है। इसमें देशद्रोह, धोखाधड़ी और धर्मांतरण रोकथाम कानून की धाराएं लगाई गई हैं।
मधुपुर में आलीशान कोठी, प्राइवेट सड़क, हाईटेक सिक्योरिटी
छांगुर ने अपने गांव मधुपुर में एक भव्य कोठी बनवाई थी, जो अब सुनसान पड़ी है। कोठी तक जाने वाली 500 मीटर लंबी निजी सड़क, चारों तरफ कटीले तारों की बाउंड्री, और CCTV कैमरे लगाए गए थे। गांव वालों के मुताबिक, पहले छांगुर बाइक पर चलता था, अब लग्ज़री गाड़ियों का काफिला बन चुका था।
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विदेशी पैसा और करोड़ों की संपत्ति का खेल
जांच में पता चला है कि छांगुर ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी फंडिंग से संपत्ति बनाई है। उसके पास 40 से ज्यादा बैंक खाते हैं, जिनमें से कुछ धार्मिक संस्थाओं के नाम पर हैं। उसने इस पैसे से शोरूम, बंगले और गाड़ियां खरीदीं।
बेटे के लिए तैयार कर रहा था राजनीति का रास्ता
छांगुर सिर्फ बाबा नहीं, राजनीति में भी दखल देता था। 2005 में उसने एक करीबी को चुनाव जिताया, 2015 में खुद प्रधान बना। 2022 में बेटे महबूब को भी चुनाव लड़वाया, पर वह हार गया। इसके बाद उसने धर्मांतरण के जरिए जनाधार बढ़ाने की चाल चली।
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देशभर में फैला नेटवर्क, नोएडा में दर्ज है केस
जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा का नेटवर्क हरियाणा, मुरादाबाद, महाराष्ट्र और नोएडा तक फैला है। नोएडा की एक लड़की ने उस पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का केस दर्ज कराया है। उसका बयान सोशल मीडिया पर वायरल भी हो चुका है।
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CBI भी जांच में उतरी, कई साथी भूमिगत
मामले की गंभीरता को देखते हुए अब CBI भी जांच में शामिल हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, छांगुर के कई सहयोगी फरार हो गए हैं और गायब रहने की कोशिश कर रहे हैं। एटीएस ने 8 और संदिग्धों की पहचान कर ली है, जिन पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।
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