क्रेडिट स्कोर अपडेट में बदलाव, 15 दिन की जगह, अब हर हफ्ते होगा नया अपडेट

भारत में क्रेडिट स्कोर प्रणाली में बदलाव हो रहा है। अप्रैल 2026 से क्रेडिट स्कोर हर हफ्ते अपडेट होगा। बैंक हर 7, 14, 21, 28 और महीने के अंत में डेटा अपडेट करेंगे। इससे उधार लेने वालों को लोन मिलना आसान होगा और बैंकों को ताजा डेटा मिलेगा।

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Sandeep Kumar
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MUMBAI. भारत में क्रेडिट स्कोर से जुड़ी व्यवस्था में बदलाव हो रहा है। RBI ने नया मसौदा जारी किया है। इसके तहत क्रेडिट स्कोर अब हर हफ्ते अपडेट होगा। वर्तमान में यह प्रक्रिया महीने में दो बार होती है। अप्रैल 2026 से यह अपडेट तेजी से होगा। इससे उधारकर्ताओं को लोन और क्रेडिट कार्ड मिलना आसान होगा। बैंकों को भी सटीक और ताजा डेटा मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव सिस्टम को और भरोसेमंद बनाएगा।

हर 7 दिन में  क्रेडिट स्कोर अपडेट

अप्रैल 2026 से क्रेडिट स्कोर हर 7 दिन में अपडेट होगा। सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को यह बदलाव लागू करना होगा। वर्तमान में स्कोर 15 दिन में अपडेट होता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह प्रस्ताव जारी किया था। इसके तहत, सिबिल और एक्सपीरियन जैसी कंपनियां हर महीने पांच बार डेटा अपडेट करेंगी। यह अपडेट 7, 14, 21, 28 तारीख और महीने की आखिरी तारीख को होंगे। साथ ही ग्राहकों को इससे फायदा मिलेगा।

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CICs को जमा करना होगा

बैंकों को हर महीने की आखिरी तारीख तक का डेटा अगले महीने की 3 तारीख तक CICs को जमा करना होगा। उदाहरण के लिए, 31 अक्टूबर 2025 तक का डेटा 3 नवंबर 2025 तक जमा करना होगा। इस फाइल में सभी एक्टिव खाते शामिल होंगे। इसके अलावा, वे खाते भी शामिल होंगे जिनमें ग्राहक और बैंक का रिश्ता खत्म हो चुका है। वहीं महीने के अंदर होने वाले वीकली सबमिशन (यानी 7, 14, 21 और 28 तारीख तक का क्रेडिट डेटा) में बैंक सिर्फ इंक्रीमेंटल डेटा ही CICs को देंगे, पूरा फाइल नहीं।

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क्या है CICs

ग्राहक सूचना नियंत्रण प्रणाली (CICs) IBM मेनफ्रेम ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलती है। यह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग सिस्टम और एप्लिकेशन सर्वर है। यह बैंकिंग और बीमा सेक्टर में बड़े ट्रांजैक्शंस को संभालती है।

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7 तक का डेटा 9 तारीख तक भेजना होगा

बैंकों को नए खुले खातों की जानकारी जमा करनी होगी। इसके अलावा, जिन खातों में बैंक और ग्राहक का रिश्ता खत्म हुआ हो, उनका डेटा भी देना होगा। जिन खातों में ग्राहक द्वारा बदलाव हुआ हो, जैसे किस्त चुकाना या नाम बदलना, उनकी जानकारी भी जमा करनी होगी।

जिन खातों की एसेट क्लासिफिकेशन बदली हो, जैसे SMA-0 से SMA-1, उनकी जानकारी भी देनी होगी। यह डेटा हर साप्ताहिक अपडेट के बाद 2 दिन में CICs को भेजना होगा। उदाहरण के लिए, 7 तारीख तक का डेटा 9 तारीख तक भेजना होगा।

अगर बैंक समय-सीमा का पालन नहीं करता, तो CICs को रिपोर्ट करनी होगी। रिपोर्ट DAKSH पोर्टल पर जमा करनी होगी। यह रिपोर्ट हर छह महीने में देनी होगी। रिपोर्ट 31 मार्च और 30 सितंबर को जमा करनी होगी।

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सिबिल स्कोर कैसे चेक करें?

सिबिल स्कोर www.cibil.com पर मुफ्त में देखा जा सकता है। यह सुविधा साल में एक बार मिलती है। एक से ज्यादा बार चेक करने के लिए 550 रुपए का सब्सक्रिप्शन लेना होता है। कई बैंकिंग सर्विस एग्रीगेटर्स भी सिबिल स्कोर चेक करने की सुविधा देते हैं।

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क्या होता है क्रेडिट स्कोर

क्रेडिट स्कोर 300 से 900 तक की 3 अंकों की संख्या होती है। यह उधारकर्ता की विश्वसनीयता को दर्शाता है। भारत में मुख्य रूप से सिबिल स्कोर होता है। इसे ट्रांसयूनियन सिबिल जारी करती है। अन्य ब्यूरो जैसे इक्विफैक्स भी क्रेडिट स्कोर देते हैं।

750–900 ( बहुत अच्छा)
650–750 ( अच्छा )
550–650 ( औसत )
300–550 ( बहुत खराब )

यह स्कोर लोन चुकाने के इतिहास पर आधारित होता है। इसमें क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट, कर्ज और क्रेडिट उपयोग भी शामिल हैं। उच्च स्कोर से लोन और क्रेडिट कार्ड सस्ते और आसानी से मिलते हैं।

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