UNESCO Cultural Heritage List में दीपावली को मिली खास जगह, पीएम मोदी बोले- यह हमारी सभ्यता की आत्मा है

दीपावली को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है। यह भारत की संस्कृति और एकता का वैश्विक सम्मान है। यह सूचीबद्ध होने वाला 16वाँ तत्व है।

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Kaushiki
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UNESCO Cultural Heritage List: रोशनी का हमारा त्योहार दीपावली अब पूरी दुनिया में चमक उठा है। इसे यूनेस्को (UNESCO) की अमूर्त कल्चरल हेरिटेज लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। इस सम्मान की फॉर्मल अनाउंसमेंट 8 से 13 दिसंबर 2025 तक नई दिल्ली के लाल किले में हुई।

यह फैसला 20वें यूनेस्को अंतर-सरकारी समिति सत्र में लिया गया। ये पूरे देश के लिए बहुत गर्व की बात है क्योंकि दीपावली भारत की ओर से इस लिस्ट में शामिल होने वाला 16वां तत्व बन गया है।

194 सदस्य देशों ने इस निर्णय का समर्थन किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस वैश्विक मान्यता का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दीपावली हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता की आत्मा से जुड़ी हुई है।

क्यों चुनी गई दीपावली

दीपावली सिर्फ एक सालाना त्योहार नहीं है। ये लाखों भारतीयों के इमोशनल और कल्चरल ताने-बाने में बुनी हुई एक जीवंत परंपरा है। यह पर्व सामाजिक सद्भाव, सामुदायिक सहभागिता और समग्र विकास को मजबूती देता है।

हर साल जब दीये जलाए जाते हैं तो यह खुशी, नई शुरुआत और जुड़ाव की भावना को फिर से जगाता है। यह त्योहार अंधेरे पर रोशनी और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

कार्तिक अमावस्या को मनाई जाने वाली दीपावली की बुनियादी सोच में सभी लोगों के लिए खुशहाली और नई शुरुआत का जश्न मनाना शामिल है। यह त्योहार अपने समावेशी स्वभाव के कारण अलग-अलग समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा देता है।

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दीपावली का UNESCO में नामांकन कैसे हुआ

UNESCO की इस लिस्ट में शामिल होने के लिए, भारत को एक विस्तृत दस्तावेज जमा करना पड़ा। नियम यह है कि हर देश दो साल में केवल एक तत्व नॉमिनेट कर सकता है। भारत ने 2024-25 के लिए दीपावली को चुना।

संस्कृति मंत्रालय के तहत संगीत नाटक अकादमी ने देशभर के विद्वानों और कलाकारों की एक विशेष कमेटी बनाई। इस कमेटी ने आदिवासी समूहों समेत पूरे देश के समुदायों से सहमति ली। दीपावली के सांस्कृतिक महत्व को प्रभावी ढंग से पेश किया।

प्रधानमंत्री और संस्कृति मंत्री ने जताया हर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वैश्विक मान्यता का दिल खोलकर स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह पर्व भारत की संस्कृति और सभ्यता की आत्मा से गहराई से जुड़ा हुआ है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी अपनी खुशी जाहिर किया।

उन्होंने कहा कि यह सम्मान हर उस घर का है जिसने कभी दीया जलाया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दीपावली का सरल संदेश अंधेरे पर रोशनी की जीत सीमाओं से परे है।

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त्योहार से जुड़ी महत्वपूर्ण कथाएं

दीपावली कई पौराणिक कथाओं और रीति-रिवाजों से जुड़ी हुई है, जो इसकी विविधता को दिखाती हैं:

  • रामायण प्रसंग: 

    यह त्योहार भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने का प्रतीक है। इसका उत्सव दीये जलाकर मनाया जाता है।

  • महाभारत और पांडव: 

    कुछ मान्यताओं के मुताबिक, ये पांडवों के अपने वनवास से लौटने का भी प्रतीक है।

  • देवी लक्ष्मी का आगमन: 

    दीपावली की रात देवी लक्ष्मी रोशनी वाले घरों में आती हैं, इसलिए लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है।

  • जैन धर्म में निर्वाण: 

    24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने दीपावली के दिन ही पावापुरी में निर्वाण प्राप्त किया था।

  • नरक चतुर्दशी: 

    यह भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर पर जीत की याद दिलाता है।

दीपावली का उत्सव केवल एक रात का नहीं होता बल्कि यह पांच उत्सव के दिनों में मनाया जाता है। ये दिन हैं: धनतेरस, नरक चतुर्दशी, मुख्य दीपावली, गोवर्धन पूजा/अन्नकूट और भाई दूज।

UNESCO की लिस्ट में दिपावली शामिल, पीएम मोदी ने जाहिर की खुशी | UNESCO Ki  Intangible Cultural Heritage List Me Diwali Shamil, PM Modi Ne Jati Khushi,  Social Media Par Badhai

यूनेस्को सूची में आने का क्या है मतलब

यूनेस्को (UNICEF report) की ये मान्यता सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सम्मान हर उस घर का है जिसने दीया जलाया है। यह वैश्विक मान्यता यह सुनिश्चित करेगी कि आने वाली पीढ़ियों के लिए इस कल्चरल ट्रेडिशन की रक्षा की जाए। 

UNICEF (यूनेस्को विश्व धरोहर सूची) की इनटैंजिबल कल्चरल हेरिटेज सूची का उद्देश्य जीवित सांस्कृतिक परंपराओं, कलाओं और रीति-रिवाजों को बचाना है। इन पर ग्लोबलाइजेशन का खतरा बढ़ रहा है।

दीपावली का नाम इसमें आना भारत के अर्थव्यवस्था और सामाजिक-भावनात्मक भलाई को भी बढ़ावा देगा। यह त्योहार कारीगरों, कुम्हारों और छोटे बिजनेस को रोजगार देकर कई सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स में भी योगदान देता है।

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