10 दिसंबर का इतिहास: Human Rights Day, शांति, समानता और न्याय की ओर एक कदम

10 दिसंबर को हर साल मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। यह वह दिन है जब संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) को अपनाया था। यह घोषणा हर इंसान को उसका हक दिलाती है, खासकर भारत जैसे लोकतंत्र के लिए यह बहुत जरूरी है।

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Kaushiki
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आज के दिन की कहानी:यह बात हम सब जानते हैं कि मानव इतिहास सदियों से संघर्ष और न्याय की तलाश से भरा रहा है। पुराने जमाने में ताकतवर लोग अक्सर कमजोरों के हक छीन लेते थे। यह एक पुरानी कड़वी सच्चाई है।

ऐसे में जब दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ, तो दुनिया ने एक भयानक तबाही और अमानवीयता का दर्द महसूस किया। लाखों लोगों की मौत हुई और मानवता शर्मसार हो गई, जिसने सबको झकझोर दिया।

इस दर्दनाक अनुभव के बाद, दुनिया के समझदार नेताओं ने सोचा कि अब कुछ पक्का और बड़ा करना होगा। कुछ ऐसा बड़ा करना होगा जिससे इंसानियत हमेशा जिंदा रहे। इसलिए, 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई, ताकि सभी देश शांति से रह सकें।

Today's History: 10 दिसंबर को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस,  जानें आज का इतिहास

10 दिसंबर 1948 का दिन

10 दिसंबर 1948 का दिन इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है, इसे याद रखना जरूरी है। इसी दिन, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (Universal Declaration of Human Rights - UDHR) को पेरिस में मंजूरी दी थी।

ये एक ऐसा हिस्टोरिकल डॉक्यूमेंट है जिसने दुनिया के हर कोने में इंसान के बुनियादी हकों की पक्की नींव रखी है। ये मैनिफेस्टो 30 अनुच्छेदों का एक ताकतवर आईना है, जो हर व्यक्ति के सम्मान और आजादी की गरंटी देता है।

10 दिसंबर मानव अधि‍कार दिवस पर पढ़ें विशेष आलेख। Human Rights day 10 dec

Universal Declaration of Human Rights

UDHR यानी Universal Declaration of Human Rights (मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा), एक हिस्टोरिक डॉक्यूमेंट है जिसे 1948 में UN General Assembly ने अपनाया था।

यह बताता है कि हर इंसान के पास जन्म से कौन-कौन से फंडामेंटल राइट्स हैं। जैसे समानता, आजादी और सुरक्षा। यह दुनिया भर में ह्यूमन राइट्स को बढ़ावा देने का ब्लूप्रिंट है। UDHR को United Nations (UN) के माध्यम से लागू किया जाता है। इसका मुख्यालय New York City में है।

भारत ने भी UDHR को अडॉप्ट किया है। इससे भारत को अपने नागरिकों के लिए जस्टिस और इक्वलिटी सुनिश्चित करने में गाइडेंस मिली है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ह्यूमन राइट्स के मुद्दों पर आवाज उठाने में सपोर्ट मिलता है। भारत में कंस्टीटूशन में कई राइट्स UDHR से इंस्पायर्ड हैं।

भारत में वर्तमान मानवाधिकार मुद्दे और चुनौतियां

भारत और ह्यूमन राइट्स: हमारा अपना संघर्ष

भारत हमेशा से ही आध्यात्मिक ज्ञान और अहिंसा की धरती रहा है, यह हमारी पहचान है। हमारी आजादी की लड़ाई भी मानवाधिकारों की एक लंबी और शानदार गाथा थी, जिसे दुनिया जानती है।

महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के जरिए गोरे शासन के अन्याय के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाई थी। तो ऐसे में जब UDHR बना, तो भारत भी उसका एक सक्रिय और मजबूत हिस्सा था।

ये हमें गर्व महसूस कराता है। हमारी संविधान सभा में मौजूद विद्वान नेताओं ने इस वैश्विक दस्तावेज के सिद्धांतों को गहराई से समझा था। इसी कारण, हमारे संविधान का भाग तीन सीधे तौर पर UDHR से प्रभावित दिखता है।

इसमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार और शोषण के खिलाफ अधिकार शामिल हैं। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने सामाजिक न्याय को सबसे ऊपर रखा था, जो मानवाधिकारों का मूल आधार है। 

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मानवाधिकार दिवस का इम्पोर्टेंस

मानवाधिकार दिवस केवल आत्म-चिंतन का एक खास मौका है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हर इंसान को बिना किसी भेदभाव के जीने, आजाद रहने और सम्मान पाने का पूरा हक है।

हमें जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक स्थिति के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव को खत्म करना होगा। इस दिन, संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर की संस्थाएं मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करती हैं। यह मौका है कमजोर और वंचित लोगों की आवाज बनने का, जो आज भी न्याय की राह देख रहे हैं।

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ह्यूमन राइट्स की रक्षा के लिए भारतीय सरकार के की स्टेप्स  

Human Rights Day के महत्व को समझते हुए, भारतीय सरकार ने मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। ये कदम कानूनी और इंस्टीटूशनल दोनों तरह के हैं।

  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission - NHRC) की स्थापना

    सरकार ने 1993 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (Protection of Human Rights Act) के तहत NHRC की स्थापना की। यह एक आजाद संस्था है जो देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करती है और जरूरी सिफारिशें देती है। यह लोगों की शिकायतें सुनता है और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करता है।

  • बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार (Right to Education - RTE Act, 2009)

    इस अधिनियम के जरिए 6 से 14 साल तक के हर बच्चे को मुफ्त और जरूरी शिक्षा पाने का कानूनी हक मिला। यह मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) के शिक्षा के अधिकार को पक्का करता है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि गरीब से गरीब बच्चे को भी स्कूल जाने का पूरा मौका मिले।

  • सूचना का अधिकार (Right to Information - RTI Act, 2005)

    यह कानून नागरिकों को सरकारी काम-काज और रिकॉर्ड से संबंधित जानकारी माँगने का अधिकार देता है। ट्रांसपेरेंसी और एकाउंटेबिलिटी को बढ़ाने के लिए यह एक मजबूत टूल है। यह Freedom of Expression और Right to Information जैसे बुनियादी मानवाधिकारों को मजबूती देता है।

  • अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम (SC/ST (Prevention of Atrocities) Act)

    यह अधिनियम SC/ST के लोगों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए एक सख्त कानूनी ढांचा प्रदान करता है। यह सामाजिक न्याय और भेदभाव के खिलाफ समानता के अधिकार को पक्का करता है। ये मानवाधिकारों का एक सबसे बड़ा हिस्सा है। इस कानून में सख्त सजा का प्रावधान है।

  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)

    इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्र के हर परिवार को साल में कम से कम 100 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी दी गई है। यह काम करने के अधिकार और सम्मान के साथ जीने के अधिकार को सपोर्ट करता है। ये गरीबी को कम करने और आर्थिक सुरक्षा देने में मदद करता है।

  • महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम (Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005)

    यह कानून महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण शामिल है। यह महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के अधिकार को पक्का करता है। यह लिंग समानता (Gender Equality) और महिलाओं के मानवाधिकारों की दिशा में एक बड़ा कदम है।

  • आधार-आधारित कल्याणकारी योजनाएं और डिजिटल अधिकार

    सरकार ने आधार (Aadhaar) और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके राशन, सब्सिडी और पेंशन जैसी कल्याणकारी योजनाओं को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाया है। ये सुनिश्चित करता है कि सरकारी योजनाओं का फायदा सही और जरूरतमंद लोगों को मिले। इससे भ्रष्टाचार कम होता है और सामाजिक सुरक्षा तथा आर्थिक अधिकारों की पहुंच बेहतर होती है।

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ह्यूमन राइट्स का फ्यूचर

आज की डिजिटल दुनिया में, मानवाधिकारों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, यह एक बड़ी समस्या है। साइबर बुलिंग, निजी डेटा की चोरी और ऑनलाइन नफरत जैसे नए खतरे लगातार सामने आ रहे हैं।

पर्यावरण का बिगड़ना भी मानवाधिकारों पर सीधा असर डाल रहा है, जिसे रोकना जरूरी है। इसलिए, हमें UDHR के सिद्धांतों को आज के जमाने के हिसाब से फिर से लागू करना होगा। सभी देशों को मिलकर काम करना होगा, ताकि मानवाधिकारों की मशाल हमेशा जलती रहे और अंधेरा दूर हो।

References:

  • United Nations - Universal Declaration of Human Rights
  • National Human Rights Commission (NHRC) India - About Us
  • Constitution of India - Part III (Fundamental Rights)
  • Office of the United Nations High Commissioner for Human Rights (OHCHR) - Human Rights Day

10 दिसंबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं

हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 10 दिसंबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।

इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 10 दिसंबर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।

विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएं

  • 1508: पापल स्टेट्स, फ्रांस, आरागॉन और पवित्र रोमन साम्राज्य ने लीग ऑफ कंबराई का गठन किया, जो वेनिस गणराज्य के खिलाफ एक गठबंधन था।

  • 1582:फ्रांस ने ग्रेगोरियन कैलेंडर का इस्तेमाल करना शुरु किया।

  • 1684: एडमंड हैली ने आइजैक न्यूटन के केपलर के नियमों को उनके टॉगविटी के सिद्धांत से व्युत्पन्न करने वाले 'पेपर डी मोटू कॉर्पोरम' को रॉयल सोसाइटी में प्रस्तुत किया।

  • 1799:फ्रांस पहला देश बन गया जिसने वजन और उपायों के लिए मीट्रिक प्रणाली को अपनाया।

  • 1817:मिसिसिपी को अमेरिका के 20वें राज्य के रूप में स्वीकार किया गया।

  • 1884: अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेनवास द्वारा हकल बेरी फिन का एडवेंचर्स यूनाइटेड किंगडम और कनाडा में पहली बार प्रकाशित हुआ।

  • 1896: स्वीडन के रसायनशास्त्री व नोबेल पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का निधन हुआ।

  • 1898:पेरिस की संधि पर हस्ताक्षर किए गए और स्पेनी-अमेरिकी युद्ध समाप्त हुआ।

  • 1901:पहले नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु की सालगिरह पर स्टॉकहोम में प्रदान किए गए।

  • 1902: अफ्रीका में स्थित नील नदी पर पहला असवान बांध बनाया गया।

  • 1902:तस्मानिया में महिलाओं को वोट देने का अधिकार प्रदान किया गया।

  • 1903:पियरे क्यूरी और मैरी क्यूरी को भौतिक विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

  • 1936: यूनाइटेड किंगडम के एडवर्ड आठवें ने अमेरिकी सोशलाइट वालिस सिम्पसन से शादी करने की इच्छा के चलते सिंहासन का त्याग किया।

  • 1941: जापान ने गुआम की लड़ाई पर जीत हासिल की।

  • 1958: पहली घरेलू यात्री जेट संचालित विमान उड़ान संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई (नेशनल एयरलाइंस बोइंग 707)।

  • 1968: जापान की सबसे बड़ी उत्तराधिकारी, जिसे कभी-कभी "300 मिलियन येन डकैती" कहा जाता है, टोक्यो में हुई।

  • 1983:राउल अल्फोंसिन सैन्य लोकतंत्र के पतन के बाद पद संभालने वाले अर्जेंटीना के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति बने।

  • 1988: अर्मेनिया में आए विनाशकारी भूकंप से लगभग 45,000 लोगों की मौत हुई।

  • 1989: मंगोलिया में पहले खुले लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन के दौरान मोंगोलियन डेमोक्रेटिक यूनियन के गठन की घोषणा हुई।

  • 1996: दक्षिणी अफ़्रीक़ा के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने एक नये संविघान पर हस्ताक्षर किये।

  • 2002: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर को कूटनीति के उपयोग के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से प्रस्तुत किया गया।

  • 2007:क्रिस्टीना फर्नाडीज ने अर्जेंटीना की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।

  • 2013: मादक पदार्थ मारिजुआना के विकास, बिक्री तथा उपयोग को वैध बनाने वाला उरूगवे पहला देश बना।

भारत की महत्वपूर्ण घटनाएं

  • 1878: भारत के अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का जन्म हुआ।

  • 1998: भारतीय अर्थशास्त्री और दार्शनिक अमर्त्य सेन को कल्याणकारी अर्थशास्त्र के क्षेत्र में योगदान देने के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया।

  • 2001: भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकार दादा मुनि (अशोक कुमार) का निधन हुआ।

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