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आज के दिन की कहानी: आज हम एक ऐसे ऐतिहासिक दिन की बात कर रहे हैं, जो हमारी आजादी की लड़ाई के बीच भी भारत की दूरदर्शिता और वैश्विक शांति की सोच को दिखाता है। यह कहानी है 30 अक्टूबर 1945 की। इस दिन भारत आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र (United Nations - UN) का संस्थापक सदस्य बन गया।
जरा सोचिए, उस समय हमारा देश अभी भी ब्रिटिश राज के अधीन था। लेकिन, फिर भी हम दुनिया के उन 51 देशों में शामिल थे। इन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के बाद, भविष्य में ऐसी तबाही को रोकने के लिए एक नए विश्व संगठन को जन्म दिया।
यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी। बल्कि यह दुनिया को यह बताने का एक तरीका था कि भारत आजाद होने से पहले ही वैश्विक शांति, मानवाधिकारों और आपसी सहयोग के नियमों में विश्वास रखता है।
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कैसे हुई इस ऐतिहासिक पल की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र का जन्म दूसरे विश्व युद्ध की भयंकर तबाही के बाद हुआ था। दुनिया के नेताओं को समझ आ गया था कि अब शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए एक मजबूत अंतर्राष्ट्रीय संस्था की जरूरत है।
वजह थी वर्ल्ड वॉर 2 (World War 2):
दुनिया ने दो भयंकर विश्व युद्ध देखे थे। आगे ऐसी तबाही न हो, इसके लिए शांति, सुरक्षा और आपसी सहयोग के लिए एक बड़ी इंटरनेशनल संस्था (International Organisation) बनाने की जरूरत थी, जिसका नाम रखा गया UN।
1942, डिक्लेरेशन बाय यूनाइटेड नेशंस (Declaration by United Nations):
इसकी शुरुआत 1 जनवरी 1942 को वॉशिंगटन, डी।सी। में हुई थी, जब Allied देशों ने एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। उस समय सर गिरिजा शंकर बाजपेयी ने ब्रिटिश इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हुए इस पर हस्ताक्षर किए थे। एशिया से चीन गणराज्य के साथ, भारत भी उन 26 मूल सिगनटोरिएस में से एक था।
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सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन (San Francisco Conference):
असली नींव पड़ी 25 अप्रैल से 26 जून 1945 तक चले सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन में। यहां यूएन चार्टर को ड्राफ्ट किया गया।
चार्टर पर हस्ताक्षर:
26 जून 1945 को, भारत के प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व सर आरकोट रामास्वामी मुदलियार ने किया ने इस ऐतिहासिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। रियासतों की ओर से सर वी।टी। कृष्णमाचारी (V.T. Krishnamachari) ने भी हस्ताक्षर किए थे।
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औपचारिक सदस्यता (Official Ratification):
संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक तौर पर 24 अक्टूबर 1945 को अस्तित्व में आया। इसके ठीक छह दिन बाद, 30 अक्टूबर 1945 को भारत ने यूएन चार्टर की पुष्टि कर दी। यह कदम भारत को UN का मूल सदस्य बना गया।
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आजादी के संघर्ष के बीच UN में भारत का किरदार
भारत भले ही उस वक्त आजाद नहीं था, लेकिन UN में उसकी आवाज को नजरअंदाज करना मुश्किल था। भारत के प्रतिनिधियों ने बड़ी बेबाकी से उस समय भी बड़े मुद्दों पर बात की:
वीटो पावर पर विरोध:
भारत उन देशों में शामिल था जिसने सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को दिए गए वीटो पावर का विरोध किया था।
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नस्लीय भेदभाव:
आजादी मिलने के तुरंत बाद, भारत नस्लीय भेदभाव और रंगभेद का सबसे पहले और मुखर रूप से विरोध करने वाला देश बना।
1946 में ही भारत ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का मुद्दा UN में उठाया था।मानवाधिकार घोषणापत्र:
डॉ, हंसा मेहता, जो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही थीं उन्होंने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (Universal Declaration of Human Rights) का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने "All men are created।।।" की भाषा को बदलकर लैंगिक समानता (Gender Equality) पर जोर देने के लिए बदलाव सुझाए थे।
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UN सदस्यता का मतलब
UN का संस्थापक सदस्य बनना भारत के लिए केवल एक सीट हासिल करना नहीं था। बल्कि यह एक वैश्विक मंच था जहां भारत अपनी सभ्यता, शांति और 'वसुधैव कुटुंबकम्' (The world is one family) के सिद्धांत को दुनिया के सामने रख सकता था।
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आजादी के बाद, विजयलक्ष्मी पंडित (पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन) UN महासभा की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गईं (1953), जिससे भारत का कद और भी ऊंचा हो गया।
भारत ने हमेशा अ-संरेखण आंदोलन (Non-Aligned Movement - NAM) का नेतृत्व किया और कोलोनिअलिस्म के अंत और विकासशील देशों के हितों के लिए आवाज उठाई।
आज भी, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सबसे ज्यादा सैनिक भेजने वाले देशों में भारत शुमार है, जो शांति के प्रति उसके अटूट समर्पण को दिखाता है।
Reference Sources
- United Nations Official Website: [Search for India's role in UN founding]
- Indian Council of World Affairs (ICWA): [Search for Signing of the UN Charter, 26 June 1945 by Amb. Asoke Mukerji]
- UN News: [Search for India's historic moments in UN]
- Wikipedia indian history/Historical Records: [Search for India and the United Nations founding member date]
30 अक्टूबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 30 अक्टूबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 30 अक्टूबर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
1226: वियतनाम के त्रान थू डो ने लाई राजवंश के अंतिम सम्राट को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया।
1501: कार्डिनल सेसरे बोरगिया ने पापल प्लेस में एक विवादास्पद दावत का आयोजन किया।
1611: गुस्टाॅफ द्वितीय एडोल्फ 17 वर्ष की आयु में स्वीडन के राजा बने।
1766: न्यूयॉर्क में सेंट पॉल के चैपल को पवित्र किया गया।
1768: उत्तर अमेरिकी कॉलोनियों में पहली मेथोडिस्ट चर्च की शुरुआत हुई।
1772: कप्तान जेम्स कुक जहाज 'संकल्प' (Resolution) के साथ कैपटाउन पहुँचे।
1806: चौथे गठबंधन युद्ध के दौरान, स्टैटिन (प्रशिया) में 5,300 लोगों की जर्मन गैरीसन ने फ्रांसीसी बल के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
1863: सत्रह वर्षीय डेनिश राजकुमार विल्हेम, ग्रीस के राजा जॉर्ज I के रूप में एथेंस पहुँचे।
1888: मैटाबेलेलैंड के राजा लोबेंगुला ने ब्रिटिश साउथ अफ्रीका कंपनी के निर्माण के लिए रूड कंसेशन को मंजूरी दी।
1905: तुर्की पेशेवर स्पोर्ट्स सोसायटी क्लब, गलटासरे, इस्तांबुल में स्थापित हुआ।
1910: अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस संस्था के संस्थापक हेनरी डुनेन्ट का निधन हुआ।
1925: पहली बार लंदन में टेलिविजन ट्रांसमिशन हुआ।
1938: एच.जी. वेल्स के विज्ञान कथा उपन्यास पर आधारित रेडियो नाटक 'द वार ऑफ़ द वर्ल्ड्स' ने अमेरिका में श्रोताओं के बीच मार्टियन आक्रमण का डर पैदा कर दिया।
1942: द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश नाविकों ने जर्मन पनडुब्बी U-559 से एनगमा कोड को तोड़ने वाली महत्वपूर्ण क्रिप्टोग्राफ़िक सामग्री बरामद की।
1960: सर माइकल वुडरफ ने ब्रिटेन के अस्पताल में पहली बार किसी जीवित इंसान के शरीर से किडनी का प्रत्यारोपण किया।
1961: सोवियत संघ द्वारा दुनिया का सबसे बड़ा थर्मोन्यूक्लियर बम 'ज़ार बॉम्बा' का आर्कटिक में परीक्षण किया गया।
1965: इंग्लिश मॉडल जीन श्रीम्पटन ने विवादास्पद रूप से मिनीस्कर्ट पहनकर महिलाओं के फैशन में एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत की।
1973: इस्तांबुल का बोस्फोरस ब्रिज (Bosphorus Bridge), जो यूरोप और एशिया को जोड़ता है, का निर्माण पूरा हुआ।
1975: स्पेन में किंग जुआन कारलोस ने सत्ता संभाली।
1983: सैन्य तानाशाही की समाप्ति के बाद पहली बार हुए लोकतांत्रिक चुनाव में राउल अल्फोंसिन अर्जेंटीना के राष्ट्रपति बने।
1991: मध्य पूर्व शांति सम्मेलन मैड्रिड में शुरू हुआ, जिसमें इज़राइल और उसके अरब पड़ोसी देशों ने भाग लिया।
1993: हैलोवीन पार्टी के दौरान एक पब में आग लगने से आठ लोगों की मौत हो गई।
1995: एक जनमत संग्रह में, क्यूबेक (कनाडा) की संप्रभुता को 50.58 प्रतिशत मतदाताओं ने खारिज कर दिया।
2006: सुपर टाइफून सिमरोन ने फिलीपींस के लूजॉन में भूस्खलन किया, जिससे कम से कम तीन लोगों की मौत हुई।
2009: नासा ने खुलासा किया कि आंशिक पैराशूट विफलता के कारण एरेस-एक्स परीक्षण बूस्टर को नुकसान पहुंचा।
2010: ब्राजील के तट पर एक बड़े तेल क्षेत्र की खोज हुई, जिसमें 8 से 15 बिलियन बैरल तेल होने का अनुमान है।
2012: तूफान सैंडी के बाद हैती में खाद्य कीमतों में वृद्धि और हैजा को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई।
2013: तुर्की ने इस्तांबुल में यूरोप और एशिया को जोड़ने वाली समुद्री सुरंग का उद्घाटन किया।
2014: स्वीडन ने आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्वीकार किया।
2016: कनाडा और अमेरिका के बाद, विपक्ष ने बेल्जियम से मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए।
भारत में महत्वपूर्ण घटनाएं
1909: भारत के महान वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक होमी जहांगीर भाभा का जन्म हुआ।
1945: भारत संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में शामिल हुआ।
1956: भारत का पहला पांच सितारा होटल 'अशोक' खुला।
1990: भारत के मशहूर और लोकप्रिय अभिनेता विनोद मेहरा का निधन हुआ।
2008: असम की राजधानी गुवाहाटी और 13 अन्य स्थानों पर श्रेणिबद्ध बम धमाके हुए, जिसमें 66 से अधिक लोग मारे गए।
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