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आज हम उस शहर की कहानी को देखेंगे जिसने लगभग डेढ़ सौ साल तक पूरे भारत पर राज करने वाले ब्रिटिश साम्राज्य का सेंटर बनकर काम किया। हम बात कर रहे हैं कलकत्ता की, जिसे आज हम कोलकाता कहते हैं।
अक्सर लोग तारीखों को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं लेकिन सच ये है कि 1772 से लेकर 1774 तक का समय इस शहर के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ था। इसी समय ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपना प्रशासनिक केंद्र बनाया, जिसके बाद यह पूरे ब्रिटिश भारत की राजधानी बन गया।
1772: जब हेस्टिंग्स ने कलकत्ता को बनाया पावर सेंटर
ईस्ट इंडिया कंपनी, जो पहले सिर्फ एक व्यापारी संगठन थी, 1757 में प्लासी की लड़ाई जीतने के बाद भारत में एक राजनीतिक ताकत बन चुकी थी। लेकिन तब तक उनका शासन बिखरा हुआ था और बंगाल में 'द्वैध शासन' (Dual Government) चल रहा था।
वारेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) की एंट्री:
1772 में वॉरेन हेस्टिंग्स को बंगाल का पहला गवर्नर बनाया गया। उन्होंने आते ही सबसे पहले 'द्वैध शासन' को खत्म किया और प्रशासनिक सुधार लागू किए।
प्रशासनिक केंद्र का बदलाव:
हेस्टिंग्स ने तुरंत ही मुर्शिदाबाद से सभी सरकारी दफ्तरों को कलकत्ता शिफ्ट कर दिया। इस कदम से कलकत्ता केवल एक व्यापारिक पोर्ट नहीं रहा, बल्कि यह कंपनी के नियंत्रण वाले बंगाल का प्रशासनिक केंद्र और न्यायिक केंद्र भी बन गया।
यह 1772 की वह तारीख थी, जब आधिकारिक तौर पर कलकत्ता को बंगाल की राजधानी बनाया गया। इसने आगे चलकर पूरे भारत की राजधानी बनने का रास्ता साफ कर दिया।
1774: जब कलकत्ता बना ब्रिटिश भारत की राजधानी
सिर्फ बंगाल की राजधानी बनना एक बात थी, लेकिन पूरे ब्रिटिश नियंत्रण वाले क्षेत्र की राजधानी बनना दूसरी। यह बड़ा बदलाव 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट (Regulating Act of 1773) के कारण आया।
रेगुलेटिंग एक्ट:
इस एक्ट के तहत, ब्रिटिश सरकार (British Raj) ने ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत में फैले सभी क्षेत्रों पर नियंत्रण रखने के लिए एक केंद्रीकृत प्रशासन बनाने का फैसला किया।
गवर्नर जनरल की नियुक्ति:
इस एक्ट के बाद वॉरेन हेस्टिंग्स को भारत का पहला गवर्नर-जनरल नियुक्त किया गया।
आधिकारिक घोषणा:
जब हेस्टिंग्स गवर्नर-जनरल बने और कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना हुई, तो औपचारिक रूप से 1774 में कलकत्ता को ब्रिटिश भारत की आधिकारिक राजधानी घोषित कर दिया गया।
इस तरह, कलकत्ता उस साम्राज्य का पावर सेंटर बन गया जो धीरे-धीरे पूरे उपमहाद्वीप पर फैल रहा था।
कलकत्ता का विकास और गौरवशाली विरासत
एक बार राजधानी बनने के बाद, कलकत्ता का विकास बहुत तेजी से हुआ। इसे 'सिटी ऑफ पैलेसेस' कहा जाने लगा।
आर्किटेक्चर और संस्कृति:
यहां के शानदार बिल्डिंग्स, कोर्ट्स, और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस ब्रिटिश और भारतीय संस्कृति का मेल थे।
आर्थिक और बौद्धिक हब:
कलकत्ता भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक और आर्थिक केंद्र बन गया। साथ ही, यह बंगाल पुनर्जागरण (Bengal Renaissance) का केंद्र बना, जिसने भारत के सामाजिक और बौद्धिक जीवन को नई दिशा दी।
प्रशासनिक कार्य:
1774 से लेकर 1911 तक, सारे महत्वपूर्ण फैसले, नीतियां और कानून यहीं से लागू किए जाते थे। सारे एडमिनिस्ट्रेटिव डिसीजन्स इसी शहर से लिए जाते थे।
1911: राजधानी का दिल्ली जाना
कलकत्ता लगभग 137 सालों तक ब्रिटिश भारत की राजधानी रहा। लेकिन 1911 में किंग जॉर्ज पंचम (King George V) ने घोषणा की कि राजधानी को कलकत्ता से हटाकर नई दिल्ली ले जाया जाएगा। यह फैसला कई वजहों से लिया गया:
पहला, बंगाल में बढ़ते राष्ट्रवादी विरोध; दूसरा, दिल्ली का ऐतिहासिक महत्व और भारत के मध्य में बेहतर भौगोलिक स्थिति होना। भले ही राजधानी बदल गई, पर कोलकाता आज भी भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी के तौर पर अपना गौरव बनाए हुए है।
इस तरह, 1772 की शुरुआत ने कलकत्ता को उस विशाल साम्राज्य की राजधानी बनने की राह दिखा दी, जो 1911 तक भारत पर राज करता रहा। यह सिर्फ एक शहर का नहीं, बल्कि पूरे भारत के इतिहास, राजनीति और व्यापार का निर्णायक मोड़ था।
References
- Regulating Act of 1773 & Warren Hastings: The act legally established the Governor-General of Bengal's authority in Calcutta.
- Kolkata and its history as Capital of India (British Raj Era): Documentation on the shift of administrative headquarters from Murshidabad to Calcutta.
- The Role of Fort William in British Administration: Historical records emphasizing Fort William's role as the centre of power and treasury.
- The Dual System of Government in Bengal (1765-1772): Historical accounts detailing Robert Clive's system and its subsequent abolition by Warren Hastings in 1772.
20 अक्टूबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 20 अक्टूबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 20 अक्टूबर को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
1572: अस्सी साल के युद्ध के दौरान, स्पेनिश सैनिकों ने रात भर पानी में चलकर गोइज़ की घेराबंदी से छुटकारा पाया।
1718: समुद्री लुटेरे स्टेडे बोनट और उनके दल को पकड़ लिया गया और चार्ल्सटन में फांसी की सजा सुनाई गई।
1719: जर्मनी के प्रसिद्ध गणितज्ञ व दार्शनिक गाटफ़्रीड आख़ेनवाल का जन्म हुआ।
1740: मारिया थेरेसा ने 1713 की व्यावहारिक संधि के अनुसार ऑस्ट्रिया, हंगरी और बोहेमिया की शासक बनीं।
1786: हार्वर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका में पहली खगोलीय अभियान का आयोजन किया गया।
1803: अमेरिकी सीनेट ने लुइसियाना खरीद संधि की पुष्टि की, जिससे संयुक्त राज्य का आकार दोगुना हो गया।
1818: यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1818 की संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसने कनाडा-संयुक्त राज्य की सीमा को 49वें समानांतर पर बसाया।
1820: स्पेन ने फ्लोरिडा के हिस्से को 5 मिलियन डॉलर में संयुक्त राज्य अमेरिका को बेच दिया।
1832: एडवर्ड टर्नर ने पहली बार रसायनों के लिए चिन्हों (सिंबल) का इस्तेमाल किया।
1833: अल्फ्रेड, लॉर्ड टेनीसन ने अपनी बहुप्रतीक्षित कविता "ओलिसिज़" लिखी।
1864: अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने 'थैंक्स गिविंग डे' को राष्ट्रीय छुट्टी घोषित किया।
1891: न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में पहली अंतर्राष्ट्रीय 6 दिन की बाइक रेस शुरू की गई।
1905: गलटासरेए एस.के. (खेल और फुटबॉल क्लब) की स्थापना इस्तांबुल में हुई।
1924: दक्षिण कैरोलिना राज्य और आसपास के क्षेत्र में भूकंप ने हंगामा पैदा किया।
1940: नीदरलैंड में राशन में पनीर भी मिलना शुरू हुआ।
1941: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जर्मन सैनिकों ने सर्बिया में क्रुगुज़ेवैक में हजारों लोगों का नरसंहार शुरू किया।
1944: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जनरल डगलस मैकआर्थर ने फिलीपीन द्वीपसमूह की पुनरावृत्ति शुरू करने के लिए लेटे पर उतरे।
1951: अफ्रीकी-अमेरिकी कॉलेज फुटबॉल खिलाड़ी जॉनी ब्राइट एक ऑन-फील्ड हमले के शिकार हुए, जिसने एनसीएए फुटबॉल नियमों में बदलाव को बढ़ावा दिया।
1961: सोवियत संघ ने एक पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का पहला सशस्त्र परीक्षण किया।
1967: वियतनाम युद्ध में अमेरिका की भागीदारी के खिलाफ प्रदर्शनों में लगभग 10,000 प्रदर्शनकारी ओकलैंड, कैलिफोर्निया की सड़कों पर निकले।
1967: रोजर पैटरसन और रॉबर्ट गिमलिन ने कैलिफोर्निया में बिगफुट को फिल्माया जाने का दावा किया।
1973: ऑस्ट्रेलिया की रानी के रूप में एलिजाबेथ द्वितीय ने सिडनी ओपेरा हाउस को औपचारिक रूप से बंद कर दिया।
1977: अमेरिकी रॉक बैंड लिनिएड स्काईनिर्ड के तीन सदस्यों की मृत्यु हो गई जब उनका चार्टर्ड प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
1979: सिंगापुर में मैकडॉनल्ड्स का पहला स्टोर ऑर्चर्ड रोड के लिट टावर्स में खोला गया।
1982: मास्को में एक यूईएफए कप मैच के दौरान सेंट्रल लेनिन स्टेडियम में भगदड़ मचने से 66 मौतें हुईं।
1995: श्रीलंका ने शारजाह चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर खिताब जीता।
1998: मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम पांचवी बार पुन: राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुए।
2003: सोयुज अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ा।
2005: ओंटारियो, कनाडा ने घोषणा की कि वह दिन की बचत समय का विस्तार करने वाला पहला कनाडाई प्रांत बन जाएगा।
2007: अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने म्यांमार के सैन्य शासकों के ख़िलाफ़ नये प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा की।
2008: श्रीलंकाई सैन्य रिपोर्टों ने कहा कि उन्होंने उत्तरी श्रीलंका में स्थित तमिल टाइगर मुख्यालय के पास एक महत्वपूर्ण रक्षात्मक रेखा का उल्लंघन किया है।
2010: चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप को दुर्लभ पृथ्वी खनिज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की रिपोर्ट दोहराई।
2011: लीबिया के अपदस्थ नेता मुअम्मर गद्दाफी को सिर्ते की लड़ाई के दौरान पकड़ा गया और मार दिया गया।
2012: ब्रिटेन सरकार के गंभीर उपायों के विरोध में कई प्रदर्शनकारियों ने ग्लासगो, बेलफास्ट और लंदन के माध्यम से मार्च किया।
2013: टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन ने एयरबैग की तैनाती की समस्या के लिए अपने 885,000 वाहनों को वापस बुलाया।
2014: तुर्की सरकार ने अब इस्लामिक स्टेट की सेनाओं से लड़ने के लिए कुर्दों को सीरिया में आने की अनुमति दी।
भारत में हुई महत्वपूर्ण घटनाएं
1772: कलकत्ता (अब कोलकाता) को ब्रिटिश भारत की राजधानी बनाया गया।
1961: भौतिक मानवविज्ञानी और भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण के पहले निदेशक रहे बिरजा संकर गुहा का घाटशिला (बिहार) में निधन हुआ।
1978: भारत के आक्रामक बल्लेबाज विरेन्दर सहवाग का जन्म हुआ।
2006: भारतीय निगम टाटा समूह ने एंग्लो-डच स्टील कंपनी, कोरस को खरीदने का फैसला किया, जो किसी भारतीय कंपनी द्वारा अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण था।
2009: भारत में दुर्व्यवहार किए जा रहे संदिग्ध चुड़ैलों की दुर्लभ रिकॉर्डिंग ने देश में विवादों को जन्म दिया।
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