4 राज्यों के आदिवासी जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग, बांसवाड़ा में उमड़ा जनसैलाब

राजस्थान में इन दिनों आदिवासियों को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। आदिवासियों के हिन्दू होने या नहीं होने, उनके धर्म परिवर्तन और डीएनए टेस्ट समेत कई मुद्दों पर बहस छिड़ी हुई है।

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Amresh Kushwaha
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बांसवाड़ा में उमड़ा जनसैलाब
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राजस्थान की राजनीति इन दिनों आदिवासियों के इर्दगिर्द घूम रही है। विधानसभा के सदन से लेकर सड़क तक आदिवासियों को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है। वहीं बयानबाजी, माफी और मांगों का दौर चल रहा है। दूसरी तरफ भील प्रदेश की मांग को हजारों आदिवासियों ने बांसवाड़ा में एकजुट होकर सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी।

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मानगढ़ धाम पर लोग बाइक, जीप और अन्य वाहनों में सवार होकर सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए थे।

आदिवासियों को आरक्षण देना बंद किया जाए

आदिवासियों पर बयान देने के बाद मुसीबत में फंसे भजनलाल सरकार के नेता को सदन में माफी मांगनी पड़ी। आपको बता दें कि वह नेता कोई और नहीं बल्कि भजनलाल सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर हैं। उनके इस माफीनामे के बाद बीजेपी विधायक समाराम गरासिया आदिवासियों पर गरज पड़े। उन्होंने कहा ईसाई बनने वाले आदिवासियों को आरक्षण देना बंद किया जाए।

बीजेपी को घेरने में जुटी कांग्रेस

राजस्थान में लोकसभा चुनाव में आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर बीजेपी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट की हार के कारण खोजे ही जा रहे थे कि बीजेपी सरकार के मंत्री मदन दिलावर ने आदिवासियों के हिन्दू होने या नहीं और डीएनए टेस्ट का बयान देकर बवाल मचा दिया। कांग्रेस ने दिलावर के बयान को लपककर उनको सदन के अंदर और बाहर घेरने लग गई।

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बांसवाड़ा में उमड़ा जनसैलाब

देश के 4 राज्यों के 49 जिले मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मांग को लेकर गुरुवार 18 जुलाई को बासंवाड़ा के मानगढ़ धाम में महारैली का आयोजित किया गया। इसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग पहुंचे। महारैली में भील प्रदेश बनाने का राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया है। साथ ही इस रैली में कई सांसद-विधायक भी शामिल हुए। महारैली के बाद एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से प्रस्ताव के साथ मुलाकात करेगा।

मानगढ़ धाम में आयोजित महारैली में चार राज्यों के आदिवासियों ने हिस्सा लिया। - Dainik Bhaskar

भील प्रदेश की मांग में 4 राज्यों के 49 जिले शामिल

प्रदेश जिला
राजस्थान बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली।
मध्यप्रदेश इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर।
गुजरात अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा, भरूच, वलसाड़।
महाराष्ट्र नासिक, जाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार।

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जाति के आधार पर नहीं बनेगा कोई राज्य

भील प्रदेश की मांग पर सदन में सरकार की तरफ से टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने जवाब दिया। खराड़ी ने कहा कि जाति के आधार पर हम कोई राज्य नहीं बना रहे हैं। उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि जाति के आधार पर तो आप लोग बना रहे हो। पहले धर्म के आधार पर देश को बांटा। अब जाति के आधार पर प्रदेश को बांट रहे हो।

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