धर्म संसद : देवकीनंदन बोले- सरकारी अधिकारियों को धर्म का कुछ नहीं पता

नई दिल्ली में शनिवार, 16 नवंबर से सनातन धर्म संसद की शुरुआत हो गई है। धर्म संसद शुरू होने से सनातन यात्रा निकाली गई इसमें सनातन फाउंडेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर ने सभी सनातनियों को एकजुट होने का संदेश दिया है...

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Sandeep Kumar
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नई दिल्ली में आज यानी 16 नवंबर से सनातन धर्म संसद की शुरुआत हो गई है। धर्म संसद में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ( Devkinandan Thakur ) का एक बयान सामने आ रहा है। उन्होंने कहा जो 'हमें काटना चाहेंगे उसे हम देख लेंगे'। उन्होंने सनातन धर्म बोर्ड (Sanatan Dharma Board ) की मांग की है। उनका कहना है कि सरकारी अधिकारियों को पूजा-अर्चना का कोई ज्ञान नहीं है। इसलिए वे मंदिरों की देखरेख और रक्षा नहीं कर सकते। 

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पूजा-विधि का ज्ञान नहीं : देवकीनंदन 

कथावाचक महाराज देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि कुछ मंदिरों में हाल ही में प्रसाद में पशुओं की चर्बी पाई गई। यह घटना दोबारा न हो, इसलिए हम सनातन धर्म बोर्ड चाहते हैं। अधिकतर मंदिर सरकार के अधीन है। सरकारी अधिकारियों को पूजा और विधि का कोई ज्ञान नहीं है, उन्हें मंदिर और धर्म का क, ख, ग भी नहीं आता है। इसलिए हमें सनातन बोर्ड चाहिए ताकि हम अपने धर्म की रक्षा कर सकें। 

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हिंदू हक लेकर रहेंगे: देवकीनंदन

धर्म संसद में Devkinandan Thakur ने एक नारा भी दिया। उन्होंने कहा है कि अब हम बटेंगे नहीं और कटेंगे नहीं और जो हमें काटना चाहेंगे उसे देख लेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि बहुत सह लिया, अब न सहेंगे, हिंदू हक अब लेके रहेंगे। जिंदगी जब तक रहेगी फुर्सत न मिलेगी काम से, कुछ समय निकालिए, जिसमें प्रेम करिए राम से।

श्रीराम के जयकारों गूंज उठा पंडाल 

सनातन धर्म संसद के अवसर पर पंडाल में हजारों की संख्या में सनातनी मौजूद रहें। पूरा पंडाल जय श्रीराम के जयकारों से गूंज रहा था। इस मौके पर श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट, अयोध्या से गोविंद देव गिरी महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज,  महामंडलेश्वर नवल किशोर महाराज, चक्रपाणि महाराज, विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य श्रीलोकेश मुनि, समेत कई संत और महंत ने शिरकत की हैं।

विभिन्न संतों के बयान

हनुमानगढ़ी से राजू दास जी महाराज

जब लोग संतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे तो तत्काल ही सनातन धर्म बोर्ड का गठन होगा। वर्तमान में हमारे संस्कारों और विचारों की सरकार है। देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में जल्द ही गठन का बोर्ड होने की मांग करते हैं। 

क्या बोले जैन मुनि लोकेश मुनि महाराज 

जैन मुनि लोकेश मुनि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म बोर्ड का गठन देश की आवश्यकता है। जैन समाज सनातनियों के साथ तन, मन, धन व हर रूप से खड़ा मिलेगा। अहिंसा को कमजोर न समझा जाए।

सनातनियों को विपक्ष से खतरा : गोविंद देव

वहीं गोविंद देव गिरी महाराज ने कहा है कि सनातनियों को दूसरे समुदाय के बजाय विपक्षी नेताओं से अधिक खतरा है। अबकी बार अपने मत का प्रयोग कर ऐसी सत्ता लाएं कि जो हमें काटे, हम उसे काटकर देश से बाहर कर दें। वैसे न हम किसी को काटते हैं न ही डांटते हैं, लेकिन हमें बांटने वाले और काटने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं। 

सनातन बोर्ड समय की मांग : साध्वी सरस्वती

साध्वी सरस्वती ने कहा है कि वक्फ बोर्ड ऐसा बोर्ड है, जिसकी भारत की भूमि से कोई लेना देना नहीं है। यह बोर्ड पूरा असंवैधानिक है। सनातन बोर्ड होगा, लेकिन वक्फ बोर्ड का नामोनिशान नहीं होगा। सनातन बोर्ड के गठन से कोई का माई का लाल नहीं रोक सकता है। यदि समय से होगा तो बढ़िया है, अन्यथा साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनानी होगी। 

राष्ट्र को बचाने की जिम्मेदारी सनातनियों की

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राष्ट्र बचाने की जिम्मेदारी अब लोगों की है। लोगों को जागना होगा। सनातनियों के लिए अपने सदस्यों की, स्वयं की, परिवार की, राष्ट्र की रक्षा प्राथमिकता है। शास्त्रों और शस्त्रों का साथ बनाकर चलना होगा। 

पहले भी हो चुकी है धर्म संसद

पूर्वी दिल्ली के पांचवें पुश्ता पर सनातन धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है। यह धर्म संसद कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में हो रही है। इसमें सनातन बोर्ड की मांग की गई है। बता दें, पहली धर्म संसद देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में 25 फरवरी, 2024 को दिल्ली और दूसरी धर्म संसद 23 जून, 2024 को ऋषिकेश में आयोजित हुई थी।

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