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Donald Trump historic decision Photograph: (thesootr)
डोनाल्ड ट्रंप ने जन्म आधारित नागरिकता के कानून को बदलने का आदेश जारी कर दिया है। इस फैसले से अमेरिका में रहने वाले भारतीय और अन्य देशों के प्रवासियों के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। नए आदेश के बाद अब अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को तभी नागरिकता मिलेगी जब उनके माता-पिता में से कोई एक अमेरिकी नागरिक हो, ग्रीन कार्ड होल्डर हो या अमेरिकी सेना में कार्यरत हो।
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह आदेश 30 दिनों के अंदर लागू हो जाएगा। इस फैसले से अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को अब स्वत: नागरिकता नहीं मिलेगी, जब तक कि उनके माता-पिता कुछ विशेष शर्तें पूरी नहीं करते। यह कदम ट्रंप की 'बर्थ टूरिज्म' रोकने की रणनीति का हिस्सा है।
ट्रंप का ऐतिहासिक फैसला
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने के तुरंत बाद एक बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका में जन्म आधारित नागरिकता खत्म करने का आदेश दिया। अमेरिका का संविधान अब तक हर उस बच्चे को नागरिकता देता था जो वहां जन्म लेता था, लेकिन ट्रंप ने इस व्यवस्था को बदलते हुए इसे सख्त शर्तों के तहत लागू करने का फैसला किया है। यह आदेश अगले 30 दिनों में प्रभावी होगा।
यह है नया आदेश...
ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी नए आदेश के अनुसार, अब अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को तभी नागरिकता मिलेगी जब उनके माता-पिता में से कम से कम एक अमेरिकी नागरिक हो, ग्रीन कार्ड होल्डर हो, या अमेरिकी सेना में कार्यरत हो। यह फैसला 'बर्थ टूरिज्म' और अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए उठाया गया है।
अमेरिकी संविधान और कानून
अमेरिका का 14वां संविधान संशोधन (1868) जन्म आधारित नागरिकता की गारंटी देता है। इसका उद्देश्य अमेरिका में जन्मे हर बच्चे को समान अधिकार देना था। हालांकि, ट्रंप ने इसे अवैध प्रवासियों और घुसपैठियों के लिए खतरा बताते हुए इस कानून को बदलने का प्रस्ताव पारित कर दिया।
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भारतीय प्रवासियों पर असर
नए आदेश का सबसे बड़ा असर अमेरिका में बसे भारतीयों पर पड़ सकता है। वहां करीब 48 लाख भारतीय-अमेरिकी रहते हैं, जिनके बच्चे अब तक जन्म के साथ नागरिकता पाने के हकदार थे। अब ग्रीन कार्ड या H-1B वीजा पर अमेरिका में रह रहे भारतीयों के बच्चों को नागरिकता मिलने में परेशानी होगी।
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फैमिली रीयूनियन और अन्य प्रभाव
अमेरिका का कानून अब तक परिवार को साथ रखने को प्राथमिकता देता था। 21 साल की उम्र के बाद अमेरिकी नागरिक अपने माता-पिता या रिश्तेदारों को अमेरिका बुला सकते थे। लेकिन ट्रंप के इस आदेश के बाद परिवार के सदस्यों को अमेरिका लाने में बाधा आएगी।
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बर्थ टूरिज्म पर रोक
ट्रंप के इस फैसले का एक उद्देश्य बर्थ टूरिज्म पर रोक लगाना है। विदेशों से लोग नागरिकता हासिल करने के लिए अमेरिका में बच्चों को जन्म देते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं होगा।
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अदालतों में चुनौती की तैयारी
ट्रंप के इस फैसले को अमेरिका की अदालतों में चुनौती दी जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि संवैधानिक संशोधन को एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए बदला नहीं जा सकता। हालांकि, जब तक अदालत कोई निर्णय नहीं देती, ट्रंप का यह आदेश लागू रहेगा।
भारत में नागरिकता के नियम
भारत में भी नागरिकता जन्म आधारित होती है, लेकिन इसमें माता-पिता की नागरिकता का बड़ा महत्व है। 3 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे बच्चों के लिए यह जरूरी है कि उनके माता-पिता दोनों भारतीय हों या कम से कम एक भारतीय हो और दूसरा अवैध प्रवासी न हो।
ट्रंप का यह आदेश अमेरिका में नागरिकता नीति में एक ऐतिहासिक बदलाव है। इससे न केवल अवैध प्रवासियों बल्कि भारतीय प्रवासियों के लिए भी बड़ी चुनौतियां खड़ी होंगी। अदालतों में इस पर दखल की संभावना है, लेकिन तब तक यह आदेश अमेरिकी प्रशासन का एक सख्त कानून रहेगा।
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