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पंडवानी लोक गायिका तीजन बाई की आर्थिक मदद के लिए जानी मानी नृत्यांगना डॉ. यास्मीन सिंह आगे आई हैं। डॉ यास्मीन छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह की पत्नी हैं। अमन सिंह इन दिनों अडानी ग्रुप के प्रेसिडेंट हैं। गौरतलब है कि महाकाव्य महाभारत से पांडवों की कहानियों को पारंपरिक कथा गायन शैली में गाने वाली तीजन बाई 2 साल से लकवाग्रस्त हैं।
पंडवानी की सशक्त और भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए मशहूर पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय कलाकार तीजन बाई इन दिनों दर्द के भयंकर दौर से गुजर रही हैं। उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है और उनका स्वास्थ्य भी लगातार गिरता जा रहा है। उन्हें पिछले 8 महीने से पेंशन तक नहीं मिल रही है। तीजन बाई ने प्रदेश के संस्कृति विभाग को खुद पत्र लिखकर 88 हजार रुपए की सहायता राशि और पेंशन के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक उन्हें दोनों में से किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली है।
डॉ. यास्मीन सिंह ने की मदद
यास्मीन सिंह को जैसे ही तीजन बाई के बारे में जानकारी मिली वैसे ही उन्होंने तीजन बाई के इलाज के लिए 1 लाख रुपए की मदद कर डाली । बता दें कि यास्मीन भी एक कथक नृत्यांगना हैं जो एक कलाकार के दर्द को समझती हैं। यास्मीन सिंह ने ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय से कथक में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। उन्होंने खैरागढ़ के इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय से कथक में मास्टर डिग्री हासिल की थी।
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तीजन ने 13 सितंबर को कलेक्टर के नाम लिखा था पत्र...
तीजन बाई ने पत्र में लिखा कि मैं छत्तीसगढ़ की पंडवानी लोकगायिका पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण तीजन बाई, उम्र 78, ग्राम गनियारी, जिला दुर्ग की हूं। विगत 2 वर्षों से गंभीर रूप से बीमार और लकवाग्रस्त हूं। मधुमेह व अन्य बीमारी से भी चलने में असमर्थ हूं।... इस वजह से घोर आर्थिक संकट से जूझ रही हूं। इलाज परिजन, दिल्ली (संगीत नाटक अकादमी) और कलाकारों के सहयोग से बमुश्किल से हो रहा है। वर्तमान में मैं पुत्र की मृत्यु के बाद दामाद (बेटी की मृत्यु) के सहारे उनके घर पर आश्रित हूं। इलाज में उनकी भी जमा पूंजी खर्च हो गई है।... अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि मेरे जीवनयापन व इलाज के लिए कलाकारों को दी जाने वाली मासिक सहायता राशि पेंशन स्वीकृत करने की कृपा करें।
राशि देने का प्रावधान है
इस मामले में संस्कृति विभाग रायपुर के असिस्टेंट ग्रेड- 2 राबर्टसन दास का कहना है कि छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग की ओर से अर्थाभाव ग्रस्त लोक कलाकारों को 2 हजार मासिक पेंशन व इलाज के लिए 25 से 50 हजार रुपए देने का प्रावधान है। परिजन 13 सितंबर को आवेदन कर चुके हैं, लेकिन विभाग में अभी नहीं पहुंचा है।
सेवा को मिशन मानती हैं यास्मीन
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