Economic survey 2025 : निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया

आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में सरकार चालू वित्त वर्ष का लेखा-जोखा, भविष्य के आर्थिक विकास का रोडमैप, रोजगार, योजनागत खर्च और महंगाई से संबंधित जानकारी पेश की।

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Siddhi Tamrakar
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। इकोनॉमिक सर्वे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है। इसमें सरकार इस वित्त वर्ष यानी 2024-25 में देश की GDP का अनुमान और महंगाई समेत कई जानकारियां होती है। ठीक हमारे घर की डायरी की तरह ही होता है इकोनॉमिक सर्वे। इससे पता चलता है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की हालत कैसी है। यह सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन (V. Anant Nageswaran) की देखरेख में तैयार हुआ है। 

दिसंबर में महंगाई दर 4 महीने के निचले स्तर पर आई दिसंबर में रिटेल महंगाई दर 4 महीने के निचले स्तर पर रही। बीते महीने महंगाई घटकर 5.22% रह गई। इससे पहले नवंबर में महंगाई दर 5.48% पर थी। वहीं 4 महीने पहले अगस्त में महंगाई 3.65% पर थी।

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राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई शुरुआत

बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ। इसके बाद वित्त मंत्री ने दोपहर में आर्थिक सर्वे पेश किया। यह सर्वे तीन प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित होता है:

  • कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector): इसमें कृषि और उससे संबंधित योजनाओं का विवरण दिया जाता है।
  • विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector): इसमें उत्पादन, उद्योग और औद्योगिक विकास की प्रगति बताई जाती है।
  • सेवा क्षेत्र (Service Sector): इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, लॉजिस्टिक्स और अन्य सेवाओं पर खर्च और उनकी प्रगति का जिक्र होता है।

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रिपोर्ट में भविष्य का रोडमैप

सरकार वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखती है। इस दिशा में आर्थिक सर्वेक्षण भविष्य में होने वाले बदलावों और योजनाओं का रोडमैप भी प्रस्तुत कर सकता है। यह रिपोर्ट बता सकती है कि किस क्षेत्र पर ज्यादा निवेश और सुधार की आवश्यकता है।

क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?

आर्थिक सर्वेक्षण एक प्रकार का वार्षिक रिपोर्ट कार्ड होता है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के आर्थिक प्रदर्शन का लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है। यह सर्वेक्षण देश की आर्थिक स्थिति, आय-व्यय, राजस्व घाटा और विकास दर जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों को दर्शाता है।

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पिछले साल की सर्वे रिपोर्ट

पिछले वित्त वर्ष में भारत का चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) GDP का 0.7% रहा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) वित्त वर्ष 2024-25 के अनुमानित आयात का दस महीने और कुल बाहरी ऋण का 98% कवर करने में सक्षम है।

  • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI): शुद्ध FDI प्रवाह $42 बिलियन से घटकर $26.5 बिलियन रह गया।
  • बेरोजगारी दर (Unemployment Rate): 2022-23 में यह घटकर 3.2% पर आ गई।
  • श्रम वृद्धि (Employment Growth): ईपीएफओ (EPFO) के तहत शुद्ध पेरोल वृद्धि पिछले पांच वर्षों में दोगुनी से अधिक हुई है।

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