आगामी केंद्रीय बजट 2025 में सरकार का नीतिगत समर्थन भारत की आर्थिक वृद्धि को वित्त वर्ष 26 (FY26) में 7% तक बढ़ाने में मदद कर सकता है। एसबीआई म्यूचुअल फंड ( SBI Mutual Fund ) की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 25 में भारत की GDP वृद्धि दर 6.3% रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में राजस्व व्यय बढ़ाने और आयकर नीतियों में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्तमान में मांग में कमी की चुनौती का सामना कर रहा है, जबकि आपूर्ति पक्ष मजबूत है। बैंक और कंपनियां निवेश के लिए तैयार हैं, लेकिन मांग में कमी के कारण आर्थिक गति धीमी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत सुधारों से यह स्थिति बदली जा सकती है।
पिछले वर्षों में सरकार ने वित्तीय स्थिरता और महंगाई पर ध्यान केंद्रित किया। अब, आगामी बजट में "नीतिगत समर्थन" से विकास को प्राथमिकता देने की संभावना है। इसमें विशेष क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन शामिल होंगे।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को निर्यात में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, चुनिंदा क्षेत्रों में बाजार हिस्सेदारी हासिल की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इन समस्याओं को हल करने के लिए आगामी बजट में ठोस नीतियों की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) तरलता और ऋण वृद्धि का समर्थन करने के लिए उपाय कर सकता है। वहीं, सरकार राजकोषीय समेकन की गति को धीमा कर सकती है, जिससे विकास को बढ़ावा मिल सके।
FAQ
बजट 2025 में क्या खास होगा?
नीतिगत सुधारों और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा।
FY26 में 7% वृद्धि दर कैसे संभव है?
राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के सहयोग से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
एसबीआई म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट में नीतिगत समर्थन और आयकर सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
बजट 2025 का मुख्य फोकस क्या होगा?
आर्थिक वृद्धि, मांग में सुधार, और वित्तीय स्थिरता।
क्या निर्यात में गिरावट का असर विकास दर पर पड़ेगा?
हाँ, लेकिन नीतिगत हस्तक्षेप से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।