अनिल अंबानी ग्रुप पर ईडी की कार्रवाई, 1120 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानें क्या-क्या हुआ अटैच

ईडी ने अनिल अंबानी ग्रुप की 1120 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की। इससे पहले भी 10,117 करोड़ रुपए की एसेट्स अटैच कर चुकी हैं। इस मामले में अनिल अंबानी पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं, और जांच जारी है।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (thesootr)

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NEW DELHI. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने एक बार फिर अनिल अंबानी ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। इस कार्वाई में 1120 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की हैं। इससे पहले भी अनिल अंबानी के समूह की संपत्तियों पर ईडी ने 10,117 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की थीं।

इस मामले में धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं और जांच जारी है। यह कार्रवाई रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) और यस बैंक से जुड़े मामले हैं।

ईडी की कार्रवाई और संपत्ति जब्ती

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी और उनके समूह की कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए 1120 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) और यस बैंक से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में की गई। इससे पहले ईडी ने 8,997 करोड़ रुपए की संपत्तियां भी जब्त की थीं।

जब्त की गई संपत्तियां

ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्तियों में 18 से अधिक प्रॉपर्टी, फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंक बैलेंस और बिना लिस्टेड शेयर शामिल हैं। इसमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सात संपत्तियां, रिलायंस पावर लिमिटेड की दो संपत्तियां और रिलायंस वैल्यू सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की नौ संपत्तियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कई अन्य कंपनियों के निवेश और फिक्स्ड डिपॉजिट भी जब्त किए गए हैं।

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ईडी के आरोप

ईडी ने आरोप लगाया है कि अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप ने जनता के पैसे का हेरफेर किया। जांच में खुलासा हुआ कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया था।

वहीं, आरसीएफएल के इंस्ट्रूमेंट्स में 2,045 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जो बाद में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) बन गए थे। ईडी के अनुसार यह फंड रिलायंस निक्कू म्यूचुअल फंड और यस बैंक के माध्यम से कंपनियों तक पहुंचे।

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सार्वजनिक धन का दुरुपयोग

जांच में यह भी आरोप लगाया गया है कि म्यूचुअल फंड निवेश और यस बैंक से लिए गए कर्ज के जरिए 11,000 करोड़ रुपए से अधिक के सार्वजनिक धन को घुमाया गया। ईडी ने दावा किया है कि यह फंड शेयर बाजार नियामक सेबी के हितों के टकराव के नियमों का उल्लंघन करते हुए कंपनियों तक पहुंचे।

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एफआईआर और CBI की जांच

अनिल अंबानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ सीबीआई ने 2010 से 2012 के बीच लिए गए 40,185 करोड़ रुपए के कर्ज से संबंधित एक एफआईआर दर्ज की थी।

ईडी ने यह भी बताया कि नौ बैंकों ने इन खातों को धोखाधड़ी घोषित किया है। एजेंसी का दावा है कि 13,600 करोड़ रुपये से अधिक का हेरफेर लोन एवरग्रीनिंग (पुराने लोन को नए लोन से चुकाना) के लिए किया गया था।

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अब तक इतनी संपत्तियां जब्त

इस कार्रवाई के बाद अब तक अनिल अंबानी समूह से जब्त की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 10,117 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। ईडी ने पहले ही रिलायंस कम्युनिकेशंस, आरएचएफएल और आरसीएफएल से जुड़े बैंक धोखाधड़ी के मामलों में बड़ी संपत्तियों की जब्ती की थी।

FAQ

अनिल अंबानी पर ईडी की कार्रवाई क्यों की जा रही है?
ईडी ने अनिल अंबानी और उनके समूह के खिलाफ धोखाधड़ी और सार्वजनिक धन के हेरफेर के आरोप में कार्रवाई की है। इस मामले में रिलायंस समूह की कंपनियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर धन का हेरफेर हुआ है, जिसे अब जब्त किया जा रहा है।
ईडी ने अब तक कितनी संपत्तियां जब्त की हैं?
ईडी ने अब तक अनिल अंबानी समूह से कुल 10,117 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की हैं। इसमें 18 से अधिक प्रॉपर्टी, फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक बैलेंस शामिल हैं।
ईडी की जांच में अनिल अंबानी के खिलाफ क्या आरोप हैं?
ईडी की जांच में अनिल अंबानी और उनके समूह की कंपनियों पर धोखाधड़ी और जनता के पैसे का हेरफेर करने के आरोप हैं। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि इन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर कर्ज का हेरफेर किया और सार्वजनिक धन को घुमाया।

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