वोटर लिस्ट अपडेट को लेकर केंद्र और राज्यों में टकराव, सुप्रीम कोर्ट का ECI को नोटिस जारी

चुनाव आयोग की SIR के तहत वोटर लिस्ट अपडेट पर राज्यों में विवाद बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया की वैधता पर विचार करते हुए संबंधित हाई कोर्ट्स को सुनवाई रोकने का निर्देश दिया। आगामी सुनवाई 26 नवंबर को होगी।

author-image
Neel Tiwari
New Update
sc notice

Photograph: (THESOOTR)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

NEWDELHI. चुनावी मंच पर संवैधानिक समीकरण फिर से गर्म हो गए हैं। Election Commission of India (ईसीआई) ने कुछ राज्यों में ‘विशेष गहन-संशोधन’ एसआईआर (Special Intensive Revision या SIR) के तहत मतदाता सूची अद्यतन का आदेश जारी किया है।

कुछ राज्यों में SIR का लगातार विरोध और इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया की संवैधानिक वैधता पर विचार करते हुए संबंधित राज्यों में हाई कोर्ट्स को इसी विषय पर दायर रिट याचिकाओं की सुनवाई रोकने का निर्देश दिया है। 

हाईकोर्ट में नहीं होगी सुनवाई 

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की डिविजनल बेंच ने ईसीआई को नोटिस जारी कर 26 नवम्बर को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।  साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस विषय से जुड़ी याचिकाओं को प्रभावित हाई कोर्ट्स में सुनवाई नहीं करनी चाहिए “क्योंकि इस मामले की समीक्षा इस सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चल रही है।” 

ये खबर भी पढ़ें...

कोर्ट में पेश हुईं डॉ. पूजा गांधी, HC की फटकार: कहा- ऐसे अधिकारी किसी काम के नहीं

अब तक इन राज्यों में विवाद...

  • Tamil Nadu: यहां पहले ही अक्टूबर 2024–जनवरी 2025 के बीच एक साधारण संशोधन हो चुका था, लेकिन ईसीआई ने नया SIR आदेश जारी किया। 
  • West Bengal: यहां भी SIR प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिकाएं दाखिल की गई हैं। 
  • Bihar: पहले से ही SIR के खिलाफ याचिकाएं हाईकोर्ट में प्राथमिकता पर हैं। 

ये खबर भी पढ़ें...

दिल्ली धमाके के बाद छत्तीसगढ़ में हाई अलर्ट - सुरक्षा चाक-चौबंद, हर जगह कड़ी निगरानी!

विरोधी पक्ष ने उठाए यह मुख्य सवाल

  • तमिल नाडु में कहा गया है कि SIR के लिए अक्टूबर–दिसंबर का समय उपयुक्त नहीं है क्योंकि भारी बारिश, पूर्व-त्योहार तथा पर्व पोंगल इस दौरान आते हैं। 
  • यह दावा भी किया गया है कि नए दिशा-निर्देशों में ऐसे दस्तावेज मांगे गए हैं जिन्हें जमा करना ग्रामीण इलाकों में कठिन होगा, खासकर वहाँ जहाँ इंटरनेट या कनेक्टिविटी कमजोर है। 
  • यह तर्क भी लगाया गया है कि SIR को ऐसे रूप में देखा जा रहा है कि जैसे यह एक नागरिकता प्रमाण-व्यवस्था बन गई हो, जो कि संविधान, संघ-राज्य संबंध व सार्वभौम मतदाता-सूची के सिद्धांतों के प्रतिकूल है। 

ये खबर भी पढ़ें...

दुनिया ने दे दी श्रद्धांजलि... बेटी ने कहा सब ठीक है, धर्मेंद्र के निधन की खबरें निकली झूठीं

ईसीआई और समर्थकों का रुख

ईसीआई ने कहा है कि यह प्रक्रिया एक संवैधानिक प्राधिकारी द्वारा ली जा रही है और यह मतदाता-पंजीकरण की शुद्धता के लिए आवश्यक है। 
उसने यह भी सुझाव दिया कि राज्यों द्वारा connectivity और समय की चुनौतियाँ अनुमानित रूप से पेश नहीं की जानी चाहिए। 

ये खबर भी पढ़ें...

आज फिर दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे सीएम मोहन यादव, उससे पहले इन कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा

26 नवंबर को अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तावित सुनवाई 26 नवम्बर को होने वाली है, जिसमें SIR की वैधता, प्रक्रिया-दिशा-निर्देशों और संघ-राज्य संबंध में उठे सवालों पर चर्चा होगी। हाई कोर्ट्स में फिलहाल इस विषय पर आगे की सुनवाई को रोका है, जिससे समानांतर आदेशों या फैसलों से बचा जा सके। 

इस प्रक्रिया का असर आगामी विधानसभा/लोकसभा चुनाव-चक्र, मत-सूचियों की विश्वसनीयता तथा चुनाव आयोग-राज्यशासनों के संबंध पर देखे जाने की संभावना है।

मतदाता सूची अद्यतन एसआईआर नोटिस हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग
Advertisment