यूपी के लखीमपुर के मितौली क्षेत्र में बिजली बिल को लेकर अनोखा विरोध देखने को मिला। मदारपुर गांव के एक युवक ने बिजली बिल शून्य करने की मांग को लेकर एसडीओ की निजी कार के नीचे लेटकर हंगामा कर दिया। युवक का आरोप है कि उसने बिल माफ करने के लिए पहले ही रिश्वत दी थी, लेकिन उसकी समस्या अब तक हल नहीं हुई। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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लाख के बिल से शुरू हुआ विवाद
मितौली के मदारपुर गांव के अरुण दीक्षित के पिता राम सरन के नाम बिजली कनेक्शन है। जनवरी में आए 1.06 लाख रुपए के बिल को ओटीएस योजना के तहत 62 हजार रुपए में सुलझाने का वादा किया गया था। अरुण ने बताया कि उसने एसडीओ हबीब खान को 60 हजार रुपए दिए, लेकिन उसे केवल 21 हजार 444 रुपए की रसीद दी गई।
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नौ महीने से भटक रहा युवक
अरुण का कहना है कि जनवरी से लेकर दिसंबर तक वह एसडीओ और पावर हाउस के चक्कर लगाता रहा। हर बार उसे आश्वासन दिया गया कि योजना फिर से शुरू होने पर समस्या सुलझा दी जाएगी। लेकिन जब दिसंबर में योजना चालू हुई, तब भी उसकी मांग पूरी नहीं हुई।
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3 घंटे का हंगामा और समाधान
शनिवार को अरुण पावर हाउस पहुंचा और एसडीओ पर दबाव बनाते हुए पेट्रोल और माचिस लेकर एसडीओ की कार के नीचे लेट गया। तीन घंटे तक चली बातचीत और हंगामे के बाद युवक का शेष बिल 48 हजार 797 रुपए जमा कर दिया गया। इधर एसडीओ हबीब खान ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने किसी से भी पैसे नहीं लिए। उन्होंने बताया कि एसएसओ सोनू अवस्थी के वेतन से पैसे काटकर युवक का शेष बिल जमा किया गया।
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