MYSORE. विश्व प्रसिद्ध मैसूर के दशहरा समारोह के दौरान मां चामुंडेवरी देवी की मूर्ति को जिस हाथी पर सवार किया जाता था उस बलराम की 67 उम्र में बीमारी के चलते मौत हो गई। ये वो हाथी था जिसने अपने जीवन में 14 बार मां की मूर्ति को दशहरे मेले मे ले जाकर शोभा यात्रा निकाली थी। कर्नाटक के प्रमुख त्योहार दशहरें में जम्बू सवारी का एक विशेष महत्व है। इस दिन सारी निगाहें बलराम नामक गजराज पर टिकी होती थीं। इस हाथी के साथ ग्यारह अन्य हाथी भी रहते हैं, जिनकी विशेष साज-सज्जा की जाती है। इस उत्सव को अम्बराज भी कहा जाता है। इस मौके पर भव्य जुलूस निकाला जाता है, जिसमें बलराम पर चामुंडेश्वरी देवी की प्रतिमा को रख कर मैसुरु नगर भ्रमण कराया जाता है।
नरेंद्र मोदी ने बलराम हाथी के बारे में कन्नड़ में ट्वीट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध जम्बूसावरी में 14 बार सोने की अंबारी ढोने वाले हाथी बलराम के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बलराम हाथी के बारे में कन्नड़ में ट्वीट करते हुए लिखा 'कई सालों तक, गजराजा बलराम मैसूर में पारंपरिक दशहरा समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। लोग उन्हें मां चामुंडेश्वरी की मूर्ति ले जाने के लिए याद करते हैं। उनसे अनगिनत लोगों से प्यार था। उन्होंने ट्वीट किया मैं उनके निधन से दुखी हूं।
ಹಲವು ವರ್ಷಗಳಿಂದ, ಗಜರಾಜ ಬಲರಾಮ ಮೈಸೂರಿನ ಸಾಂಪ್ರದಾಯಿಕ ದಸರಾ ಆಚರಣೆಯ ಪ್ರಮುಖ ಭಾಗವಾಗಿದ್ದನು. ಅವನು ಚಾಮುಂಡೇಶ್ವರಿ ಮಾತೆಯ ಮೂರ್ತಿಯನ್ನು ಹೊತ್ತಿದ್ದನ್ನು ಜನರು ನೆನಪಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ. ಅವನು ಅಸಂಖ್ಯಾತ ಜನರಿಗೆ ಪ್ರೀತಿಪಾತ್ರನಾಗಿದ್ದನು. ಅವನ ಅಗಲಿಕೆಯಿಂದ ದುಃಖವಾಗಿದೆ. ಓಂ ಶಾಂತಿ. pic.twitter.com/lUfqXE0WR6
— Narendra Modi (@narendramodi) May 8, 2023
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'मुझे यह सुनकर दुख हुआ कि प्रिय हाथी 'बलराम' नहीं रहे: सिद्धारमैया
विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने बलराम हाथी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा 'मुझे यह खबर सुनकर दुख हुआ कि लोगों के प्रिय हाथी 'बलराम' अब नहीं रहे। 14 बार सोने की अंबरी लेकर मां चामुंडेश्वरी की सेवा करने वाले बलराम भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृति हमारे दिलों में हमेशा रहेगी।'