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कई नौकरीपेशा लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि पीएफ निकालने पर ईपीएस का लाभ मिलेगा या नहीं। सच्चाई यह है कि पीएफ निकालने से ईपीएस समाप्त नहीं होती। अगर नौकरी की अवधि 10 साल से कम हो, तो फॉर्म 10C भरकर ईपीएस की राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है। यदि नौकरी 10 साल या अधिक की हो, तो पैसा पेंशन के रूप में सुरक्षित रहता है। 58 वर्ष की उम्र में फॉर्म 10D भरकर पेंशन का लाभ लिया जा सकता है।
PF और EPS में क्या अंतर है?
EPF यानी Employees’ Provident Fund आपकी सेविंग का हिस्सा होता है। इसमें आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा और उतना ही योगदान कंपनी देती है। इसका एक भाग EPF में और दूसरा EPS यानी Employee Pension Scheme में जाता है। EPF पर ब्याज मिलता है और इसे निकाला जा सकता है। EPS में जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता। यह राशि रिटायरमेंट के बाद पेंशन के लिए होती है।
PF निकालने के बाद EPS का क्या होता है?
कई बार नौकरी के दौरान हमें किसी कारणवश भविष्य निधि यानी पीएफ की रकम निकालनी पड़ती है। यह रकम हमारी सेविंग होती है, जिसे आप इमरजेंसी में या नौकरी बदलने पर निकाल सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही मन में यह सवाल भी उठता है कि क्या पीएफ निकालने का असर हमारी पेंशन यानी EPS पर भी पड़ता है? इसका उत्तर है – नहीं, हर बार ऐसा नहीं होता।
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10 साल से कम नौकरी पर
अगर आपने कुल नौकरी 10 साल से कम की है, तो आप EPS का पैसा फॉर्म 10C भरकर निकाल सकते हैं। यह बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे आप EPF निकालते हैं। हालांकि, 10 साल से कम सेवा अवधि पर पेंशन का विकल्प नहीं होता, इसलिए EPFO आपको EPS राशि एकमुश्त दे देता है।
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10 साल या उससे अधिक नौकरी पर
यदि आपकी सेवा अवधि 10 वर्ष या उससे अधिक रही है, तो आप EPS की राशि निकाल नहीं सकते। यह पैसा EPFO के पास सुरक्षित रहता है और जब आप 58 वर्ष की उम्र में पहुंचते हैं, तब आप फॉर्म 10D भरकर हर महीने पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। यानी PF निकालने के बाद भी आपका EPS बना रहता है और भविष्य में इसका लाभ मिलता है।
EPS कब नहीं मिलेगा?
कुछ खास स्थितियों में आपको न तो EPS की राशि मिलती है और न ही पेंशन। जैसे यदि आपने छह महीने या उससे कम नौकरी की हो, या आपने कभी फॉर्म 10C भरा ही नहीं, या EPS एक बार क्लेम करने के बाद दोबारा क्लेम करना चाह रहे हों। इसके अलावा, अगर आपने गलत या फर्जी जानकारी दी हो, तो भी आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
नौकरी बदलने पर EPS का क्या?
अगर आपने नौकरी के दौरान कई कंपनियों में काम किया है, और हर जगह PF कटा है, तो चिंता की जरूरत नहीं। आपकी EPS सर्विस हिस्ट्री आपके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से जुड़ी होती है। मतलब, EPS में जमा आपकी सेवा अवधि को ट्रैक किया जाता है, जिससे आपकी पेंशन की पात्रता और रकम तय होती है। नौकरी बदलने से EPS प्रभावित नहीं होता, जब तक आप UAN को एक्टिव रखते हैं।
EPS से कितनी पेंशन मिलती है?
EPS की पेंशन बहुत ज्यादा नहीं होती, लेकिन यह एक सुरक्षित आय का जरिया बनती है। आपकी पेंशन का निर्धारण आपकी आखिरी सैलरी और नौकरी की अवधि के आधार पर होता है। फिलहाल EPS के तहत अधिकतम पेंशन 7,500 प्रतिमाह है और न्यूनतम 1,000। हालांकि, सरकार इसे बढ़ाकर 3,000 करने की योजना पर विचार कर रही है ताकि वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
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