कर्ज के दलदल में डूबे साढ़े 17 करोड़ किसान, मोदी सरकार का कर्जमाफी का अभी कोई इरादा नहीं

देश के साढ़े 17 करोड़ किसानों पर कुल 28 लाख 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। बावजूद इसके, मोदी सरकार ने कर्ज माफी की कोई योजना नहीं बनाई है। किसानों की आर्थिक स्थिति बदहाल है, और सरकार को दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।

author-image
Ravi Kant Dixit
New Update
farmers-debt-28-lakh-crore

Photograph: (THESOOTR)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

JAIPUR/BHOPAL. जिस किसान को हम अन्नदाता कहते नहीं थकते, उसी किसान की हालत बदतर है। लोकसभा में पेश हुए आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त देश के 17 करोड़ 62 लाख किसानों पर कुल मिलाकर 28 लाख 50 हजार 779 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। हालांकि, लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि फिलहाल देश में किसानों की कर्ज माफी की कोई योजना नहीं है।

सबसे बड़ा झटका ये है कि जो राज्य खेती-किसानी के लिए मशहूर हैं, वही सबसे ज्यादा परेशान हैं। तमिलनाडु के किसानों पर 4 लाख 3 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। महाराष्ट्र के किसानों पर करीब 2 लाख 60 हजार 800 करोड़ रुपए का कर्ज है।

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक भी पीछे नहीं हैं। यूपी के किसानों पर 2 लाख 28 हजार करोड़ और कर्नाटक के किसानों पर 2 लाख 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज चढ़ा है। 

ऐसे ही मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की हालत भी कुछ अलग नहीं है। मध्यप्रदेश में 93 लाख से ज्यादा किसानों पर 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। राजस्थान में 1 करोड़ 6 लाख किसानों पर 1 लाख 87 हजार करोड़ रुपए और छत्तीसगढ़ के 21 लाख किसान करीब 29 हजार करोड़ के कर्ज में दबे हैं।

बेनीबाल ने पूछा था सवाल 

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख व राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जो जवाब दिया है, वह चिंता में डालने वाला है। चौधरी ने लिखित उत्तर में कहा कि देश के किसानों पर जो कर्ज बकाया है, उसे माफ करने का कोई इरादा फिलहाल केंद्र की मोदी सरकार का नहीं है। यानी किसानों को अपना कर्ज खुद ही चुकाना होगा।

ये खबर भी पढ़ें...

हरियाणा की नायब सरकार का कमाल, सांसद के बेटे छेड़छाड़ के आरोपी विकास बराला को बनाया सहायक महाधिवक्ता

नीतियों पर सवालिया निशान

सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें सशक्त बनाने की बात लगातार करती हैं, लेकिन ये आंकड़े उन दावों की पोल खोलते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसी योजनाएं भी कर्ज के इस आंकड़े को कम करने में नाकाम रही हैं।

विश्लेषकों का कहना है, ऐसा लगता है कि कर्ज माफी योजनाएं भी सिर्फ तात्कालिक राहत देती हैं, जबकि समस्या की जड़ तक पहुंचने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दीर्घकालिक समाधानों की कमी है। 

ये खबर भी पढ़ें...

100 साल में पहली बार इस दिन लगेगा सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण, क्या भारत में दिन में दिखेगा रात जैसा?

कर्ज के जाल में किसान

farmers-debt-28-lakh-crore

यह पाया गया है कि फसल खराब होना, कृषि इनपुट की बढ़ती लागत, बाजार की अस्थिर कीमतें और पर्याप्त सिंचाई सुविधाओं की कमी जैसे कारक किसानों को कर्ज के जाल में धकेल रहे हैं। यह "विकास ऋण जाल" की स्थिति को जन्म देता है, जहां भारतीय किसान सिर्फ बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण लेने को मजबूर होते हैं, बजाय इसके कि वे उत्पादकता या विकास में निवेश कर सकें। 

ये खबर भी पढ़ें...

भारतीय वायुसेना का स्टार मिग-21 : 3 युद्धों में भूमिका के बाद 19 सितंबर को होगा रिटायर

ठोस नीतियां बनाने की जरूरत

इन आंकड़ों से साफ है कि किसानों की ऋणग्रस्तता गंभीर राष्ट्रीय समस्या है। इसे केवल सतही उपायों से हल नहीं किया जा सकता है। सरकार को कृषि क्षेत्र में सुधारों, प्रभावी ऋण प्रबंधन नीतियों और किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, जिससे अन्नदाता को इस अंतहीन कर्ज के दुष्चक्र से मुक्ति मिल सके और वह सम्मान का जीवन जी सके।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें 📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

मोदी सरकार किसान क्रेडिट कार्ड किसानों की कर्ज माफी किसान कर्ज भारतीय किसान