हरियाणा की नायब सरकार का कमाल, सांसद के बेटे छेड़छाड़ के आरोपी विकास बराला को बनाया सहायक महाधिवक्ता

हरियाणा सरकार ने छेड़छाड़ के आरोपी विकास बराला को सहायक महाधिवक्ता नियुक्त किया है। वह बीजेपी सांसद सुभाष बराला के बेटे हैं। इस नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर जब विकास पर गंभीर आरोप हैं और वह जेल की हवा भी खा चुका है।

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Jitendra Shrivastava
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बाएं से विकास बराला और पिता सुभाष बराला Photograph: (THESOOTR)

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CHANDIGARH. हरियाणा से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुआई वाली सरकार ने छेड़छाड़ के आरोपी विकास बराला को सहायक महाधिवक्ता बनाया है। विकास बीजेपी के पूर्व हरियाणा अध्यक्ष और वर्तमान राज्यसभा सांसद सुभाष बराला का बेटा है। नायब सरकार के इस फैसले की हर तरफ आलोचना हो रही है। 

दरअसल, हरियाणा सरकार ने हाल ही में प्रदेश के न्यायिक ढांचे को मजबूत करने के लिए 72 नए लॉ अफसरों की नियुक्ति की है। कहा जा रहा है कि यह नियुक्तियां एडवोकेट जनरल कार्यालय, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सरकारी मामलों की प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करने के लिए की गई हैं। इसी लिस्ट में विकास का नाम है। 

इस तरह किया खेल 

पूरा खेल कुछ इस तरह किया गया कि मामला मीडिया की नजरों से दूर रहे। दरअसल, जो लिस्ट सामने आई है, उसमें दिल्ली के लिए अस्सिटेंट एडवोकेट जनरल में नाम सिर्फ विकास लिखा है। उसके आगे कोई सरनेम नहीं लिखा गया है। मामले का खुलासा इसी लिस्ट में दर्ज ईमेल आईडी से होता है। ईमेल में Vikasbarala29888@gmail.com लिखा है। यानी साफ है कि यह विकास, विकास बराला ही है, जिस पर एक आईएएस की बेटी का पीछा करने और उसके अपहरण की कोशिश का आरोप लगा था। इस केस में विकास जेल की हवा भी खा चुका है।

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यूजर्स ने ली आपत्ति 

मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर कुछ यूजर्स ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई है। एक यूजर ने लिखा, छेड़छाड़ का आरोपी विकास बराला अब हाईकोर्ट में सहायक महाधिवक्ता! ना योग्यता देखी, ना चरित्र... बस बाप बीजेपी में सांसद है, इतना ही काफी था। ये परिवारवाद नहीं है...? या भाजपा में गुंडावाद अब "संस्कार" कहलाता है? एक अन्य यूजर ने लिखा, बिना पर्ची, बिना खर्ची...बस "बेटा बराला का" होना काफी था! #HighCourt में सहायक महाधिवक्ता बना दिया गया, वही विकास बराला, जो छेड़छाड़ के मामले में सुर्खियों में था। याद है? कहा था ना, "परिवारवाद" सिर्फ दूसरी पार्टियों में होता है...भाजपा में तो "संस्कार" होते हैं...। 

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क्यों उठ रहे सवाल?

लोगों का कहना है कि जिस व्यक्ति पर अभी गंभीर आपराधिक मामला चल रहा है, उसे सरकार ने इतनी जिम्मेदारी वाला कानूनी पद कैसे दे दिया? सहायक महाधिवक्ता राज्य सरकार का बड़ा कानूनी प्रतिनिधि होता है, जो अदालत में सरकार का पक्ष रखता है।

कानून के जानकारों का कहना है कि जिस व्यक्ति पर सरकार खुद मुकदमा चला रही है, वही अब सरकार की तरफ से अदालत में खड़ा होगा। इससे न्याय प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। कई वकीलों ने इस नियुक्ति को गलत बताया है। उनका कहना है कि इससे लोगों का न्याय व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा।

यही नहीं, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता पूछ रहे हैं कि सरकार की स्क्रीनिंग कमेटी ने विकास बराला का केस कैसे नजरअंदाज कर दिया। क्या पूरी जांच-पड़ताल नहीं हुई या फिर राजनीतिक दबाव में यह नियुक्ति कर दी गई?

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यह है पूरा केस 

👉 4 अगस्त 2017 की आधी रात को चंडीगढ़ में विकास बराला और उसके साथी आशीष कुमार ने एक आईएएस अफसर की बेटी के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी।

👉 पीड़िता ने बताया था, 'मैं रात 12:15 बजे घर के लिए निकली थी। तभी सेक्टर-7 के पास पता चला कि एक कार मेरा पीछा कर रही है। मैंने रास्ता बदलने की कोशिश की तो आरोपियों ने गाड़ी से रास्ता रोककर मुझे सेक्टर-26 की ओर चलने पर मजबूर कर दिया।'

👉 युवती ने आगे बताया कि अगले मोड पर दोबारा मुड़ने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने फिर रास्ता ब्लॉक कर दिया। एक युवक गाड़ी से बाहर निकला और उसकी कार की ओर बढ़ा। इसके बाद मैंने कार रिवर्स कर राइट टर्न लिया और कार भगाई। इस बीच, मैंने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दी। अपनी लोकेशन बताई। घर पर पिता को सूचना दी।

👉 सूचना पर चंडीगढ़ पुलिस की PCR आ गई। पुलिस ने पीछा कर दोनों आरोपियों को हाउसिंग बोर्ड लाइट पॉइंट के पास गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद FIR दर्ज हुई तो मामला चर्चा में आया। मामले में 2017 से लगातार चंडीगढ़ कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

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5 माह बाद मिली जमानत

मामले में आरोपी हरियाणा BJP सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। वह इस मामले में 5 महीने जेल में भी बंद रहा। नवंबर 2017 में निचली अदालत ने 4 बार जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद विकास बराला के वकील ने नियमित जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था। तब विकास को जनवरी 2018 में जमानत मिल पाई थी। अब वह बाहर है।

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