राजस्थान में कार मालिक खा रहे गरीबों का राशन, सरकार की चेतावनी, फूड स्कीम से तत्काल नाम कटाएं

राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लाभार्थियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है। अब फोर व्हीलर मालिकों को योजना से बाहर किया जाएगा और वसूली के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान सरकार ने अब खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेने वाले अपात्र व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। पहले लाभार्थियों से अपील कर उनके लाभ को हटाया जा रहा था। अब राज्य सरकार ने रसद विभाग के अधिकारियों को राशन दुकानों पर आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही, आरटीओ से फोर व्हीलर मालिकों का डाटा भी इकट्ठा किया जा रहा है। अगर कोई फोर व्हीलर मालिक इस योजना का गलत फायदा उठाता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अब तक 578 अपात्रों को नोटिस

खाद्य विभाग ने अब तक 578 अपात्रों को नोटिस जारी किए हैं, जिनसे राशन वसूली का अभियान चलाया जाएगा। यह प्रक्रिया अधिक सख्त और प्रणालीबद्ध हो रही है। जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जो लोग बेजा लाभ ले रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उचित मूल्य की दुकानों पर जांच की जाए और अपात्रों को नोटिस भेजे जाएं। 

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क्या है गिवअप अभियान 

गिवअप अभियान की शुरुआत 1 नवंबर 2024 से हुई थी, जिसके तहत बड़ी संख्या में लोग खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ स्वेच्छा से छोड़ रहे हैं। इस अभियान में 22.32 लाख लोग लाभ छोड़ चुके हैं, जिससे राज्य सरकार पर 409.39 करोड़ रुपये का सालाना भार कम होगा। इस अभियान को लेकर अब तक 8130 आवेदन उदयपुर जिले से प्राप्त हुए हैं और 32,252 लोगों ने अपनी स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़ने का निर्णय लिया है। 

ऐसे होती है अपात्रों की पहचान 

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कुछ विशेष श्रेणियां हैं जिन्हें अपात्र माना जाता है और जिन्हें योजना का लाभ छोड़ना होता है:

  • वे परिवार जिसमें कोई व्यक्ति आयकरदाता हो।

  • वे परिवार जिनके सदस्य सरकारी या अर्द्ध सरकारी संस्थाओं में काम करते हों।

  • ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो।

  • जिन परिवारों में कोई सदस्य फोर व्हीलर वाहन का मालिक हो (जीविकोपार्जन वाहन छोड़कर)।

यह कदम इस दिशा में उठाया गया है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले, जो वास्तव में इसके हकदार हैं।

खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों पर नजर

सरकार ने अपात्रों से राशन छीनने के लिए एक बारीकी से काम करने की योजना बनाई है। सभी उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्य विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों और निरीक्षकों को तैनात किया जाएगा। इन अधिकारियों का काम यह होगा कि वे अचानक निरीक्षण करके अपात्रों की पहचान करें और उन्हें नोटिस भेजें। 

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क्या है खाद्य सुरक्षा अभियान का उद्देश्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पात्र व्यक्तियों तक ही खाद्य सुरक्षा का लाभ पहुंचाना है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से उपयोग हो और अपात्र लाभार्थियों से राशन वापस लिया जाए। यह कदम उन लोगों के खिलाफ उठाया जा रहा है जो इस योजना का बेझा लाभ उठा रहे थे।  

आंकड़ों में खाद्य सुरक्षा योजना की स्थिति

  • 22.32 लाख लोग: स्वेच्छा से लाभ छोड़ने वाले लोग।

  • 409.39 करोड़ रुपये: राज्य सरकार पर कम होने वाला सालाना भार।

  • 8130 आवेदन: उदयपुर जिले से प्राप्त आवेदन।

  • 32,252 लोग: लाभ छोड़ने वाले लोग उदयपुर जिले से।

इन्हें छोड़ना पड़ेगा योजना का लाभ

अधिकारियों के अनुसार, कुछ विशेष श्रेणियों के लोग खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ने के लिए उत्तरदायी हैं:

  1. आयकरदाता परिवार: यदि परिवार का कोई सदस्य आयकरदाता है, तो उन्हें योजना का लाभ छोड़ना होगा।
  2. सरकारी कर्मचारी परिवार: सरकारी, अर्द्ध सरकारी, या स्वायत्तशासी संस्थाओं में काम करने वाले परिवारों को लाभ छोड़ना होगा।
  3. वर्षिक आय एक लाख से अधिक: जिन परिवारों की आय एक लाख से ज्यादा है, उन्हें भी लाभ छोड़ने के लिए कहा गया है।
  4. फोर व्हीलर मालिक: ऐसे परिवारों जिनके पास फोर व्हीलर है, उन्हें भी इस योजना से बाहर किया जाएगा। 

जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना लक्ष्य

उदयपुर जिला आपूर्ति अधिकारी मनीष भटनागर ने कहा कि गिव अप योजना का मुख्य उददेश्य पात्र लोगों तक उनका हक पहुंचाना है। इस अभियान में अपात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ने की अपील की गई है। बेजा लाभ लेने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अभियान के पहला चरण स्वेच्छा से लाभ छोड़ने की नीति पर आधारित था। लेकिन अब सख्ती भी की जा रही है।  

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