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Photograph: (The Sootr)
जयपुर की ऐतिहासिक धरती पर लोकतंत्र की धज्जियां उड़ रही हैं। यह कारनामा करने वाली कोई बाहरी ताकत नहीं, बल्कि खुद राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी हैं। उन्होंने सत्ता की कुर्सी मिलते ही सरकार की बेशकीमती जमीनों पर ऐसे कब्जे जमाए हैं, जैसे पूरा जयपुर उनकी जागीर हो। इसकी ताजी बानगी जलेब चौक है। अदालत कहती है कि यह जमीन सरकार की है, मगर दीया कुमारी के ट्रस्ट ने उस पर अपना झंडा गाड़ दिया है।
कुल मिलाकर जयपुर के पूर्व राजपरिवार की बेटी और राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी जमीनों को हथियाने के एजेंडे पर काम कर रही हैं। The Sootr लगातार उनकी करतूत उजागर कर रहा है। हमने बताया कि किस तरह दीया कुमारी ने हथरोई की जमीन अपने नाम कराई है। (क्लिक कर पढ़ें खबर) किस तरह उन्होंने जयपुर के बेशकीमती बंगलों पर कब्जा जमा रखा है। (क्लिक कर पढ़ें खबर) हमने बताया कि किस तरह वे कमाई के लिए जयगढ़ मॉडल को विकसित कर रही हैं। (क्लिक कर पढ़ें खबर) इसी कड़ी में the Sootr अब चौथी कड़ी में दीया कुमारी की एक और कारस्तानी उजागर करने जा रहा है।
पढ़िए ये खास खबर...
राजस्थान की डिप्टी सीएम के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने अपने पद की गरिमा और मर्यादा को तार-तार कर जयपुर में सरकार की मालिकाना हक वाली बेशकीमती जमीन जलेब चौक पर अवैध कब्जा कर लिया है। इन स्थानों पर आम जनता के आवागमन पर रोक लगा दी है। दीया कुमारी के ये अवैध कब्जे और अतिक्रमण जयपुर के आराध्य गोविन्द देवजी मंदिर, जंतर-मंतर वेधशाला और निजी संग्रहालय सिटी पैलेस से सटे जलेब चौक परिसर में हो रहा है। पूरे जलेब चौक परिसर में 24 घंटे ट्रस्ट से जुड़े वर्दीधारी गार्ड घूमते रहते हैं।
खाली जमीनों पर बनाए अवैध पार्किंग स्थलदीया कुमारी और उनके परिवार की ओर से जलेब चौक की खाली जमीनों पर अवैध तरीके से ही पार्किंग स्थल बनाए जा रहे हैं। यहां पर्यटकों के वाहनों की पार्किंग करवाकर अवैध वसूली करने के लिए जमीन को समतल करने का काम जोरों पर है, वहीं टीनशेड के बड़े कियोस्क बना दिए गए हैं। डिप्टी सीएम दीया कुमारी के इन अवैध अतिक्रमण और अवैध पार्किंग स्थल पर सरकार और नगर निगम हेरिटेज पूरी तरह आंखें मूंदे हुए हैं। |
दीया कुमारी हैं ट्रस्ट की सचिव
अवैध कब्जे व पार्किंग का यह खेल दीया कुमारी का निजी संग्रहालय सवाई मानसिंह म्यूजियम ट्रस्ट (सिटी पैलेस) कर रहा है। दीया कुमारी इस ट्रस्ट की सचिव और ट्रस्टी हैं। उनके ही रसूख के दम ओर ट्रस्ट के बोर्ड लगाकर पार्किंग स्थल बना दिए गए हैं। सरकार और नगर निगम की अनुमति के बिना सरकारी जमीन पर अवैध पार्किंग स्थल बनाना गैर कानूनी तो है ही, साथ ही आपराधिक कृत्य भी है।
ऐसे कहा जाने लगा जलेब चौक
जलेब फारसी भाषा से लिया गया शब्द है। इसका मतलब रक्षादल यानी कि सेना की परेड होता है। रियासतकाल में राजपरिवार के निवास के मुख्य द्वार पर सैनिक हर वक्त ड्यूटी करते थे। ऐसे में वहां सैनिकों की परेड भी होती रहती थी। ऐसे स्थान को जलेब कहा जाता था। वर्ष 1727 में जयपुर की स्थापना के बाद राजपरिवार आमेर से सिटी पैलेस में शिफ्ट हो गए। उसके बाद से सिटी पैलेस के उस बाहरी हिस्से को जलेब चौक कहा जाने लगा, जहां राजा महाराजाओं का स्वागत सत्कार, मेहमानवाजी और सुरक्षा के लिहाज से परेड आदि होती थी। आमेर में भी राजपरिवार के रहने के समय भी वहां जलेब चौक हुआ करता था।
पहले एक चौक में, अब चारों चौक पर अवैध पार्किंगजलेब चौक परिसर में जंतर मंतर वैधशाला, गोविन्द देव जी, सिटी पैलेस म्यूजियम, हवामहल जैसे पर्यटक स्थल आते हैं। करीब एक दशक पहले तक यहां घूमने आने वाले पर्यटक अपने वाहन जलेब चौक परिसर में खड़ा करते थे। उनसे कोई पार्किंग शुल्क नहीं लिया जाता था। जलेब चौक परिसर में बने कमरों में कई सरकारी विभाग थे, जिनके अधिकारी व कार्मिकों के वाहन भी वहां ही खड़े होते थे। लेकिन, डेढ़ दशक पहले सरकारी कार्यालयों को सरकार ने खाली करवा लिया। उसके बाद स्थिति बदल गई। दीया कुमारी और उनके ट्रस्ट ने हर खाली जगह पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया। |
कब्जा कर रेस्टोरेंट बनाने की तैयारी
गोविन्ददेवजी मंदिर में आने वाले भक्त बताते हैं कि सिटी पैलेस म्यूजियम ट्रस्ट दीया कुमारी के पावर का भरपूर इस्तेमाल कर पहले तो मंदिर के एंट्री गेट पर अवैध पार्किंग बोर्ड लगाकर वसूली करने लगे। उसके बाद सिटी पैलेस के निकास द्वार पर कब्जा जमा लिया। अब कुछ दिनों से सूर्य मंदिर और संतोषी माता मंदिर के सामने की तरफ भी दोनों खाली चौकों में भी पर्यटक वाहनों की पार्किंग शुरू कर दी है।
यहां पर पार्किंग स्थल के बोर्ड लगा दिए हैं, जिनमें सवाई मानसिंह म्यूजियम (सिटी पैलेस) जयपुर के बोर्ड लगे हैं। इनमें अलग अलग वाहनों की रेट लगी है। सूर्य मंदिर के सामने वाले खाली चौक में तो ट्रस्ट की तरफ से भूमि को समतल करवाया जा रहा है। एक टीनशेड नुमा बड़ा कियोस्क भी तैयार कर लिया है। लगता है कि यहां रेस्टोरेंट खोलने का अनुमान है।
सरकार की चुप्पी से खड़े हुए सवाल
जलेब चौक परिसर की जमीन पर मालिकाना हक राजस्थान सरकार का है। कुछ महीने पहले जयपुर की अधीनस्थ अदालत ने सिटी पैलेस म्यूजियम ट्रस्ट के मालिकाना हक के दावे को खारिज कर दिया था। आदेश में कह दिया था कि जलेब चौक परिसर की जमीन राज्य सरकार की है। उक्त आदेश के खिलाफ ट्रस्ट ने जिला व सत्र न्यायालय से स्टे ऑर्डर ले रखा है। दस्तावेज में मालिकाना हक सरकार है। बावजूद इसके सरकार और नगर निगम हेरिटेज प्रशासन की ओर से यहां चल रहे अवैध अतिक्रमण और पार्किंग स्थल पर एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
राजनीति में आने के बाद हौसले बढ़े
जब से जयपुर राजपरिवर की पूर्व सदस्य दीया कुमारी राजनीति में आई हैं, तब से तो हालात बदल गए हैं। राजनेता नहीं बनने से पहले तक सरकार यदा कदा कार्रवाई करती रही है। पूर्व मुख्य सचिव एस अहमद के समय तो यहां अवैध अतिक्रमण को हटाया गया था।
दीया कुमारी अब सरकार में डिप्टी सीएम हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन भी एक्शन लेने से कतराता है। बताया जाता है कि 24 जनवरी, 2024 को फ्रांसिसी राष्ट्रपति की जयपुर यात्रा के समय दीया कुमारी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इस जमीन को खाली करवा कर बैरिकेट लगवा दिए थे। वहां रोजमर्रा की आजीविका के लिए दुकान लगाने वालों को बेदखल कर दिया था।
इसी परिसर में कुछ महीनों पहले ट्रस्ट के कारिंदों द्वारा एक मंदिर परिसर में रातों रात किए गए कब्जे को लेकर जनता ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी थी। आसपास के लोगों का कहना है कि थाने से लेकर नगर निगम में उनके लगाए लोग बैठे हैं। सरकार उनकी है। इन अतिक्रमण और कब्जा को लेकर जयपुवासियों में गुस्सा है। सवाल है कि डिप्टी सीएम दीया कुमारी के कब्जों और अतिक्रमण पर एक्शन करने की हिमाकत कौन करे। शिकायत करने वाले लोगों को थाने से भगा दिया जाता है।
सिटी पैलेस कर रहा शक्तियों का दुरुपयोगराजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार जैन का कहना है कि केन्द्र सरकार और रिसायतों के बीच कॉन्वेंट हुए थे। कॉन्वेंट में जलेब चौक का उल्लेख नहीं है तो यह जमीन सरकार की है। वैधानिक रुप से दीवानी न्यायालयों को कॉन्वेंट से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ही इसमें सुनवाई कर सकता है। लगता है सिटी पैलेस प्रबंधन शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है। सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए। |
thesootr ने दीया कुमारी से पूछे सवाल, नहीं आया जवाब
नोट: इस मामले में खबर thesootr ने दीया कुमारी का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की, मगर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। फिर हमने उनको मेल करके सवालों की लिस्ट भेजी। इस पर भी उनकी ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया। आगे जब भी उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया आएगी, हम प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे।
Editor, thesootr
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