DELHI. किसान आंदोलन ( farmers movement ) का आज 14 वां दिन है । किसान ( farmers ) अभी भी दिल्ली आने की मांग को लेकर राज्य की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसान को दिल्ली आने से रोकने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने सीमाओं को सील कर रखा है। हरियाणा और पंजाब की सीमाओं पर दो हफ्ते से सुरक्षाबलों और किसानों के बीच झड़प चल रही है। किसान नेताओं (Farmer leaders ) और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है । अब किसान भी आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे हैं।
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किसानों का ट्रैक्टर मार्च
संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी ( MSP ) की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को लेकर सोमवार यानी आज पंजाब, हरियाणा समेत कई जगह ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर बड़ी संख्या में किसान मार्च में शामिल होने वाले हैं। सुबह 11 से दोपहर बाद 3 बजे तक सड़कों के किनारे ट्रैक्टर खड़े करके केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान पंजाब में 100 से ज्यादा जगहों पर विश्व व्यापार संगठन के पुतले फूंके जाएंगे।
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दिल्ली-देहरादून हाइवे किसानों के कब्जे में
भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत सोमवार को हाईवे पर ट्रैक्टरों की शृंखला बनाएंगे। हाईवे क़े एक लेन को अवरुद्ध करने का कार्यक्रम है। हरिद्वार से गाजीपुर बॉर्डर तक दिल्ली देहरादून नेशनल हाइवे पर एक लेन किसानों के कब्जे में रहेगी। आंदोलन में कई किसानों और सुरक्षाबलों के जवानों की मौत हो चुकी है। खबर है कि किसानों ने 29 फरवरी तक के लिए दिल्ली कूच रोक दिया है।
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क्या बोले किसान नेता सरवण पंधेर ?
इससे पहले, रविवार यानी 25 फरवरी को किसानों ने केंद्र से वार्ता के संकेत दिए। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के कोऑर्डिनेटर सरवण पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर कहा सरकार बॉर्डर और इंटरनेट खोलने का काम कर रही है। अब इस माहौल में सही से बातचीत हो सकेगी। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के प्रधान जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार किसानों को गोली मारने वालों पर कार्रवाई करे। पंजाब के अंदर घुसकर किसानों को उठाने, पीटने और ट्रैक्टर तोड़ने वालों पर भी कार्रवाई हो।
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