BHOPAL. आज यानी 20 फरवरी को पंजाब के किसानों के आंदोलन का 8वां दिन है। जानकारी के मुताबिक किसान कल सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे। इससे पहले सोमवार रात किसानों ने केंद्र के 5 फसलों (कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द) पर MSP देने का प्रस्ताव खारिज कर दिया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का कहना है कि हमने किसानों और एक्सपर्ट से बात की है। ये हमारे हित में नहीं। हमारी MSP पर गारंटी कानून की मांग पूरी हो। MSP देने के लिए 1.75 लाख करोड़ की जरूरत नहीं है।
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हरियाण के सात जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी
किसानों ने ये भी कहा कि अगर केंद्र सभी फसलों पर MSP की गारंटी दें तो हम आंदोलन खत्म करने को तैयार हैं। आज किसानों की एक एक मीटिंग होनी है, जिसमें वे रणनीति बनाएंगे और 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे। ऐसे में किसानों का कहना है कि अब सब कुछ केंद्र के हाथ में है। केंद्र फैसला ले। केंद्र का प्रपोजल किसानों के हित में नहीं है। वहीं हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी का फैसला 20 फरवरी की रात 12 बजे तक बढ़ा दिया गया है।
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कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा क्या कहते हैं
बता दें कि '4 फसलों से देशभर के किसानों का समाधान नहीं हो सकता। यह पंजाब आधारित प्रस्ताव है। ये चारों फसलें अभी भी लगभग एमएसपी (MSP) या अधिक भाव में बिक रही हैं। मुद्दा ये है कि जो फसलें एमएसपी (MSP) से नीचे बिक रही हैं, उन्हें एमएसपी (MSP) पर खरीदा जाए। इसलिए इस पर फिर से विचार की जरूरत है। क्रिसिल ने 16 प्रमुख फसलों पर रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार, इन फसलों को सरकार एमएसपी (MSP) पर खरीदें तो जो अंतर बनता है, वो 21 हजार करोड़ का है, जिसे सरकार वहन कर सकती है। एमएसपी (MSP) पर अभी कुछ ही राज्यों में खरीद की जाती है। इनमें यूपी, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ शामिल हैं। एमएसपी (MSP) के कानून से देशभर के किसानों को फायदा होगा।’
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डल्लेवाल ने कहा- तेल बीज फसलें उगाने को कहे सरकार
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा - हमारी सरकार बाहर से 1.75 लाख करोड़ रुपए का पाम ऑयल मंगवाती है और वे सभी लोगों के लिए बीमारी का कारण बन रहा है। फिर भी उसे मंगवाया जा रहा है। अगर देश के किसानों को तेल बीज फसलें उगाने के लिए कहे और एमएसपी (MSP) की घोषणा करें व खरीदी की गारंटी बनाए तो 1.75 लाख करोड़ रुपए जो पाम ऑयल मंगवाने में खर्च हो रहा है, वही किसानों के पास आएंगे। इससे किसी भी तरह से सरकार पर बोझ नहीं पड़ेगा।
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पंधेर ने कहा - 23 फसलों पर MSP गारंटी कानून चाहिए
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर का कहना है कि सरकार की नीयत में खोट है। इनकी नीति और नीयत ठीक नहीं है। हमारी मांग वही है कि सरकार 23 फसलों पर MSP गारंटी कानून बनाकर दे। जो फसलें रह जाएंगी, उन पर स्टडी कर सभी फसलों पर हमें लीगल गारंटी का कानून चाहिए। हम इसी पर स्टैंड करते हैं और इसी पर बात होगी।
पंधेर बोले- पंजाब CM पॉलिसी क्लियर करे
सरवण सिंह पंधेर ने कहा- रविवार को खनौरी बॉर्डर पर किसान की मौत हो गई। उनका शव पटियाला अस्पताल में पड़ा है, न उनका पोस्टमार्टम हुआ और न उन्हें उचित मुआवजा राशि दी गई। हमने पंजाब सरकार से मांग की कि पॉलिसी क्लियर करे। सरकार सरकारी नौकरी और 5 लाख रुपए दे। इसमें पंजाब CM का बयान तक नहीं आया। इंटरनेट बंद करने पर पंजाब सरकार बताए कि क्या उन्होंने भी लिखकर दिया है। जिस पुल पर हरियाणा सरकार ने बैरिकेडिंग की है, अगर वह पंजाब के अंडर आता है तो उसका विरोध क्यों नहीं किया?। क्या आपका ऑपरेशन हरियाणा सरकार से मिलकर चल रहा है।
हरियाणा में 8 लेअर की सुरक्षा
पंजाब के किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने सभी बॉर्डर मार्गों का 50 किमी. इलाका सील किया है। इसे 8 लेअर में बदल दिया गया है। इसमें पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और आर्म्ड बटालियन तैनात की गई है, जो किसानों को हर हाल में आगे बढ़ने से रोकेगी।
हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी की 3 मांगें
- MSP के लिए सरसों और बाजरे की फसल को भी जोड़ा जाए।
- यदि MSP के लिए बाजरे और सरसों को शामिल नहीं किया तो फिर हरियाणा का किसान अपनी लड़ाई लड़ेगा।
- हम चेतावनी देना चाहते हैं कि हरियाणा में भी वही चीज़ लागू हो जो पंजाब में हो वर्ना हरियाणा के किसान भी तैयार हैं।
5 फसलों पर MSP लागू करना बड़ी चुनौती
पंजाब-हरियाणा में हफ्तेभर से चल रहे किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने 5 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने का प्रस्ताव दिया है। इनमें मक्का व कपास के साथ दलहन में मसूर, अरहर व उड़द शामिल है। सरकार इन्हें सहकारी सभाओं नैफेड, NCCF और कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) के जरिये अगले 5 साल खरीदेगी। इस प्रपोजल के जरिए केंद्र सरकार चाहती है कि भूमिगत पानी की बचत हो और किसान धान-गेहूं को छोड़कर बाकी फसलों की खेती की तरफ प्रोत्साहित हों।
दिल्ली कूच पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई
पंजाब-हरियाणा के किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को लेकर आज (20 फरवरी) को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। केंद्र सरकार इस दौरान रविवार को हुई बैठक की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी, जबकि किसान उस बैठक में केंद्र के सुझावों को नकार चुके हैं और 21 फरवरी को दिल्ली चलने का ऐलान भी कर चुके हैं। इससे पहले केंद्र ने हाईकोर्ट में एमएसपी के मुद्दे पर किसानों के साथ चर्चा करने की बात कही थी। किसान आंदोलन मामले पर हाईकोर्ट ने केंद्र के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब सरकार से स्टेटस रिपोर्ट भी देने को कहा था। इस दौरान दिल्ली सरकार भी अपना पक्ष रखेगी।
नवजोत सिद्धू ने पूछा - क्या केंद्र कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की तरफ लौट रहा
नवजोत सिद्धू ने सोशल मीडिया पर लिखा कि किसानों का असली मुद्दा C2+50 स्वामीनाथन फॉर्मूले पर फसलों की सुनिश्चित खरीद का कानून है। MSP कानून के बजाय केंद्र सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर वापस जा रही है, जिसके खिलाफ 380 दिनों के लिए किसान आंदोलन हुआ था। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग उन तीन कृषि कानूनों में से एक है, जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया था। क्या हम वापस उसी स्थिति में आ गए हैं?
हरियाणा के BJP सांसद ने सरकार पर उठे सवाल
हरियाणा के हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर सरकारी की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रास्ते रोकना, कीलें लगाना, रबड़ बुलेट चलाने का मैं निजी रूप से पक्षधर नहीं हूं। उन्होंने कहा कि काफी समय तक प्रशासनिक अधिकारी भी रहा हूं, सरकार को लगता है, कानून व्यवस्था बिगड़ रही है तो इस तरह के कदम को उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 250 किलोमीटर दूर किसान हैं, तो दिल्ली के आने-जाने वाले रास्ते सील क्यों किए है। यह समझ से परे है।
कैप्टन अमरिंदर ने पीएम मोदी से कृषि पर की चर्चा
पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोशल मीडिया पर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की फोटो शेयर की है। जिसमें उनकी बेटी जयइंदर कौर भी दिख रही हैं। कैप्टन ने कहा कि उन्होंने PM से पंजाब और खेती से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। कैप्टन के खेती से जुड़े मुद्दों को किसान आंदोलन और MSP कानून से जोड़कर देखा जा रहा है।
पंधेर बोले- किसानों की 3 प्रमुख मांगें
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा- किसानों की आज के समय मुख्य मांग MSP पर लीगल गारंटी, C2+ 50 फॉमूला लागू करने और किसानों की कर्जमाफी है। बीजेपी कहती है कि देश की आजादी के बाद अब तक के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। अगर वह किसानों की मांगों को मानते हैं तो यह अपने आप ही सिद्ध हो जाएगा कि देश में अब तक सबसे बड़े फैसले लेने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है।
जींद में किसान-खाप महापंचायत शुरू
किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के जींद में उचाना कलां के तहसील परिसर में किसानों और खापों की महापंचायत शुरू हो गई है। महापंचायत में कंडेला खाप, दलाल खाप, जुलाना बारह खाप, उझाना खाप, दहाड़ान खाप, नेहरा खाप, माजरा खाप समेत कई किसान संगठनों के पदाधिकारी मौजूद हैं।
किसानों की मांग- MSP कानून के लिए केंद्र संसद का विशेष सत्र बुलाए
किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि मोदी सरकार संसद का एक दिन का विशेष सत्र बुलाए। इसमें देश के सभी दल हिस्सा लें। वे बताएं कि उन्हें MSP कानून को लेकर क्या दिक्कत है।