VARANASI. वाराणसी में फ्लोटिंग CNG स्टेशन का शुभारंभ हुआ। गंगा किनारे रविदास घाट पर फ्लोटिंग कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस मोबाइल रि-फ्यूलिंग यूएनआईटी (MRU) स्टेशन का केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी लोकार्पण किया। अब नाविक नमो घाट के साथ ही रविदास घाट पर CNG भरा सकेंगे। इससे रोज 400 से ज्यादा नाविकों को फायदा मिलेगा।
मंत्री पुरी बोले- परिवर्तनकारी निर्णय
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों और स्वच्छ अक्षय स्रोतों में बदलाव की तत्काल आवश्यकता से जूझ रहे विश्व में वाराणसी में दूसरे फ्लोटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का उद्घाटन व्यवहार्य अक्षय ऊर्जा समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में परिवर्तनकारी निर्णय है। इससे नाविकों को ईंधन भरने के लिए नमो घाट तक नहीं जाना पड़ेगा। उससे समय और धन की बचत होगी।
'ईंधन दक्षता में सुधार'
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि नावों के पुराने और कम कुशल पेट्रोल-डीजल इंजनों को CNG इंजनों में परिवर्तित करने से ईंधन दक्षता में सुधार हुआ है। अब तक 890 पंजीकृत में 735 नौकाओं को गेल की ओर से CNG के रूप में बदल दिया गया है। 18 करोड़ रुपए की लागत से ये स्टेशन बना है।
रोज 300 से 400 नावों में भरी जाएगी CNG
रविदास घाट के नए CNG स्टेशन को नमो घाट पर लाकर कैस्केड में CNG भरी जाएगी। इसके बाद उसे रविदास घाट तक पहुंचाया जाएगा। इसकी क्षमता 4 हजार किलोग्राम प्रतिदिन है। यहां पर 300 से 400 नावों में CNG भरी जा सकती है।
नाविकों को हर महीने 36 हजार रुपए की बचत
गेल के अधिकारियों ने बताया कि हर नाविक ईंधन के रूप में CNG का उपयोग करके हर महीने करीब 36 हजार रुपए तक बचा सकता है। CNG सुरक्षित और कम प्रदूषण फैलाने वाला ईंधन है।
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13 CNG स्टेशन और खुलेंगे
वाराणसी में CGD इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए गेल ने 350 करोड़ रुपए से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट किया है। 2024 तक 100 करोड़ रुपए खर्च करने का टारगेट है। वर्तमान में 2 फ्लोटिंग CNG स्टेशनों के अलावा गेल के 24 CNG स्टेशन संचालित हैं। 13 स्टेशनों बनाने का काम जारी है।