मां- बाप को आया इतना गुस्सा कि जिन्दा बेटी की कर दी तेरहवीं

बाप ने अपनी बेटी को मरा घोषित कर उसका पिंडदान तक करवा दिया। आखिर ऐसा क्या हुआ कि बेटी को 'कलेजे का टुकड़ा' मानने वाले बाप ने अपनी ही बेटी का पिंडदान उसके जीते जी कर दिया...

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Deeksha Nandini Mehra
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जिंदा बेटी का मृत्युभोज

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Funeral Feast of Living Daughter : बेटी को कलेजे का टुकड़ा मानने वाले बाप को अपनी बेटी पर इतना गुस्सा आया कि उसने अपनी जिंदा बेटी को ही मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं, बाप ने अपने नाते- रिश्तेदार और आसपास के गांव वालों को भी मृत्युभोज की पत्रिका भेज दी। यह चौंकाने वाला मामला राजस्थान के उदयपुर के पास सोयरा कस्बे का है। जहां बाप ने अपनी बेटी को मरा घोषित कर मुंडन के साथ उसका पिंडदान तक करवा दिया है। आखिर ऐसा क्या हुआ होगा कि बेटी को 'कलेजे का टुकड़ा' मानने वाले बाप ने अपनी ही बेटी का पिंडदान उसके जीते जी कर दिया। 

Rajasthan News: जिंदा बेटी का मां-बाप ने करा दिया मृत्यु भोज और मुंडन, जाने  क्या है माजरा…

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उदयपुर के सोयरा के पास एक छोटा सा गुड़ा गांव है। यहाँ एक बाप ने अपनी जिन्दा बेटी की तेरहवीं कर दी है। परिजनों का कहना है कि बेटी को हमने बड़े लाड प्यार से बड़ा किया और उसने हमें पहचानने से भी इनकार कर दिया। इस बात से हम आज भी नहीं उभर पाए इसलिए पूरे परिवार ने मिलकर ये कदम उठाया। इससे हमें उसको भूलने में आसानी होगी। 

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यह है पूरा मामला

 दरअसल, सायरा पंचायत समिति में दो महीने पहले सुआवतों का गुड़ा गांव की एक लड़की ने गैर समाज के प्रेमी के साथ भाग कर शादी कर ली। जब पुलिस ने उसे पकड़ा और मां- बाप के सामने पेश किया तो उसने (लड़की ने ) अपने माँ- बाप को पहचानने से ही इनकार कर दिया। इससे पिता इतना आहत हुआ कि बेटी को मरा हुआ मान लिया। पिता ने शोक पत्रिका छपवाई और उसमें बेटी के अंतरजातीय विवाह करने की वजह लिखते हुए लोगों को 22 मई को उठावने का निमंत्रण भेज दिया। बुधवार को पिता समेत परिजनों ने सिर भी मुंडवाए और मृत्युभोज किया। परिवार को सांत्वना देने के लिए कई रिश्तेदार भी जुटे थे। लड़की के माता-पिता का कहना है कि जब हमारी बेटी ने हमें पहचानने से इनकार कर दिया, तब से वह हमारे लिए मर चुकी है।

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गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज 

सायरा थाने में मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि गत 10 मार्च को लड़की अपने घर से लापता हुई थी। जिसे लेकर परिजनों ने दूसरे दिन 11 मार्च को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद 14 अप्रैल को लड़का अपने जीजा के समझाने पर लड़की को लेकर सायरा थाने पहुंचा था। थाने में लड़का और लड़की दोनों के माता-पिता को बुलाया गया। जहां लड़की ने अपने माता-पिता को पहचानने से इंकार कर दिया था। 

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