भारत सरकार ने ChatGPT, DeepSeek, Google Gemini जैसे एआई टूल्स के इस्तेमाल को लेकर नई चेतावनी जारी की है। सरकार ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को चैटजीपीटी, डीपसीक, गूगल जैमिनी जैसे एआई टूल्स का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी है। यह फैसला मुख्य रूप से डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा के कारण लिया गया है, क्योंकि इन एआई टूल्स का इस्तेमाल करने से सरकारी दस्तावेजों और संवेदनशील डेटा के लीक होने का खतरा हो सकता है।
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AI टूल्स संवेदनशील सरकारी डेटा के लिए खतरा
29 जनवरी 2025 को जारी की गई एडवाइजरी में वित्त मंत्रालय ने कहा कि इन एआई टूल्स का इस्तेमाल सरकारी कामों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। सरकार ने यह चेतावनी दी है कि इन टूल्स से संवेदनशील सरकारी डेटा के लिए खतरा पैदा हो सकता है, क्योंकि ये ऐप्स और सॉफ्टवेयर आम तौर पर विदेशों में स्थित सर्वरों पर डेटा प्रोसेस करते हैं। इस कारण से, यह देश की संप्रभुता और डेटा प्राइवेसी के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है।
कई देशों में AI टूल के इस्तेमाल पर बैन
बता दें कि अमेरिका की सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने चीनी एआई टूल DeepSeek के इस्तेमाल को बैन कर दिया है। DeepSeek को डेटा प्राइवेसी जोखिमों का हवाला देते हुए बैन किया गया है। चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन इस समय भारत दौरे पर हैं। वे भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के भविष्य को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर ये एआई टूल इतने खतरनाक क्यों हैं?
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क्यों हैं ये एआई टूल्स खतरनाक?
- डेटा सुरक्षा : जब भी कोई एआई टूल्स जैसे ChatGPT, DeepSeek आदि को किसी कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस में इंस्टॉल किया जाता है, तो यह ऐप्स कई तरह की परमिशन मांगते हैं। इन परमिशन के जरिए, इन कंपनियों को डिवाइस पर मौजूद संवेदनशील डेटा तक पहुंच मिल सकती है। यदि कोई सरकारी कर्मचारी अनजाने में इन्हें परमिशन दे देता है, तो यह दस्तावेज़ों और फाइल्स के लीक होने का कारण बन सकता है।
- विदेशी सर्वर पर डेटा : अधिकांश एआई टूल्स के सर्वर विदेशों में स्थित होते हैं और यह डेटा माइनिंग के खतरे पैदा कर सकता है। खासकर चीनी एआई मॉडल DeepSeek R1 के साथ विवाद बढ़ रहा है क्योंकि इसका डेटा सेंटर चीन में है, जिससे यह डेटा लीक और सुरक्षा उल्लंघन का कारण बन सकता है। कई देशों ने इसे बैन किया है और अब भारत में भी इसपर बैन लगाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
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