ChatGPT : असिस्टेंट प्रोफसर द्वारा चैट जीपीटी से पेपर तैयार करने का मामला सामने आया है। यह पेपर नेशनल लेवल के सेमिनार में प्रस्तुत किया गया गया। इससे न केवल संबंधित कॉलेज, बल्कि छत्तीसगढ़ के पूरे उच्च शिक्षा विभाग को किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है।
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प्राचार्य से किया जवाब तलब
उच्च शिक्षा विभाग में चैट-जीपीटी से लेख तैयार करने का मामला सामने में आया है। इस लेख को राष्ट्रीय सेमीनार में प्रस्तुत किया गया था। इस पूरे मामले पर उच्च शिक्षा सचिव प्रसन्ना आर ने नाराजगी जताई है। उन्होंने रायपुर के एक सरकारी कॉलेज के प्राचार्य से जवाब तलब किया है।
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क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों शासकीय डिग्री कॉलेज रायपुर में समाजशास्त्र विभाग की ओर से राष्ट्रीय स्तर का एक सेमीनार आयोजित किया गया था। इसका विषय ग्लोबलाइजेशन एंड इंडियन फेमिली चेंजिंग सिनारियों एंड साइजिंग चैलेंजस था।
इस सेमीनार में उच्च शिक्षा सचिव प्रसन्ना आर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। 22 अक्टूबर को आयोजित हुए इस सेमीनार में प्रस्तुतिकरण के दौरान कुछ लेख भी प्रदर्शित किए गए।
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इसमें अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ. दिनेश कुमार मस्ता का लेख भी शामिल था। जानकारी के अनुसार यह लेख चैट-जीपीटी के माध्यम से बनाया गया था। इस लेख को लेकर उच्च शिक्षा सचिव ने सेमीनार के बीच में ही डॉ. मस्ता से कुछ सवाल किए।
उन्होंने पूछा कि क्या आपने लेख चैट-जीपीटी में बनाया है। उन्होंने पूछा कि क्या चैट-जीपीटी से तैयार लेख को राष्ट्रीय सेमीनार में प्रदर्शित किया जा सकता है। इसका जवाब डॉ. मस्ता ने हां में दिया। डॉ. मस्ता ने कहा कि इसे प्रदर्शित किया जा सकता है।
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सात दिन के अंदर कार्रवाई करने को कहा
इस मामले को उच्च शिक्षा सचिव ने गंभीरता से लेते हुए कॉलेज के प्राचार्य को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। उन्होंने प्राचार्य से कहा है कि इस बात का पता लगाएं कि क्या डॉ. मस्ता द्वारा प्रस्तुत लेख चैट-जीपीटी में तैयार किया गया था। यदि हां, तो क्या इस तरह के लेख को ऐसे राष्ट्रीय सेमीनार में प्रदर्शित किया जा सकता है।
उच्च शिक्षा सचिव ने यहां तक कहा है कि यदि लेख तैयार करने के लिए चैट-जीपीटी का उपयोग नहीं किया जा सकता तो सात दिन के अंदर सहायक प्राध्यापक डॉ. दिनेश कुमार मस्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाए और इसकी सूचना उनके कार्यालय को दी जाए।
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