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Photograph: (thesootr)
जीएसटी दरों में अब एक महत्वपूर्ण बदलाव ( GST rate rationalisation ) किया गया है, जिससे कई वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं। वर्तमान में भारत में चार GST स्लैब थे - 5%, 12%, 18%, और 28%, जो अब बदलकर सिर्फ दो स्लैब, 5% और 18%, में समाहित कर दिए जाएंगे।
जीएसटी दरों को आसान बनाने के लिए बनी जीएसटी काउंसिल ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की सिफारिशों पर अब अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की अगली मीटिंग में लिया जाएगा, जो सितंबर में होगी।
GoM की बैठक और निर्णय
GST दरों में बदलाव के लिए बैठक में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि नया टैक्स सिस्टम छोटे व्यापारियों, किसानों, और मिडल क्लास के लिए फायदेमंद होगा।
वर्तमान जीएसटी दरों की स्थिति...
- 5%
- 12%
- 18%
- 28%
इन चार जीएसटी स्लैब के तहत सामान और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स दरें लागू थीं, जिससे टैक्स सिस्टम जटिल हो गया था। अब, यह स्लैब घटाकर सिर्फ दो (5% और 18%) कर दिए जाएंगे।
छोटे कारोबारियों को फायदा
यह नया सिस्टम छोटे व्यापारियों और आम लोगों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि अब जीएसटी के पालन में आसानी होगी, और कम टैक्स स्लैब्स के कारण कारोबारियों के लिए compliance सरल हो जाएगा।
- 12% स्लैब के अधिकांश सामान अब 5% स्लैब में होंगे, जिससे उनकी कीमत में कमी आएगी।
- 28% स्लैब वाले अधिकतर सामान 18% स्लैब में आएंगे, जिससे उनकी कीमत भी कम होगी।
क्यों किया गया यह बदलाव?
सरकार का मानना है कि जीएसटी दरों की जटिलता को कम करने से टैक्स चोरी में कमी आएगी, और कर अनुपालन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह व्यवस्था आम लोगों के लिए आसान होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से व्यापारियों को भी अधिक आसानी होगी और वे टैक्स चोरी से बच सकेंगे।
GST स्लैब्स में बदलाव की प्रमुख बातें...1. अब सिर्फ दो स्लैब्स: 5% और 18%👉 पहले जीएसटी में चार स्लैब्स थे: 5%, 12%, 18%, और 28% 👉 अब केवल दो स्लैब्स होंगे: 5% और 18% यह बदलाव 12% और 28% स्लैब्स को खत्म करेगा। 2. 5% टैक्स: जरूरी सामान और सेवाओं पर👉 इस स्लैब में उन सामानों और सेवाओं को रखा जाएगा, जो आम आदमी के लिए जरूरी हैं। 👉 इससे लोगों को रोजमर्रा की चीजों पर कम खर्च करना होगा। 3. 18% टैक्स: सामान्य कैटेगरी के सामान पर👉 18% स्लैब में उन वस्तुओं को रखा जाएगा, जो सामान्य उपयोग के लिए हैं। 👉 इस स्लैब में अधिकांश आम उपयोग की वस्तुएं आती हैं। 4. 40% टैक्स: 'सिन गुड्स' पर (40% Tax: On Sin Goods)👉 शराब, तंबाकू, जुआ, सॉफ्ट ड्रिंक, फास्ट फूड जैसी चीजों पर 40% टैक्स जारी रहेगा। 👉 इसका उद्देश्य इन वस्तुओं की खपत को नियंत्रित करना और लोगों के स्वास्थ्य को बचाना है। |
GST में क्या होगा अगला कदम?
जीएसटी की इस नई प्रणाली को लेकर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में लिया जाएगा, जो सितंबर में होगी। इस बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों की सहमति प्राप्त की जाएगी और फिर यह सिस्टम लागू किया जाएगा।
इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी छूट
बैठक में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव था कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी को पूरी तरह माफ कर दिया जाए। इस कदम से लोगों को और राहत मिल सकती है, हालांकि इससे सरकार को करीब 9,700 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हो सकता है।
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