वैज्ञानिक ने माना भगवान होते हैं, गणित के इस फार्मूले से किया साबित

डॉ. विली सून ने एक गणितीय फार्मूले को भगवान के अस्तित्व का प्रमाण बताया है। उनका तर्क 'फाइन ट्यूनिंग थियोरी' पर आधारित है। इसमें उन्होंने कई तर्क रखे।

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Rohit Sahu
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हार्वर्ड के वैज्ञानिक डॉ. विली सून ने एक गणितीय फार्मूले (Mathematical Formula) को भगवान के अस्तित्व का प्रमाण बताया है। उनका तर्क है कि फाइन ट्यूनिंग थियोरी ऐसी थ्योरी है, जो दर्शाती है कि ब्रह्मांड के भौतिक नियम जीवन के अनुकूल हैं। प्रसिद्ध गणितज्ञ पॉल डिराक और स्टीफन हॉकिंग की थ्योरी भी इस बहस को नया मोड़ देती हैं। 

भगवान के अस्तित्व पर गणितीय प्रमाण का दावा

भगवान के अस्तित्व पर वैज्ञानिकों और आम लोगों के बीच लगातार बहस होती रही है। Astrophysicist (खगोल भौतिकीविद्) और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. विली सून ने दावा किया है कि एक गणितीय फार्मूले से ईश्वर के अस्तित्व (God's Existence) को प्रमाणित किया जा सकता है। उन्होंने टकर कार्लसन नेटवर्क चैनल पर बोलते हुए 'फाइन ट्यूनिंग थियोरी' पेश की, जो यह बताती है कि ब्रह्मांड के भौतिक नियम इतनी सटीकता से संतुलित हैं कि यह केवल संयोग नहीं हो सकता। 

डॉ. सून ने क्या कहा, यहां सुने

टकर कार्लसन नेटवर्क चैनल को दिए इंटरव्यू में डॉ. विली सून (Dr Willie Soon) ने ईश्वर के होने की थ्योरी पेश की है। इस वीडियो में 40 वें मिनट पर वे ईश्वर के अस्तित्व पर बात करते हुए नजर आ रहे हैं। 

क्या है यह गणितीय फार्मूला?

यह फार्मूला सबसे पहले प्रसिद्ध गणितज्ञ पॉल डिराक ने प्रस्तुत किया था। यह इस विचार को मजबूत करता है कि ब्रह्मांड की कई विशेषताएं इतनी सटीक हैं कि इसे केवल गणित के नियमों से ही समझाया जा सकता है। 1963 में डिराक ने लिखा था कि प्रकृति के मूलभूत नियम गणितीय संरचना में हैं और इसे समझने के लिए उच्च स्तरीय गणित की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "शायद भगवान गणितज्ञ हैं और उन्होंने ब्रह्मांड को एक उच्च गणितीय संरचना में डिजाइन किया है।"

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डॉ. विली सून का तर्क

टकर कार्लसन के पॉडकास्ट पर बोलते हुए, डॉ. सून ने डिराक की थियोरी का हवाला देते हुए कहा कि ब्रह्मांड की शक्तियां हमें जीवन जीने का अवसर देती हैं, जिसे संयोग नहीं कहा जा सकता। उन्होंने दावा किया कि ब्रह्मांड के गणितीय समीकरण किसी दैवीय शक्ति के हस्ताक्षर भी हो सकते हैं।

स्टीफन हॉकिंग ने क्या कहा था

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वैज्ञानिक आमतौर पर धर्म और विज्ञान को अलग रखने की कोशिश करते हैं। महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) ने अपनी अंतिम किताब में ईश्वर और परलोक पर विचार प्रस्तुत किए थे। उन्होंने कहा था कि "यदि आप चाहें तो ब्रह्मांडीय नियमों को ईश्वर का काम कह सकते हैं, लेकिन यह उसकी परिभाषा मात्र हो सकती है।" हॉकिंग ने यह भी कहा था कि ब्रह्मांड के बनने की प्रक्रिया को विज्ञान से समझाया जा सकता है, ईश्वर की आवश्यकता नहीं है।

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वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण

यह बहस केवल वैज्ञानिक समुदाय तक सीमित नहीं है। दुनिया में हमेश ईश्वर के अस्तित्व (God Exists) पर सवाल होते हैं।अब इस फार्मूले पर भी लोगों के मत अलग अलग हैं। धर्म से जुड़े लोग इस तर्क को ईश्वर के अस्तित्व (Does God exists) का समर्थन मानते हैं, जबकि कई वैज्ञानिक इसे महज गणितीय संगति करार देते हैं। 

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