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ROHTAK. हरियाणा पुलिस में तैनात ASI संदीप कुमार ने 14 अक्टूबर, मंगलवार को आत्महत्या कर ली। उन्होंने सर्विस रिवॉल्वर से अपने मामा के खेत में आत्महत्या की। घटना के दौरान मौके पर एक प्रवासी मजदूर मौजूद था। रोहतक पुलिस ने जवान के सुसाइड पर प्रेस नोट जारी किया है। नोट में बताया गया है कि ASI ने गांव लाढ़ौत के खेत में आत्महत्या की है। उन्होंने अपनी सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मारी। इससे पहले 7 अक्टूबर को IPS वाई पूरन कुमार ने सुसाइड कर लिया था। इन दोनों घटनाओं से प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है।
सुसाइड से पहले जारी किया था वीडियो
रोहतक में ASI संदीप कुमार ने आत्महत्या से पहले वीडियो जारी किया था। उन्होंने पूरन कुमार की आत्महत्या पर सवाल उठाए। संदीप कुमार आईपीएस पूरन कुमार के गनमैन से जुड़े केस की जांच टीम में थे। तीन पन्नों के सुसाइड नोट और वीडियो में उन्होंने पूरन कुमार पर गंभीर भ्रष्टाचार और जातिवाद का आरोप लगाया था।
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50 करोड़ की डील
ASI ने आरोप लगाते हुए कहा कि IPS पूरन कुमार ने सदर थाना मर्डर केस में पैसे लिए थे। राव इंद्रजीत को बचाने के लिए 50 करोड़ रुपए की डील की गई थी। उन्होंने पूरन कुमार पर अपनी जाति के भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया।
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जातिवाद फैलाने का आरोप
ASI ने सुसाइड नोट में जातिवाद फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रोहतक रेंज में तबादले के बाद IPS पूरन कुमार ने अपनी जाति के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को तैनात किया। ईमानदार अफसरों को साइडलाइन कर दिया गया। फाइलों के नाम पर डराकर पैसे लेने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बेवजह जांच बुलाकर मेंटल टॉर्चर करने का भी आरोप लगाया।
सुसाइड नोट में संदीप ने महिला पुलिसकर्मियों के शोषण का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों को ट्रांसफर के नाम पर परेशान किया गया। कुछ मामलों में यौन शोषण भी हुआ। नागरिकों और व्यापारियों से मोटी रिश्वत ली गई। उन्होंने लिखा कि पूरन कुमार ने अपराध को बढ़ावा दिया।
पूरन कहते थे कि मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा
संदीप ने नोट में राजनीतिक और अफसरशाही परिवार की धौंस का जिक्र किया। उन्होंने लिखा पूरन कहते थे कि मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा। घरवाली आईएएस है, साला एमएलए है और परिवार एससी आयोग में है। इसी ताकत के बल पर पूरन कुमार ने भ्रष्टाचार किया। कोई उन्हें रोक नहीं सका।
नोट में संदीप ने हरियाणा के डीजीपी की तारीफ की है। उन्होंने लिखा कि राज्य में कई आईएएस अधिकारी भ्रष्ट हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ईमानदार अधिकारी भ्रष्टाचार रोकने की कोशिश कर रहे हैं। डीजीपी साहब ईमानदार और निडर व्यक्ति हैं।
IPS पूरन ने क्या लगाए थे आरोप
IPS पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को सुसाइड नोट लिखा था। नोट में डीजीपी और मुख्य सचिव सहित कई अधिकारियों पर आरोप लगे। उन्होंने जातिगत प्रताड़ना और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल बताया। झूठे मामलों में फंसाने की साजिश का भी आरोप लगाया। इस मामले ने विपक्ष को हरियाणा सरकार पर हमला करने का मौका दिया।
पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में कई शीर्ष अधिकारियों के नाम लिखे। उन्होंने मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पी.के. अग्रवाल और राजीव अरोड़ा का उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि इन्हीं अधिकारियों ने मिलकर जातिगत उत्पीड़न किया। शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि IPS कुलविंदर सिंह ने उन्हें धमकाया। IPS माटा रवि किरण ने फोन पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। पूरन ने लिखा कि अब वह और सहन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा जो लोग उन्हें इस स्थिति तक लाए, वही मौत के जिम्मेदार हैं।
जाति आधारित भेदभाव
पूरन कुमार ने नोट में जाति आधारित भेदभाव का उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि उन्हें सामाजिक बहिष्कार और मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह केवल निष्पक्ष व्यवहार चाहते थे। प्रमोशन, पोस्टिंग और छुट्टियों में उनके साथ भेदभाव हुआ।
DGP और SP पर गंभीर आरोप
पूरन ने नोट के अंतिम हिस्से में सीधे आरोप लगाए। उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजरानिया का नाम लिया। डीजीपी ने बिजरानिया को झूठे मामलों में फंसाने के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। इसका उद्देश्य उनकी गरिमा को नुकसान पहुंचाना बताया गया।