टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और देश के उद्योग जगत के नायाब रतन कहे जाने वाले रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे। बुधवार देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्षीय रतन टाटा ने अंतिम सांस ली। पद्म विभूषण रतन टाटा से पूरा देश प्रेम करता है। देश में इतना सम्मान शायद ही किसी बिजनेसमैन को मिला हो।
कहां होगा अंतिम संस्कार?
पद्म विभूषण रतन टाटा का आज मुंबई में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। दोपहर 3:30 बजे यात्रा निकलेगी। वहीं, इसको लेकर झारखंड में एक दिन का शोक रखा गया है। महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
कौन संभालेगा टाटा ग्रुप की कमान?
रतन टाटा के निधन के बाद अब देश में चर्चाएं चल रही हैं कि उनके बाद टाटा ग्रुप की कमान कौन संभालेगा और कौन उनका वारिस या उत्तराधिकारी होगा। 400 बिलियन डॉलर के ग्रुप की कमान को कौन आगे लेकर जाएगा। जानकारी के अनुसार इनमें रतन टाटा के सौतेले भाई, भतीजी और भतीजे के नाम शामिल है। देश की 140 करोड़ की जनता सिर्फ यही जानना चाहती है कि इतने बड़े साम्राज्य का नेतृत्व अब किसके हाथों में होगा। 2017 से एन चंद्रशेखरन होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। वहीं परिवार के अन्य सदस्य कारोबार के अलग-अलग हिस्सों को संभाल रहे हैं।
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क्या सौतेले भाई संभालेंगे ग्रुप को?
रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल नवल टाटा उनके उत्तराधिकारी के लिए प्रमुख उम्मीदवार बताए जा रहे हैं। वे सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट, सर रतन टाटा ट्रस्ट, जेएन टाटा एंडोमेंट और बाई हीराबाई जेएन टाटा नवसारी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन से जुड़े हुए हैं। वे टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास लिमिटेड, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष और टाइटन कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष भी हैं। नोएल नवल टाटा कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड और स्मिथ पीएलसी के बोर्ड में भी जुड़े हैं।
कौन है माया टाटा?
नोएल टाटा की छोटी बेटी माया टाटा ने अपना करियर टाटा समूह की प्रमुख फाइनेंशियल सर्विसेस-टाटा कैपिटल में एनालिस्ट के रूप में शुरू किया। ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, माया ने अपनी पढ़ाई यूके के बेयस बिजनेस स्कूल और वारविक विश्वविद्यालय से की है। उन्होंने कई टाटा कंपनियों में काम किया है। उन्हें भी टाटा समूह का उत्तराधिकारी बनाए जाने की चर्चाएं चल रही हैं।
नोएल टाटा के दूसरे बेटे नेविल टाटा
नेविल टाटा, नोएल टाटा और अलू मिस्त्री के दूसरे बेटे हैं। उन्होंने समूह की रिटेल चैन-ट्रेंट से अपनी करियर की शुरुआत की। साल की शुरुआत में उन्हें टाटा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स के बोर्ड में भी जगह मिली, जो टाटा एजुकेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट, टाटा संस और सरकार द्वारा गठित एक गैर-लाभकारी ट्रैनिंग संगठन है। इस साल तीनों (लिआ, माया और नेविल) को 5 ट्रस्टों का ट्रस्टी बनाया गया है।
नोएल टाटा की बड़ी बेटी लिआह
नोएल टाटा की सबसे बड़ी बेटी लिआह टाटा ने स्पेन के मैड्रिड में IE बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वह 2006 से इस समूह से जुड़ी हुई हैं। जब वह ताज होटल्स रिसॉर्ट्स एंड पैलेस में असिस्टेंट सेल्स मैनेजर के रूप में शामिल हुईं और अब इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) में वाइस प्रेसिडेंट के रूप में काम करती हैं। वह टाटा एजुकेशन ट्रस्ट, टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट और सार्वजनिक ट्रस्ट में भी काम करती हैं।
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उत्तराधिकारी से जुड़ा यह बड़ा सवाल
बताया गया कि रतन टाटा सिर्फ टाटा समूह के अलावा समूह की परोपकारी पहलों से भी जुड़े हुए थे। ऐसे में अब उत्तराधिकारी को लेकर यह सवाल आता है कि क्या वे टाटा समूह में सामाजिक प्रभाव और अखंडता को बनाए रखने के लिए यह जिम्मेदारी उठाने के काबिल हैं या नहीं।
400 बिलियन डॉलर का ग्रुप
रिपोर्ट की मानें तो अगस्त 2024 तक टाटा ग्रुप की तमाम कंपनियों का कंबाइंड मार्केट कैप 400 बिलियन डॉलर आंकी गई है। मौजूदा समय में कंपनी की 29 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट है। ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी है। कंपनी की टीसीएस देश की दूसरी सबसे बड़ी और आईटी कंपनी है। जो इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों को पीछे छोड़ नंबर 1 पायदान पर काबिज है।
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