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hindenburg research
अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी यात्रा समाप्त करने का निर्णय लिया है। फाउंडर नाथन एंडरसन ने बुधवार रात एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए इस बात की पुष्टि की। 2017 में स्थापित यह कंपनी शेयर बाजार में हो रही अनियमितताओं और वित्तीय घोटालों को उजागर करने के लिए जानी जाती है। इधर शेयर मार्केट खुलते ही इस खबर का इसर अडानी के शेयरों पर देखने को मिल रहा है। अडानी के शेयर मे 9 फीसदी की तेजी दिखाई दे रही है।
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कंपनी बंद करने का कारण
नाथन एंडरसन ने अपने नोट में लिखा कि उन्होंने परिवार, दोस्तों और टीम के साथ चर्चा के बाद यह फैसला लिया। उनका कहना है कि अब वे अपने जीवन को नई दिशा देना चाहते हैं। कंपनी बंद करने का कोई बड़ा खतरा, स्वास्थ्य समस्या, या व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है।
हिंडनबर्ग की उपलब्धियां
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई बड़ी कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट जारी की, जिनमें अडाणी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज शामिल हैं। 2024 में कंपनी ने SEBI चीफ माधबी पुरी बुच पर अडाणी ग्रुप से जुड़े वित्तीय घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाया था।
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नाम का ऐतिहासिक महत्व
हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम 1937 के हिंडनबर्ग एयर स्पेसशिप हादसे से प्रेरित है। इस दुर्घटना में 35 लोगों की मौत हुई थी। नाथन एंडरसन का मानना था कि यह घटना बचाई जा सकती थी, अगर पूर्व घटनाओं से सबक लिया गया होता।
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आगे की योजनाएं
नाथन एंडरसन ने कहा कि अब वे परिवार के साथ समय बिताने, यात्रा करने और अपने शौक पूरे करने पर ध्यान देंगे। वे अपनी टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
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