NEW DELHI. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार, 12 मार्च को फिर नागरिकता संशोधन कानून ( CAA) के नियमों को और स्पष्ट करने का प्रयास किया। गृह मंत्रालय ने कहा है कि 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों को किसी भी स्थिति में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) से डरने की जरूरत नहीं है। इससे उनकी ( भारतीय मुसलमानों ) नागरिकता और समुदाय पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वे भारत में रहने वाले हिंदुओं की तरह ही अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।'
गृह मंत्रालय ने लॉन्च किया वेब पोर्टल
इससे पहले मंगलवार ( 12 मार्च को ) सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA के तहत भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल लॉन्च किया गया। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
केंद्र ने सोमवार (11 मार्च ) को CAA का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया। असल में मुस्लिमों के एक धड़े ने CAA को लेकर चिंता जताई थी। गृह मंत्रालय ने इसी को स्पष्ट किया है।
गृह मंत्रालय ने कहा- इस्लाम शांतिप्रिय धर्म
तीन मुस्लिम देशों ( अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश ) में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के कारण पूरी दुनिया में इस्लाम के नाम पर असर पड़ा है। इस्लाम एक शांतिप्रिय धर्म है, जिसमें धार्मिक आधार पर न तो नफरत और न ही हिंसा की बात कही गई है।
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CAA इस्लाम कां कलंकित होने से बचाता है
CAA उत्पीड़न के नाम पर इस्लाम को कलंकित होने से बचाता है। भारत का पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है, जिसके तहत प्रवासियों को वहां वापस भेजा जा सके। सिटिजनशिप एक्ट अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की बात नहीं कही गई है। कुछ मुसलमानों और छात्रों समेत एक वर्ग की चिंता है कि CAA मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है, ये सही नहीं है।
सिटिजनशिप एक्ट क्या कहता है ?
सिटिजनशिप एक्ट के सेक्शन-6 के तहत दुनिया में कहीं भी रहे मुस्लिम भारतीय नागरिकता ले सकते हैं। भारतीय नागरिक बनने की इच्छा रखने वाले किसी भी विदेशी मुस्लिम प्रवासी सहित कोई भी व्यक्ति मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है।
शाह बोले- नागरिकता देना हमारे संविधान निर्माताओं का वादा था
गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के सिंकदराबाद में सोशल मीडिया वॉरियर्स मीट में कहा कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देना हमारे संविधान निर्माताओं का वादा था। इसके बावजूद कांग्रेस इसके खिलाफ बगावत करती रही। कांग्रेस पार्टी वोट बैंक की राजनीति के कारण CAA का विरोध करती थी। हमने कहा था, हम CAA लाएंगे। PM मोदी ने उनको नागरिकता देकर उनको सम्मान देने का काम किया है।